Friday, May 12, 2017

एसईसीएल की खदान में आग से जीना मुहाल


एसईसीएल की खदान में आग से जीना मुहाल; रायगढ़ 


रायगढ़ ।संवाददाता: एसईसीएल की खदान में लगी आग से आम लोगों की जान पर बन आई है.
लेकिन एसईसीएल प्रबंधन इस मामले में उदासीन बना हुआ है. प्रबंधन का दावा है कि इस आग को बुझाने की कोशिश हो रही है, लेकिन ये कोशिश असफल साबित हुई है.
एसईसीएल यानी कोल इंडिया के उपक्रम साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड की खदान गारे पेलमा 4.23 में पिछले एक माह से आग लगी है। पहले यह खदान जिंदल पावर लिमिटेड तमनार के पास थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिजेक्ट किए गए 214 कोल ब्लॉक में इसे भी रद्द कर दिया गया। बाद में यह खदान एसईसीएल को कस्टोडियन बनाकर दिया गया।

इसी खदान में अाग लगी है, जिसकी वजह से करोड़ो का कोयला जलकर खाक हो रहा है। आग खदान के कोयले की ओपन कॉस्ट माईन्स में करीब 8 जगहों पर आग लगी हुई है। एसईसीएल ने जहां कोयला निकालकर डंप किया है, उस जगह पर भी आग लगी है।
सरसमाल और कोसमपाली गांव के कन्हाई राम पटेल का कहना है कि कोसमपाली गांव के लोगों पर ईंधन जलाने के लिए कोयला लेने पर भी पाबंदी है। जबकि हमारी ही जमीन पर बसे कोल ब्लॉक में हम आग लगा हुआ देख रहे हैं। एक फायर ब्रिगेड के भरोसे आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है। करोड़ो का कोयला जलकर खाक हो चुका है।
कन्हाई राम पटेल का कहना है कि गांव में धुंए की वजह से जीना मुहाल हो गया है। धुंए की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो रही है।  इसके संबंध में तमनार के तहसीलदार को भी अवगत कराया गया, लेकिन आग बुझाने के लिए कोई प्रयास नहीं हुआ। 
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