ताड़मेटला कांड की जाँच में अभी तक गवाही ही नहीं हुई ,जो सत्य सब जानते है उसे खोजते है न्याय आयोग
दतेवाड़ा(ब्यूरो)। बहुचर्चित ताड़मेटला आगजनी व स्वामी अग्निवेश के काफिले पर हमले की घटना की जांच कर रहे विशेष न्यायिक जांच आयोग ने सोमवार को दंतेवाड़ा में गवाहों के बयान दर्ज किए। न्यायमूर्ति टीपी शर्मा के समक्ष 32 में से 20 गवाह बयान देने उपस्थित हुए। न्यायमूर्ति द्वारा गवाहों से स्वामी अग्निवेश और उनके काफिले पर हमले के संबंध में उनसे प्रश्न किए गए।
गवाही देने पहुंचे दोरनापाल निवासी गौतम कर्मकार ने अपने बयान में कहा कि घटना के दिन वे नगर में मौजूद नहीं थे। अपने पुत्र को उपचारार्थ भद्राचलम लेकर गए हुए थे। अगले गवाह कृष्णा बढ़ई ने भी घटना के दिन ओडिशा प्रांत में अपने पैतृक गांव में होना बताया। गवाह मुकेश गुप्ता का कहना था कि उन्हें घटना की जानकारी समाचार पत्रों व टीवी चैनलों को माध्यम से मिली थी। इसके अतिरिक्त उन्हें घटना के संबंध में अन्य कोई जानकारी नहीं है। दोरनापाल वार्ड 2 निवासी सत्यानारायण ने कहा कि घटना स्थल से उनका घर पांच सौ मीटर दूर है। 26 मार्च की सुबह काफी शोर-शराब सुनाई पड़ रहा था। भीड़ नजर आ रही थी मगर भीड़ क्यों जुटी थी, उन्हें कारण नहीं पता था। शासन की ओर से नियुक्त अधिवक्ता शकील अहमद ने बताया कि सुनवाई हेतु 32 गवाहों को बुलाया गया था। इसमें 16 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। चार गवाहों के बयान पहले हो चुके हैं, इस कारण उनका बयान नहीं हुआ। 12 गवाह अनुपस्थित थे। उन्होंने बताया कि अब तक 182 गवाहों के बयान हो चुके हैं। गवाहों की सहूलियत को ध्यान में रखकर दंतेवाड़ा में सुनवाई रखी गई थी। सुनवाई के दौरान सीआरपीएफ की तरफ से जनरल नरेंद्र व्यास, पुलिस विभाग की ओर से अधिवक्ता संजय शुक्ला उपस्थित थे।
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