Thursday, September 29, 2016

बस्तर में प्रजातंत्र ख़त्म,पुलिस और सुरक्षा बल ही शासन चला रहे-- सर्व आदिवासी समाज बस्तर


बस्तर में प्रजातंत्र ख़त्म,पुलिस और सुरक्षा बल ही शासन चला रहे
सर्व आदिवासी समाज बस्तर



बस्तर प्रहरी
गुरुवार, 29 सितंबर 2016


सर्व आदिवासी समाज का प्रतिनिधि मंडल घटना स्थल ग्राम सांगवेल पहुच कर वास्तुस्थिति का जायजा लिया प्रतिनिधि मंडल ने मृतक सोनकू के पिता पायको, और बिजलू के पिता नडगी, बुआ मासो, मामा लक्ष्मण व ग्राम गड़दा भटपाल के ग्रामीण एवं ग्राम सांगवेल व बुरगुम के ग्रामीणों से बयान दर्ज किया गया ।


बस्तर संभाग में प्रजातंत्र ख़त्म हो चुका है, ऐसा लगता है पुलिस और सुरक्षा बल ही शासन चला रहे  है जो संविधान व आदिवासी जिलो का पूर्णत उल्घंन कर रहे है बस्तर में पुलिस शासन लागू हो गया है , हर दिन निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बता कर मारा जा रहा है हाल ही में सुरक्षा बलों द्वारा दो निर्दोष नाबालिक आदिवासी बच्चो को नक्सली बता कर सुरक्षा बल के जवानो ने हत्या कर दिया था उक्त घटना की वास्तुस्थिति जानने सर्व आदिवासी समाज का प्रतिनिधि मंडल घटना स्थल पहुंचा



सर्व आदिवासी समाज का प्रतिनिधि मंडल दिनाक 28 अक्तूबर दिन बुधवार को बस्तर जिले के बास्तानार विकास खंड अंतर्ग्रत सांगवेल में पुलिस द्वारा दो नाबालिक युवको की हत्या कर नक्सली मुठभेड़ बताया गया था । सर्व आदिवासी समाज का प्रतिनिधि मंडल घटना स्थल ग्राम सांगवेल पहुच कर वास्तुस्थिति का जायजा लिया प्रतिनिधि मंडल ने मृतक सोनकू के पिता पायको, और बिजलू के पिता नडगी, बुआ मासो, मामा लक्ष्मण व ग्राम गड़दा भटपाल के ग्रामीण एवं ग्राम सांगवेल व बुरगुम के ग्रामीणों से बयान दर्ज किया गया ।

प्रतिनिधि मंडल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सोनकू और बिजलू नाबालिक था जो पोटाकेबिन के छात्र थे जिसे पुलिस जवानो द्वारा निर्मम हत्या कर इसे फर्जी नक्सली मुठभेड़ बनाया गया है, और पुलिस के आला अधिकारियो द्वारा बुरगुम थाने को इनाम से नवाजा गया है, प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि पुलिस के आला अधिकारी के निर्देशअनुसार ही सुरक्षा बल आदिवासियों की हत्या कर नक्सली नाम दिया जा रहा है ।

प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि आदिवासी समाज ने अपनी सामाजिक जाँच दल गठित कर पिछले साल व इस साल का हर घटना चाहे वह महिलाओं बच्चो के उत्पीडन का हो या नक्सली के नाम पर मारे गए व्यक्तियों का सच्चाई , वस्तुस्थिति जानने का कार्य किया गया है , और हर जाँच का निष्कर्ष यह निकला है की पुलिस के दावे खोखले साबित हो रहे है, सभी मामलो में मारे गये आदिवासी निर्दोष निकले व महिलाओं पर पुलिस व सुरक्षा बलों द्वारा शोषण किया गया है ।

प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि पहुचविहीन ग्रामो में पुलिस अधिकारी खुलेआम गाँव वालो को पुलिस के खिलाफ बयान देने पर नक्सली ग्राम घोषित कर मारने की धमकी देते है बस्तर संभाग में पुलिस व सुरक्षा बल सुनियोजित षडयंत्र के आदिवासियों को फर्जी नक्सली मामलो में हत्या कर रहे है, बन्दुक की नोक पर आदिवासियों पलायन के लिए  मजबूर कर रहे है, पुलिस सुरक्षा बल द्वारा निरंतर हत्या व आदिवासियों को पलायन हेतु मजबूर करना शासन-प्रशासन द्वारा प्रायोजित है, जिससे आदिवासियों को खत्म कर जल,जंगल,जमीन को लुटने का पूरा शासन-प्रशासन का षडयंत्र है ।

प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि बस्तर संभाग में आदिवासी समाज में दहशत का माहौल है, ऐसा लगता है कि समाज व मानव अधिकार के लिए लड़ने वाले हर आदिवासी को पुलिस मार देगी या फिर नक्सली मुठभेड़ का फर्जी मामला बना देगी ।

सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल के अनुसार सर्व आदिवासी समाज राज्य में मिडीया व उबलब्ध सभी संवेधानिक मानवाधिकार विकल्पों के पास कई बार जा चुकी है, पर सभी से कोई रास्ता नही निकला अब आदिवासी समाज राष्ट्रपति व अंतर्राष्ट्रीय विकल्पों पर ध्यान देगी क्योकि यह आदिवासी समाज के अस्तित्व का मामला है ।

बस्तर संभाग के विभन्न जगहों पर भारी विरोध होने की खबर

जानकारी के अनुसार पुलिस और सुरक्षा बलो द्वारा आदिवासियों को नक्सली बता कर हत्या करने के खिलाफ बस्तर के वभिन्न हिस्सों से नौजावान आदिवासी युवा विरोध प्रकट करने वाले है, बस्तर संभाग पूरी तरह से पुलिस संभाग के रूप में तब्दील हो चुका है जहा रोजाना आदिवसियो के साथ आत्याचार, दमन शोषण की घटनाए बढ़ गई है
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