Sunday, September 11, 2016

कम्युनिस्टों का खात्मा दिवास्वप्न, जेएनयू ने फिर किया साबित" -- सलीम

"कम्युनिस्टों का खात्मा दिवास्वप्न, जेएनयू ने फिर किया साबित" -- सलीम
माकपा कन्वेंशन में मोदी-ममता पर करारा प्रहार
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"जिस तरह पूरी दुनिया से कम्युनिस्टों को ख़त्म करने का हिटलर का सपना पूरा नहीं हुआ, उसी तरह भारत और बंगाल से माकपा और वामपंथ को ख़त्म करने का मोदी-ममता का सपना पूरा नहीं होगा." उक्त विचार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलिट ब्यूरो सदस्य और सांसद मोहम्मद सलीम ने पार्टी द्वारा आयोजित एक राज्य स्तरीय कन्वेंशन को संबोधित करते हुए व्यक्त किये. यह कन्वेंशन प.बंगाल में वाम और अवाम के जनवादी अधिकारों पर तृणमूल कांग्रेस द्वारा किये जा रहे हमलों के खिलाफ माकपा द्वारा चलाये जा रहे देशव्यापी अभियान के तहत आयोजित किया गया था.

अपने संबोधन में उन्होंने भाजपा और तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किये. उन्होंने आरोप लगाया कि विकिलीक्स के दस्तावेजों से यह उजागर हो गया है कि कम्युनिस्टों और वामपंथ को इस देश से ख़त्म करने का ठेका अमेरिकी साम्राज्यवाद ने भाजपा और तृणमूल कांग्रेस को दिया है, क्योंकि यह वामपंथ ही है, जो देश को बेचने और उसे अमेरिका का गुलाम बनाने की साजिश के खिलाफ अनवरत संघर्षरत है.

सलीम ने कहा कि हमारी लड़ाई दुनिया के तमाम शोषकों, आतंकियों व फासीवादियों के खिलाफ है. यही कारण है कि क्यूबा जब अमेरिका के खिलाफ लड़ता है, तो फिदेल कास्त्रो और चे ग्वेरा हमें अपने लगते हैं और जब फिलिस्तीनी बच्चों की इजराइल हत्या करता है, तो लगता है कि हमारे ही बच्चों का क़त्ल हो रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने आज गुजरात को 'हिन्दू-राष्ट्र' की प्रयोगशाला बना रखा है और ममता ने बंगाल को जनतंत्र की हत्या करने का कारखाना. आने वाले दिनों में इन दोनों का मिला-जुला प्रयोग पूरे देश में होने वाला है और इसका मुकाबला करने के लिए वामपंथ के नेतृत्व में इस देश की मेहनतकश जनता तैयार हो रही है.

माकपा नेता ने कहा कि जनतंत्र में राज्य सरकारें बनती-बिगड़ती है, लेकिन सत्ता से बाहर होने के बाद वामपंथ को सुनियोजित हमले का शिकार इसलिए बनाया जाता है कि नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ तथा लोगों की रोजी-रोटी की रक्षा के संघर्ष में वे हमेशा आगे रहते हैं. इसीलिए जिस वामपंथ ने पिछले 34 सालों तक समूचे विपक्ष सहित आम जनता के जन्व्दी अधिकारों की रक्षा की, उसे समूल नेस्तनाबूद करने के उद्देश्य से पिछले पांच माह में उसके सैकड़ों कार्यालयों को नष्ट किया गया है, उसके हजारों समर्थकों पर हमले किये जा रहे हैं तथा आतंक फैलाने के लिए बलात्कार और दरिंदगी को एक हथियार की तरह उपयोग में लाया जा रहा है. सलीम ने कहा कि प्रतिक्रियावादी हमलों के इस दौर में हम सब मिलकर अन्याय, अत्याचार और अँधेरे के खिलाफ मिलकर गीत गायेंगे और ममता-मोदी की कुचालों को शिकस्त देंगे.

एम. के. नंदी की अध्यक्षता में हुए इस कन्वेंशन ओ माकपा राज्य सचिव संजय पराते और सचिवमंडल सदस्य बी. सान्याल ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मोदी-ममता की ओर से वामपंथ पर होने वाला हमला उसकी विचारधारा और संघर्षों पर हमला है और इसलिए छत्तीसगढ़ और बंगाल की आम जनता की जंग एक है. उन्होंने रेखांकित किया कि भाजपा के पास केवल 17 करोड़ वोट है, लेकिन उसकी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 20 करोड़ से ज्यादा लोगोंने हड़ताल में हिस्सेदारी की है. जिस जेएनयू को भाजपा 'राष्ट्रविरोधी' ताकतों का गढ़ बताती थी, वहां फिर से वामपंथी छात्र संगठनों की जीत ने उसकी बोलती बंद कर दी है. इस प्रकार दक्षिणपंथ और वामपंथ के बीच तीखा संघर्ष जारी है और इस संघर्ष में धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, जनतंत्र की, जनवादी-प्रगतिशील-वामपंथी ताकतों की विजय होगी.

बंगाल की जनता के साथ एकजुटता के रूप में माकपा ने आम जनता से एकत्रित 50000 रूपये की राशि का चेक भी मो. सलीम को सौंपा.
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