Thursday, September 29, 2016

आतंक का पर्याय बन चुके आईजी एसआरपी कल्लूरी को तत्काल बर्खास्त किया जाए- छत्तीसगढ़ कांग्रेस


* भाजपा सरकार आदमखोर हो चुकी है ,


भाजपा सरकार के मुंह में आदिवासियों का खून लग गया है
* दोनों  छात्रों का नक्सलवाद या नक्सली गतिविधियों से कोई सरोकार नहीं था।
* आतंक का पर्याय बन चुके आईजी एसआरपी कल्लूरी को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
* कांग्रेस ने मांग की है कि पहले इस एनकाउंटर में शामिल पुलिस कर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज हो, बस्तर में पदस्थ आईजी एसआरपी कल्लूरी को तत्काल बर्खास्त किया जाए और इस घटना की सीबीआई जांच करवाई जाए. कांग्रेस ने दोनों मृतक बच्चों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की भी मांग की.
* मीना खल्खो से लेकर मड़कम हिड़मे तक दर्जनों मामलों से साबित हो गया है कि रमन सिंह सरकार माओवाद या नक्सलवाद से निपटने की आड़ में निरीह और निर्दोष आदिवासियों को प्रताड़ित कर रही है.
* अगर नक्सली हिंसा छोड़ने के लिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं तो रमन सिंह सरकार उनके हाथ में फिर से बंदूक थमाकर उन्हें फिर हिंसा में शामिल क्यों कर रही है।
** छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने पत्रकार  वार्ता में लगाये गंभीर आरोप.
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रायपुर/29 सितंबर 2016। बस्तर के दो नाबालिग छात्रों को नक्सली बताकर पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में मार दिया है। कांग्रेस नेताओं ने आज पत्रकारवार्ता लेकर पूरे मामले पर भाजपा सरकार और बस्तर पुलिस को बेनकाब किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव, पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री मो. अकबर, बस्तर के विधायकगण देवती कर्मा, लखेश्वर बघेल, मोहन मरकाम, दीपक बैज सहित मृतक के पिता पायको, और नड़गू ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये घटनाक्रम का ब्यौरा दिया।
कांग्रेस नेताओं ने  कहा कि माओवादियों से निपटने की आड़ में रमन सिंह सरकार निर्दोष आदिवासियों का दमन कर रही है और उन्हें बस्तर से पलायन करने पर मजबूर कर रही है।
मारे गए दोनों छात्रों के परिजनों की उपस्थिति में कांग्रेस ने मांग की है कि पहले इस एनकाउंटर में शामिल पुलिस कर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज हो, बस्तर में पदस्थ आईजी एसआरपी कल्लूरी को तत्काल बर्खास्त किया जाए और इस घटना की सीबीआई जांच करवाई जाए. कांग्रेस ने दोनों मृतक बच्चों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की भी मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कांग्रेस भवन में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में कहा कि भाजपा सरकार आदमखोर हो चुकी है। भाजपा सरकार के मुंह में आदिवासियों का खून लग गया है।
 मीना खल्खो से लेकर मड़कम हिड़मे तक दर्जनों मामलों से साबित हो गया है कि रमन सिंह सरकार माओवाद या नक्सलवाद से निपटने की आड़ में निरीह और निर्दोष आदिवासियों को प्रताड़ित कर रही है. उन्होंने कहा, “दो निर्दोष नाबालिग आदिवासी छात्रों की पुलिस द्वारा की गई हत्या को नक्सली एनकाउंटर बताना इसका नया उदाहरण है।“
उन्होंने कहा कि मारा गया बच्चा सोनकू राम कश्यप महज 16 साल का था जबकि दूसरा बच्चा बिजलू कश्यप लगभग 19-20 साल का था। बच्चों के परिजनों से मिली जानकारी के आधार पर उन्होंने कहा कि दोनों बच्चों के माता पिता के पास इस बात से पर्याप्त सबूत हैं कि दोनों छात्र थे और नक्सली संगठनों से उनका दूर दूर तक कोई नाता नहीं था.

श्री बघेल ने कहा कि सोनकू राम के घर पर बुखार से एक छह साल के बच्चे की मौत हो गई थी और ये दोनों बच्चे इसकी खबर रिश्तेदारों को देने के लिए गए थे। पैदल कई किलोमीटर चल कर जाने के कारण उन्हें देर हो गई और वे वहीं रुक गए। रिश्तेदारों की सूचना के अनुसार सुबह चार बजे के आसपास पुलिस दोनों को उठाकर ले गई। परिजनों ने इसका विरोध किया लेकिन पुलिस नहीं मानी और थोड़ी देर बाद उन्होंने गोली चलने की आवाज सुनी और फिर दोनों बच्चों की लाश मिली.
उन्होंने सवाल उठाया कि दो निहत्थे छात्रों को पुलिस को किन परिस्थितियों में गोली मारनी पड़ी इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए जो सीबीआई ही कर सकती है. दूसरा यह कि जांच की निष्पक्षता के लिए जरूरी है कि आतंक का पर्याय बन चुके आईजी एसआरपी कल्लूरी को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि जानकारी मिल रही है कि इस फर्जी एन्काउंटर में पुलिस के अलावा आत्मसमर्पण करने वाले कुछ नक्सली भी थे। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर नक्सली हिंसा छोड़ने के लिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं तो रमन सिंह सरकार उनके हाथ में फिर से बंदूक थमाकर उन्हें फिर हिंसा में शामिल क्यों कर रही है। यह अपने आपमें जांच का विषय है कि कौन लोग हैं जो समर्पण कर रहे हैं और वे क्यों फिर से बंदूक थामने को तैयार हो रहे हैं?
भूपेश बघेल ने पत्रकारों से कहा कि इस मामले को सबसे पहले कांग्रेस की विधायक श्रीमती देवती कर्मा ने उठाया था और वे उस स्थान तक भी गईं जहां बच्चों को मारा गया. वहां उन्होंने एक पांच राउंड गोली के खोखे भी देखे. इसके बाद बुधवार को कांग्रेस की जांच समिति भी सोनकु राम और बिजलू कश्यप के गांव भी गई और परिजनों से तथ्य एकत्रित किए।
श्री बघेल ने कहा कि यह रमन सिंह सरकार बस्तर से आदिवासियों को भगाना चाहती है। इसलिए वह आदिवासियों के मन में तरह तरह के भय पैदा कर रही है। उन्होंने 21 सितंबर को पत्रिका में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए कहा कि बस्तर की दो बेटियों सुनीता और मुन्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा कि उन्हें पुलिस से जान का खतरा है। इन दोनों ने अपनी याचिका में कहा है कि पुलिस और सुरक्षाबल के लोग किसी भी गांव में घुसकर किसी को भी उठाकर ले जा रही है और नक्सली बताकर गोली मार देती है। इन दोनों बेटियों ने कहा है कि सुरक्षाबलों के आते ही महिलाएं बच्चों को लेकर घर से भाग जाती हैं क्योंकि वे जानती हैं कि अगर वे घर पर रुकीं तो उनके साथ यौनहिंसा भी होगी।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का गठन एक आदिवासी राज्य के रूप में हुआ था क्योंकि यहां आदिवासियों की बहुलता है। लेकिन यह कल्पना तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी नहीं की होगी कि राज्य बनाने के बाद उनकी ही पार्टी के शासनकाल में आदिवासियों के नाम पर बने राज्य में उनको इस तरह से प्रताड़ित करके मारा जाएगा। श्री बघेल ने आरोप लगाया कि दरअसल रमन सिंह सरकार बस्तर को आदिवासियों से मुक्त करके जंगल और खनिज सबको उद्योगपतियों के हवाले करना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इस लड़ाई को जहां तक ले जाना होगा लेकर जाएगी।
 क्या हुआ सोनकू और बिजलू के साथ?
बस्तर स्थित थाना बुरगुम ग्राम सांगवेल में पुलिस द्वारा दो नक्सलियों को एन्काउन्टर में मार गिराये जाने का दावा किया गया. नक्सली बताए गए दोनों मासूम छात्र ग्राम गउदा के निवासी थे. पोयकू राम कश्यप का बेटा सोनकू पोटाकेबिन हितामेटा में अध्ययनरत था और नउगू कश्यप का बेटा बीजलू भी अनुत्तीर्ण छात्र था।
परिजनों का कहना है कि दोनों का नक्सलवाद या नक्सली गतिविधियों से कोई सरोकार नहीं था।परिवार में एक बच्चे की मौत की सूचना देने अपने रिश्तेदार मासे को देने सांगवेल गांव गये थे। जहां रात में पुलिस मासे के निवास का घेराव कर दोनों छात्रों से मारपीट करते हुए उन्हें बुरगुम थाने ले गई। मासे एवं उसके पति के विरोध करने पर उनसे भी मारपीट की। इसके कुछ देर बाद गोली की आवाज सुनाई पड़ी और दोनों छात्रों की लाश मिली। कांग्रेस इसकी शिकायत केन्द्रीय मानव अधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग और केन्द्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग से भी करेगी।
    आज की पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू, दीपक कर्मा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव सत्तार अली, दंतेवाड़ा जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विमलचंद सुराना, शिशुपाल सोरी, मृतक परिजन बालसाय, मासे, जुगली, लक्ष्मण, रूपधर, घासीराम मौजूद थे।

ज्ञानेश शर्मा
मीडिया चेयरमेन
 छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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