Wednesday, December 17, 2014

सारे विरोध के वावजूद गैरक़ानूनी तरीके से कोलवॉशरि का निर्माण , ग्रामसभा,जनसुनवाई और ग्रामीणो के भारी विरोध की कोई परवाह नहीं , शाशन और इंस्पायर इंडस्ट्रीज के फर्जी दस्तावेजो की कहानी

सारे  विरोध के वावजूद गैरक़ानूनी तरीके से कोलवॉशरि का निर्माण ,  ग्रामसभा,जनसुनवाई और  ग्रामीणो के भारी  विरोध की कोई परवाह नहीं , शाशन और   इंस्पायर  इंडस्ट्रीज  के  फर्जी दस्तावेजो की कहानी 






 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में तखतपुर  ब्लॉक के गॉव बेलमुड़ी में इंस्पायर  इंडस्ट्रीज  [ डा , प्रमोद  जैन ] ने  कुछ साल पहले खेती , अस्पताल  और हॉस्टल के नाम से जमीने खरीदी ,जमीन  पूरी तरह से खेतो और गॉव के निस्तारी के बीच हैं , बाद में  गॉव के लोगो को पता चला की वहां कॉल वाशरी लगाई जा रही है , इसके लिए करीब 70  एकड़ जमींन  खरीद ली गई , इससे प्रभावित आसपास  के गॉव में जन सुनवाई  हुई ,और पुरे गॉव  न इक स्वर में विरोध किया और अभी दो  माह पहले ग्रामसभा में भी पूरे  गॉव  भारी  विरोध किया ,जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई ,और तो और सरी  शिकायत जब स्थानीय स्तर  पे की गई तो जिला पर्यावरण विभाग   ने दो साल तक इसकी स्वीकृति प्रदान नही की ,और इसकी शिकायत राज्य कार्यालय से भी की गई ,इस सबके बाबजूद  राज्य स्तर  के पर्यावरण विभाग ने इसे स्वीकृति प्रदान कर दी  गई।

किसी भी गॉव में कोल वाशरी  दूसरी किस इंडस्ट्रीज लगाने के लिए सबसे पहले ग्रामसभा के  अनापत्ति की जरुरत होती है  इसके बाडी  प्रभावित गॉवो में जनसुनवाई का प्रावधान हैं ,लेकिन बेलमुंडी और दूसरे पांच प्रभावित गॉवो में इसका तीव्र  विरोध किया जा रहा हैं ,लेकिन पर्यावरण विभाग ने इसकी परवाह किये बिना वाशरी की अनुमति भी देदी ,और पिछले दो महीन ऐसे तेजी के साथ काम शुरू भी हो गया ,
परमानन्द सूर्यवंशी का कहना है  की कोलवाशरी  से होने वाले प्रदुषण से हमारे गॉव बुरी तरह से प्रभावित हो जायेंगे, वातावरण में ज़हर घुल जायेगा ,ओवर लोग वहां से सड़कें जर्जर हो जाएँगी ,खेती पे बुरा प्रभाव पड़ेगा और सबसे बुरी बात ये की हमारे खेतो को मिलने वाला पानी खत्म हो जायेगा ,ये सब हम किसी भी कीमत में नहींहोने देंगे,



यहाँ के  लोगो में सरकारी अफसर के लोगो के व्यबहार से भारी नाराजी हैं ,उनका आरोप है की उद्योगपतियों को सरकार ने खुली छूट  देदी हैं ,तीन साल पहले प्लांट की नीव राखी जा रही थी तब से हम सब इसका विरोध कर रहे थे ,इनका आरोप है की उनके साथ काम करने वाले ग्राम सचिव ने विकास के नाम पे सरपंच और पंचायत प्रतिनिधि से साइन करवा लिए ,बाद में पता चला की यहाँ कोलवाशरी डाली जा रही है , लेकिन ग्रामसभा के कोई अनुमति नही  ली गई ,जब प्रस्ताव ग्रामसभा में आया तो सब लोगो  ने इसका विरोध किया , जब ग्राम पंचयत के लोगों ने सचिव की शिकायत एसडीएम से की तो तुरंत  सचिव  का ट्रांसफर कर दिया । पर्यावरण विभाग की जनसुनवाई में इसका सारे  लोगो ने विरोध भी किया ,लेकिन इसके बाबजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई और  पर्यावरण  विभाग ने  इसकी मंजूरी देदी।
ग्रामीणो ने कहा ही की यदि काम बंद नहीं हुआ तो हम सब लोग आंदोलन करेंगे और क़ानूनी कार्यवाही भी करेंगे ,



ग्रामीणो ने बताया की प्लांट के मलको ने सरकार को झूटी जानकारी दी है ,इसने खेती की जमींन  को बंजर बता के यहाँ वाशरी बनाने की मंजूरी मांगी है ,जब की यहाँ सारी  जमीन खेती की है ,और पूरी तरह निस्तारी की जमींन  है ,जलस्रोत सुख जायेंगे ,सरपंच परमानंद सूर्यवंशी का कहना ही की गॉव में सालो से इसका विरोध किया जा रहा हैं , इसकी आपत्ति को हमने सभी सम्बंधित अधिकारियो के पास भेज दिया हैं ,लेकिन इसके बाबजूद पर्यावरण विभाग ने एकतरफा मंजूरी देदी।  डकेश्वर  सनाढ्य  ने बताया की कोलवाशरी लगाने में अधिकारी और प्लांट के लोगो ने मिलकर हेराफेरी की है ,पंचो  के फर्जी साइन करवा  दिया गए ,जो बैठक में शामिल ही नहीं थे ,उनके भी साइन कैसे हो गये। ग्राम सचिव के साथ सांठ   गांठ  करके कागजात तैयार कराये गए हैं। हम जाये तो कहा जाये ,समझ नहीं आता ,

जनपद सदस्य केशव कौशिक कहते है  की , ग्रामीणो और पंचयत के विरोध के बावजूद पर्यावरण विभाग ने आखिर कैसे इसकी मंजूरी देदी ,इसकी जाँच होनी चाहिए ,कोई सुनने को तैयार नहीं हैं ,ऐसे में कोई भी गॉव में कैसा  भी उद्योग  डाल  सकता हैं ,इससे तो गॉव का वजूद ही खतरे में पड  जायेगा। दीसरे ग्रामीण खोरबहर कौशिक कहते है की हम उद्योग के खिलाफ नहीं है, लेकिन संचालक और सरकार को नियमो का तो पालन करना ही  चाहिए ,उद्योग से निकलने वाले  प्रदुषण से पुरे गॉव को आवोहवा ख़राब हो जायेगो ,हमारा पानी सुख जायेगा ,हमारी  खेती बर्बाद हो जाएगी , तो हम कहा जायेंगे ,






































 ग्रामीणो ने कहा ही कि यदि हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हमारे पास सिवाय कोर्ट में जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं हैं ,हम आंदोलन तो करेंगे ही ,  यहाँ से हाईकोर्ट ,हवाई अड्डा और कोपरा जलाशय बिलकुल पास ही है , सबका अस्तित्व खतरे में पड जायेगा ,



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