Saturday, September 10, 2016

पुलिस ने अर्जुन की बाईस साल की बहन और दूसरे गाँव मे रहने वाली अर्जुन की बीस साल की भांजी को आधी रात मे घर मे घुस कर उठा लिया .

पुलिस ने अर्जुन की बाईस साल की बहन और दूसरे गाँव मे रहने वाली अर्जुन की बीस साल की भांजी को आधी रात मे घर मे घुस कर उठा लिया .

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हिमांशु कुमार
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कल जगदलपुर कोर्ट ने दो लड़कियों को उनके माँ बाप को सौंपने की याचिका खारिज कर दी ।
मामले को इस तरह समझिए
आप के तीन बच्चे हैं
आपकी कालोनी को खाली करा कर एक गुंडा इकबाल अपना दारू का अड्डा खोलना चाहता है
लेकिन आपकी कालोनी वाले इसका विरोध कर रहे हैं
इतवार को इस बारे मे मोहल्ले की मीटिंग हुई
आपके सोलह साल के हाई स्कूल मे पढ़ने वाले बेटे ने भी उसमे जोरदार भाषण दिया,
अगले दिन आपका बेटा स्कूल से घर आया ,
खाना खाकर आपका बेटा आपसे बात कर रहा था ,
तभी बदमाश थानेदार रशीद के साथ पुलिस वाले आपके घर मे घुसे और आपके बेटे को घसीटते हुए अपने साथ ले गए
आप अपने वकील के पास गए
अदालत मे आप के वकील ने साबित कर दिया की आपका बेटा नाबालिग है और बेकसूर भी है
अदालत ने आपके बेटे को जमानत पर रिहा कर दिया
जेल से लौट कर आपका बेटा आपके साथ घर मे सोया हुआ था
तभी पुलिस वाले दरवाजा तोड़ कर आपके घर मे घुसते है
थानेदार रशीद कहता है की तुम लोगों की इतनी हिम्मत कि तुम लोग इकबाल भाई के खिलाफ अदालत तक जाओ
देखो तुम्हारी अदालत की ऐसी की तैसी
और थानेदार इकबाल आपके बेटे को गोली मार देता है
आपका बेटा आपके सामने खून से लथपथ होकर तड़पते तड़पते मर जाता है
आप लोग शोक मे डूबे हुए हैं
रात को आप सब घर मे सोये हुए हैं
तभी थानेदार रशीद सिपाहियों के साथ आपके घर मे रात को दो बजे घुसता है और आपकी 22 साल की बेटी को उठा कर अपने साथ ले जाता है ।
उसके कुछ देर बाद थानेदार रशीद दूसरे शहर मे रहने वाली आपकी बेटी की 20 साल की लड़की को भी उठा कर ले जाता है
आप पुलिस की शिकायत ले कर अदालत मे जाते हैं
अदालत मे थानेदार रशीद कहता है कि हमने लड़कियों को नहीं उठाया है बल्कि वो दोनों लड़कियां बदमाश थीं और उन्होने अपनी बदमाशी छोड़ कर शरीफ बनने का फैसला किया था , इसलिए दोनों लड़कियां खुद पुलिस के पास आई थीं ।
अब पुलिस ने उन दोनों लड़कियों को पुलिस की हिफाज़त मे इकबाल भाई के कालेज मे भर्ती कर दिया है । जहां हमारे पुलिस वाले गेट पर खड़े होकर पहरा दे रहे हैं ।
और अदालत ने थानेदार रशीद की बात मान ली
अदालत ने आपकी शिकायत खारिज कर दी
अब आप क्या करेंगे ?

ठीक यही कल छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले मे हुआ है
पुलिस ने चाँदमेट्टा गाँव मे जाकर एक नाबालिग लड़के अर्जुन को पकड़ कर जेल मे डाल दिया
वकील ने अदालत मे साबित कर दिया कि यह लड़का नाबालिग है और निर्दोष है
अदालत ने अर्जुन को जमानत पर रिहा कर दिया ,
पुलिस ने इसी साल पंद्रह अगस्त को घर जाकर अर्जुन को गोली से उड़ा दिया
पाँच दिन बाद जाकर पुलिस ने अर्जुन की बाईस साल की बहन और दूसरे गाँव मे रहने वाली अर्जुन की बीस साल की भांजी को आधी रात मे घर मे घुस कर उठा लिया
अर्जुन के घर वाले सोनी सोरी के पास आए
सोनी सोरी परिवार वालों को लेकर कमिश्नर के पास गई
पुलिस ने घबरा कर फटाफट मीडिया मे फर्जी खबर फैला दी कि ये दोनों लड़कियां नक्सलवादी थीं और इन दोनों लड़कियों ने तो पुलिस के सामने अपनी मर्ज़ी से आत्म समर्पण किया है
लड़कियों के परिवार वालों ने अदालत मे अपनी लड़कियों के पुलिस द्वारा अपहरण की अर्ज़ी लगाई
पुलिस ने अदालत मे जवाब दिया कि दोनों लड़कियों ने पुलिस के सामने अपनी मर्ज़ी से आत्म समर्पण किया था
और अब लड़कियां लाइवलीहुड कालेज मे प्रशिक्षण ले रही हैं
अदालत ने ना तो लड़कियों को अदालत मे बुलाया , ना ही लड़कियों का बयान लिया
अदालत ने पुलिस के बयान पर यकीन कर लिया और माता पिता की अर्ज़ी खारिज कर दी
अब हम जगदलपुर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ ऊपरी कोर्ट मे अपील करेंगे
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