स्टील प्लांट के लिए जमीन देने का दबाब बनाने के लिय 18 किसानो को झुटे केस में जेल भेजा।
धनपूँजी के आदिवासियों को नगरनार स्टील प्लांट की जमीन लेने के प्रस्ताव पास [ग्रामसभा से ]करने का दबाबा बनाने के लिये पुलिस ज्यादा धन बिक्री के नाम से प्रताड़ित कर रही हैं ,ये वही धनपूँजी है , जिस गॉव से 170 हेक्टर जमींन का अधिग्रहण किया जाना हैं ,20 मई को हुई ग्रामसभा में इन किसानो ने एक मत से जमीन देने से इंकार कर दिया था ,तो पुलिस ने 18 किसानो को ज्यादा ज्यादा धान बिक्री का आरोप लगा के जेल भेज दिए ,ताकि दुबारा ग्रामसभा बुलाने पे बिना कोरम के प्रस्ताव पास करवाया जा सके ,क्योकि 20 मई की ग्रामसभा में भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव पास नहीं करवाया जा सका था।
इस सन्दर्भ म ेपढिए निम्न कार्यवाही जो पुलिस ने की हैं।
जगदलपुर (ब्यूरो)। नगरनार स्टील प्लांट क्षेत्र और ओडिशा सीमा से लगे गांव धनपुंजी के 18 किसानों को न्यायालय ने जेल भेज दिया गया। आरोपी दो को स्वास्थ्यगत कारणों से जमानत दी है। उत्पादन मात्रा से अधिक धान लैंपस और बीज निगग के पास बेचने का इन पर आरोप है। मामले में संलिप्त लैंपस प्रबंधक पहले से ही जेल में है।
खरीफ सीजन 2013-14 में धनपुंजी के 20 किसानों ने बम्हनी लैंपस और कोकामुंडा बीज निगम कार्यालय में अपने पट्टे पर धान बेचा था। शिकायत के बाद जांच में दोनों जगह बेची गई धान की मात्रा उत्पादन रकबा से एक हजार प्रतिशत अधिक पाया गया।
को-आपरेटिव बैंक और जिला प्रशासन ने मामले की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। पुलिस सभी को फरार बताते वारंट जारी किया था। इस बीच दो माह पहले आत्मसमर्पण के बाद लैंपस प्रभारी को जेल भेजा गया है।
मंगलवार 19 मई को आरोपी किसानों ने नगरनार थाने में आत्मसमर्पण किया। जिन्हें न्यायालय पेश किया गया। न्यायालय ने दो किसान लक्ष्मीनारायण और कुरसो को स्वास्थ्यगत कारणों से जमानत दी। जबकि अन्य 18 किसानों को जालसाजी और शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आरोप में जेल भेज दिया है।
बोनस और समर्थन मूल्य का खेल
ग्राम धनपुंजी के 20 किसान समर्थन मूल्य और बोनस के लिए सुनियोजित ढंग से अपने पट्टे पर उत्पादन मात्रा से अधिक धान बम्हनी लैंपस और कोकामुंडा बीज निगम में बेचा था। जांच में किसानों द्वारा कुल 44.35 हेक्टेयर खेत से कुल 5309.75 क्विंटल धान बेचना पाया गया। इसमें 1915.90 क्विंटल लैंपस और 3393.85 क्विंटल बीज में किसानों विक्रय कर समर्थन मूल्य व बोनस प्राप्त कर चुके थे। खुलासा के बाद दोनों ही विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर गलती करने का आरोप मढ़ते खुद को बचाते रहे। इस बीच लैंपस प्रभारी को गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिया गया, वहीं किसान फरार थे। जबकि बीज निगम अधिकारी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है।
एक-दूसरे पर मढ़ा था आरोप
गड़बड़ी की शिकायत के बाद लैंपस अधिकारियों का कहा था कि खरीदी केंद्रों में पट्टे में दर्ज रकबा के आधार पर धान की मात्रा खरीदी गई है। किसी भी किसान से उसके उत्पादित रकबा में तय सीमा से अधिक खरीदी नहीं की गई।
जबकि बीज निगम का कहना था कि उन्होंने पंजीकृत किसानों को बीज उपलब्ध कराने के बाद उत्पादन उपज के अनुप्रमाणन के बाद खरीदी करता है। जो भी गड़बड़ी हुई है वह लैंपसों के खरीदी केंद्रों में किसान और केंद्र प्रभारी के सांठगांठ का खेल है। जबकि गड़बड़ी की आशंका में कलेक्टर के निर्देश में खाद्य विभाग ने जांच कर किसानों द्वारा बेची गई कुल धान को तय मात्रा अधिक पाया है।
इनका कहना है
'जिला प्रशासन के एफआईआर के बाद आरोपियों की पतासाजी की जा रही थी। मंगलवार को सभी आरोपी किसान थाने पहुंच आत्मसमर्पण कर दिया। जिन्हें न्यायालय में पेश करने पर न्यायाधीश ने स्वास्थ्य कारणों से दो लोगों को जमानत पर छोड़ा है। शेष 18 किसानों को रिमांड पर जेल भेज दिया गया।'
-अब्दुल कादिर थाना प्रभारी, नगरनार
No comments:
Post a Comment