Saturday, December 13, 2014

हिन्दू नहीं, बेवक़ूफ़ बनाया'

'हिन्दू नहीं, बेवक़ूफ़ बनाया'

  • 13 दिसंबर 2014
मुस्लिम, हिन्दू, धर्म परिवर्तन, आगरा
आगरा में चाहे जितनी राजनीति हो रही हो पर जिन मुसलमानों की 'घर वापसी' हुई है वो आज भी ख़ुद को मुसलमान ही मानते हैं.
कथित रूप से धर्म परवर्तित किए गए लोगों में से एक रमज़ान शेख़ कहते हैं की उन्हें हिन्दू नहीं 'बेवकूफ़' बनाया गया.

पढ़ें लेख विस्तार से

वेदनगर, आगरा, मुस्लिम
वेदनगर बस्ती की मुनीरा बेगम बताती हैं कि राशन कार्ड, बीपीएल कार्ड और अन्य सुविधाएं देने के नाम पर कुछ हिंदूवादी नेताओं ने ये कहकर उन्हें हवन में बुलाया कि इसी में उन्हें सबकुछ मिलेगा.
मुनीरा बताती हैं कि इसी बात पर लोग उसमें शामिल भी हुए और वो सबकुछ किया जो उनसे कहा गया. मसलन माथे पर तिलक लगवाया और हवन की आग में घी भी डाला.
रमज़ान शेख़ कहते हैं, "जाते-जाते इन नेताओं ने कहा कि अब तुम हिन्दू हो गए हो. उन्होंने हमारे ठेकेदार के हाथ में एक मूर्ति देकर उसकी तस्वीर भी ली. फिर वो चले गए. वो मूर्ति तो हमने पास ही के नाई के घर ही रखवा दी."
पुलिस, वेदनगर आगरा
रमज़ान कहते हैं कि वो सब अभी भी मुसलमान हैं और अपने मज़हब के पाबंद हैं. वो कहते है, ''हम सबको बेवक़ूफ़ बनाया गया है''.

तो हिन्दू बनने की ख़बर?

तो फिर जबरन धर्म परिवर्तन का शोशा आख़िर कहाँ से आया?
मुस्लिम बच्चा, वेदनगर, आगरा
रमज़ान शेख़ की मानें तो 'मज़हब बदले जाने' की बात बस्ती वालों को तब पता चली जब उन्ही में से एक पास की दुकान पर सामान लेने गया.
रमज़ान कहते हैं, "उस मुसलमान दुकानदार ने सामान देने से इनकार कर दिया और बताया कि अख़बारों में उनके मज़हब के बदलने की बात है. हम अख़बार लेकर बस्ती में आए तो यहाँ रोना धोना मच गया."
हंगामें के बीच मुस्लिम मज़हबी नेता लोगों को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मज़हब बदलवाने का शोशा छोड़ कर कुछ छोटे-मोटे हिंदूवादी नेताओं ने लोगों से छल कर ख़ुद को राजनीति में जमाने की कोशिश की है.
मुनिरा बेगम, आगरा, मुस्लिम, वेदनगर
मुनिरा बेगम कहती हैं कि उन लोगों के संग शरारत की गई है.
आगरा की जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद इरफ़ानुल्लाह ख़ान निज़ामी मिस्बाही का कहना है कि "किसी ने शरारत की है."
आगरा के कई लोगों का भी मानना है कि यह सब केवल राजनीति है.

बांग्लादेशी होने का आरोप

वीनू लावनिया, शिव सेना, आगरा
वीनू लावनिया कहते हैं कि वेदनगर में रहने वाले बांग्लादेशी हैं.
वेदनगर की बस्ती में जो कार्यक्रम हुआ था उसे आयोजित करने वाले संगठनों में से एक शिव सेना के अनुसार वेदनगर की बस्ती में रहने वाले लोग बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं.
शिव सेना के ज़िलाध्यक्ष लावनिया कहते हैं, "यह लोग इतने सालों से यहाँ रह रहे हैं. मगर इनके पास इनका कोई पहचान पत्र नहीं हैं. हमारे संगठन के लोग इनकी मदद ही करने गए थे. जबरन धर्म परिवर्तन के लिए नहीं."

डर और ब्लैकमेल

मगर मुस्लिम लीग के सलीम ख़ान कहते हैं कि कार्यक्रम आयोजित कराने वाले संगठन इसी बात का हवाला देकर बस्ती के लोगों को धमकाने का काम कर रहे हैं.
रमजान, वेदनगर, आगरा
रमजान कहते हैं कि उन्हें हिन्दू नहीं बेवकूफ बनाया गया.
सलीम कहते हैं, "वो सब बांग्ला भाषी मुसलमान को बांग्लादेशी होने की बात कहकर डराते हैं और ब्लैकमेल करते हैं."
स्थानीय प्रशासन बस्ती के लोगों में विश्वास जगाने की कोशिश कर रहा है मगर वेदनगर की झोपड़पट्टी में रहने वाले डरे हुए हैं.
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