Thursday, September 29, 2016

27 और 28 सितंबर को सुरक्षा बलो पर पालनार में फिर ग्रमीणों की मारपीट और मंगू को जान से मारने की कोशिश का आरोप

27 और 28 सितंबर को सुरक्षा बलो पर पालनार में फिर ग्रमीणों की मारपीट और मंगू को जान से मारने की कोशिश का आरोप ,ग्रमीणों ने एसपी और कलेक्टर से की लिखित शिकायत.
प्रियंका शुक्ला की रिपोर्ट



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 दिनांक 27.9.2016 को हमारे गाँव पालनार, गुडापारा  थाना  गंगालूर में पुलिस एवं सुरक्षा बलों द्वारा तीन पुरषों एवं दो महिलाओं के साथ मारपीट करने और   मंगू को जान से मारने के प्रयास .
 आज दिनांक 28.9.2016 को एक व्यक्ति से मारपीट के समंबंध में शिकायत दर्ज कराने हेतु आवेदन पत्र.
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महोदय,
एसपी बीजापुर
कलेक्टर
बीजापुर

विषय:- हम निम्न हस्ताक्षर करने वाले ग्रामीण ग्राम पालनार गुंडापारा, थाना गंगालूर, तहसील बीजापुर, जिला बीजापुर के स्थाई निवासी हैं.

महोदय ,

दिनांक 27.09.2016 और दिनांक 28.09.206 को हमारे गाँव में पुलिस एवं सुरक्षा बलों द्वारा आकर ग्रामीणों के साथ मारपीट  किया गया है.
 दिनांक 27.09.2016 को गाँव के हम तीन पुरुष,
 (1) मंगू ताती पिता पाँडू नि. गुंडापारा, उम्र लगभग 30 वर्ष,
 (2) सुखराम ताती पि. सन्नू नि गुंडापारा, उम्र लगभग 28 बर्ष
(3) सन्नू ताती पि. मासा, नि. गुंडापारा, उम्र लगभग 50 वर्ष .
सुबह 7-8 बजे गुंडापारा के पास के जंगल से बाँस  काटने जा रहे थे , क हमने देखा कि पहाड़ से पुलिस एवं सुरक्षा बल उतर रहे थे ,जो कि लगभग 150 – 200 की संख्या में रहे होंगे. उनमे से कुछ लोगों ने हम तीनों को पकड़ लिया और बिना किसी कारण हमें जोर जोर से पीटने लगे। उनमे से कुछ लोग हमसे पूछ रहे थे कि नक्सली लोग कहाँ रहते हैं और कब आते है, पर हम यह सब वातें नहीं जानते थे ,इसलिये उनको नहीं बता सकते थे
इसके बावजूद उन्होंने हमें हाथों से, डंडो से पीटा,उन लोगों ने मंगू की गर्दन को हाथों से दवाया,हम में से दो लोंगों को, सुखराम और उनके पिता, सन्नू को, मारते मारते पुलिस वाले गुंडापारा ले आये और फिर हमें वहा़  लाकर छोड़ दिया.
 पर मंगू के हाथ पीछे बाँधकर वे उसे वहीं रखे थे ,पूछने पर भी नहीं बताये कि क्यों रख रहे हैं।मंगू को जंगल के रास्ते उसे घसीटते हुए वे उसे मातापारा लाये जहाँ उसकी आँखों पर पतले टावल से प़ट्टी बाँध दी, और उसे एक पेड़ के तने से रस्सी से बाँध दिया। मंगू की निक्कर उन्होनें निकाल दी, और उसको एक काली पैंट पहनाने लगे। पुलिस वालों ने उसको कहा कि उसको ‘ड्रैस’ पहना कर मार देंगे.
इतने में सुखराम और सन्नू ने हम गाँव की महिलाओं को खबर दी कि पुलिस ने मंगू को पकड़ा हुआ है। हम सब महिलायें फिर उसे ढूँढते ढूँढते मातापारा पहुँचे जहाँ हमने देखा कि पुलिस ने उसे बाँधा हुआ है और उससे पिटाई कर रहे हैं। हमने जाकर उनसे कहा कि वह गाँव का लड़का है और उसके तीन बच्चे है, उसे छोड़ दो।
उन्होने हमारी एक न सुनी और हमसे कहा कि हम दूर रहें, पर हमने जाकर मंगू को घेर लिया। इस बीच हम में से दो महिलाओ को भी पुलिस ने बहुत मारा – मंगू की पत्नी बूदी जिसकी गोंदी में मंगू की छोटी बेटी भी थी, और गायतापारा की सोडी पति राजू भी थी .
परन्तू इतनी सारी महिलाओं होने के कारण पुलिस वालों ने मंगू को छोड़ दिया। आज तक मंगू का शरीर फूला हुआ है और उसके कानों मे और गले में और पैरों में दर्द हो रहा है।
जो कल पुलिस आई थी, उन लोगो में से हम एक ही जन को नाम से जानते हैं – वह है गंगालूर गायतापारा का सुखराम हेमला पि. पोच्चा। जिन लोगों ने हम सब को मारा उनके नाम नहीं जानते पर वे गंगालूर के हैं और उनको हमने हाट में देखा है और फिर से देखने पर पहचान लेंगे।
आज दिनांक 28.09.2016 को भी गाँव में पुलिस आई थी और सूपा उर्फ सोमलू ताती पि. बुदरू नि. मातापारा के साथ भी उसी के घर में मारपीट कर के गई है।
हम लोग स्थानीय पुलिस से वहुत डरते हैं – आये दिन वे लोग आकर गाँव के लड़को को पकड़ कर मारपीट करते हैं, और ले जाते हैं, या फिर सीतू की तरह जान से मार देते हैं। महिलाओं से भी मारपीट करते हैं। हम आपसे निवेदन करते हैं कि ऐसी कार्यवाहियों पर रोक लगे, और जिन लोगों ने मारपीट की, उनको सजा हो। हम लोग यह चिट्ठी वकील दीदियों के माध्यम से आपको भेज रहे हैं।

                            निवेदक गण
                    समस्त पीड़ित ग्रामीण
                         ग्राम-पलनार,
                        थाना-गंगलूर
1- मंगू,पि.-पांडू
2-सन्नू
3-सिन्नी,पति-सन्नू
4-बूदी,पति-मंगू
5-सुखराम,पि.सन्नू
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