यह है वो रिपोर्ट जिसे लेकर दक्षिण बस्तर के दबंग , निर्भीक और निरपेक्ष पत्रकार प्रभात सिंह दुर्दांत पुलिस अधिकारी के रूप में चर्चित बस्तर आईजी शिव्र राम प्रसाद कल्लूरी के निशाने पर हैं प्रभात सिंह | प्रभात सिंह की रिपोर्टिंग से ही आज बारसूर की एतिहासिक धरोहर आज बचे हुए हैं | विभिन्न विभागों में हुए अरबों के घोटालों को लेकर प्रभात ने वर्षों से पोल खोल अभियान चला रखा है , नक्सलियों की निर्मम हिंसा की ख़बरें भी प्रभात ने निर्भयता से लिखी वहीँ सरकार की नीतियों की वजह से जनता की सुरक्षा की जगह सेठों के लिए जंगल और जमीन खाली करने के काम में बेमन से लगाए केवल नौकरी बचने के लिए हताश जवानों द्वारा कल्लूरी के निर्देशों पर हो रहे फर्जी मुठभेड़ों की ख़बरें भी प्रभात हिम्मत से सामने लाते रहा है | प्रभात की एक अच्छे संवेदन शील , निर्भीक , निष्पक्ष पत्रकार की छवि के लिए मुझे ज्यादा परिचय देने की जरुरत नहीं , यह पूरे प्रदेश ही नहीं देश भर के पत्रकार व बुद्धिजीवी जानते हैं |जिसको ज्यादा जानना है या संदेह है तो उनके वाल में झाँक सकते हैं |
प्रभात सिंह को पिछले दिनों सार्वजानिक रूप से एक पत्रकारवार्ता के दौरान शिव राम प्रसाद कल्लूरी ने धमकाते हुए कहा था कि – “ सारे पत्रकार किसी और रास्ते पर हैं और तुम किसी और रास्ते पर , तुम्हारी पूरी कुंडली मेरे पास है , मै जानता हूँ कि तुम किसके लिए काम करते हो !! मै तुम्हे देख लूँगा “ मै सोचता हूँ कि कल्लूरी ने ऐसा कहकर पूरे बस्तर के पत्रकारों का अपमान किया है | वे जिस चाटुकारिता के रास्ते पर सारे पत्रकारों के चलने की बात कर रहें हैं , मै नही मानता कि इस रास्ते पर अकेले प्रभात को छोड़ कर सभी पत्रकार चल रहें हैं | बहुत सारे और पत्रकार हैं जो कल्लुर्री के सेट किये गए रास्ते में नही बल्कि पत्रकारिता को धर्म मानकर ईमानदारी के रास्ते चल रहें हैं |
प्रभात सिंह अपने वाल में कह रहें हैं “ कल्लू मामा जिंदाबाद थे जिंदाबाद हैं जिंदाबाद रहेंगे । उनका कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता है । सरकार के तरफ से पुलिसिया वर्दी के साथ अंग्रेजों का पुलिस एक्ट भी साथ में हैं । जो फर्जी मामलों में फँसाने में कारगर साबित होता है । कह रहे थे मैं आईपीएस हूँ किताबें पढ़कर आया हूँ । ऐसे ही नहीं नौकरी मिली है । हमारी कुंडली भाजपा के राज में बांचने की जरुरत क्या ? हम तो खुली किताब है ।
पर कल्लूरी डरता बहुत है प्रभात सिंह के नाम से मैंने उसके चेहरे में अपने नाम का खौफ देखा है । उसकी असलियत बार बार उजागर करूँगा । “ [kamal shukla ki post]
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