Wednesday, September 14, 2016

लखनऊ: BBAU यूनिवर्सिटी के टॉपर दलित छात्रों को कॉलेज से निकाला गया


लखनऊ: BBAU यूनिवर्सिटी के टॉपर दलित छात्रों को कॉलेज से निकाला गया





Created By : नेशनल दस्तक ब्यूरो Date : 2016-09-14Time : 14:57:36 PM

लखनऊ। BBAU यूनिवर्सिटी के जिन आठ दलित छात्रों को बर्खास्त किया गाय है उसमें से एक छात्र पीएचडी एंट्रेंस में टॉपर है। जबकि दूसरा छात्र दूसरे नंबर पर है। दरअसल जिन आठ दलित छात्रों को बर्खास्त किया गया है उसमें श्रेयत बौद्ध (एम.ए. इतिहास) पीएचडी एंट्रेस में जनरल कैटेगरी में टॉपर हैं।

संदीप शास्त्री भी पीएचडी एंट्रेंस में दूसरे नंबर पर आए हैं। वहीं कुल आठ छात्रों को मारपीट करने का आरोप लगाकर बर्खास्त कर दिया गया है। निकाले गए दलित छात्र हैं संदीप गौतम (बीएड), जय सिंह (बीएड), रामेंद्र नरेश (बीएड), अजय कुमार (पीएच.डी, कैमेस्ट्री), संदीप साहू (एमए. इतिहास), अश्विनी रंजन (फोरेंसिक साइंस),  सुमित कुमार (फोरेंसिक साइंस)। इन छात्रों को हॉस्टल तक खाली करने के लिए कह दिया गया है

रोहित वेमुला के समर्थन में BBAU यूनिवर्सिटी में पीएम को दिखाए थे काले झंडे

दरअसल लखनऊ के BBAU यूनिवर्सिटी में दलित छात्रों के खिलाफ अत्याचार तबसे बढ़ गया है जब पीएम नरेंद्र मोदी को इसी यूनिवर्सिटी में दलित छात्रों ने रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या के खिलाफ काले झंडे दिखाए थे और गो बैक का नारा दिया था। इसी यूनिवर्सिटी की उसी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने रोहित को देश का बेटा कहा था।

तभी से दलित छात्रों पर अपर कास्ट का यूनिवर्सिटी प्रशासन कहर ढा रहा है। अब पीएचडी में टॉप करनेवाले श्रेयत बौद्ध को बर्खास्त कर दिया गया है। जिससे साफ है कि रोहित की तरह तेजतर्रार दलित छात्रों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है। इसी यूनिवर्सिटी में पहली बार पीएम मोदी का दो दलित छात्र राम करन निर्मल और अमरेंद्र कुमार आर्य ने विरोध किया था। हाय हाय के नारे लगाए थे। रोहित वेमुला के लिए इंसाफ की मांग की थी।

क्या जानबूझकर दलित टॉपर छात्रों को बनाया जाता है निशाना ?

जिस तरह से हैदराबाद यूनिवर्सिटी में टॉपर रोहित वेमुला को मरने के लिए मजबूर किया गया। रोहित को भी पहले कॉलेज से बर्खास्त किया गया था। फिर हॉस्टल से निकाल दिया गया था। ठीक उसी तरह लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ किया जा रहा है। श्रेयत बौद्ध साधारण टीचर के बेटे हैं।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। वो BBAU में एमए में भी टॉपर रहे हैं। अब पीएचडी के एंट्रेस में भी जनरल कैटेगरी में टॉप किया है। लेकिन उन्हें आठ दूसरे दलित छात्रों के साथ बर्खास्त कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बेहतरीन दलित छात्रों को जातिवादी लोग निशाना बना रहे हैं।

क्या आरएसएस के इशारे पर हो रहा है सारी कार्रवाई ?


जिस तरह से लखनऊ के BBAU यूनिवर्सिटी में आने पर पीएम मोदी का रोहित वेमुला की हत्या के विरोध में काले झंडे दिखाए गए थे। जिस तरह से दलित छात्रों ने गो बैक का नारा दिया था। तभी से BBAU यूनिवर्सिटी के दलित छात्रों का उत्पीड़न शुरू हो गया है। अब आठ छात्रों को बर्खास्त कर दिया गया है।

ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये सब एबीवीपी और आरएसएस के इशारे पर हो रहा है। क्योंकि यहां भी मारपीट का मामला बताया जा रहा है। लेकिन ना कोई जांच हुई। ना कोई पैनल बना। सीधे छात्रों को बर्खास्त कर दिया गया।
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