कांग्रेस विधायकों से बनाई दूरियां, धरने के बाद भी नहीं मिले कटारिया
कांग्रेस के पांच विधायकों के साथ पहुंचे प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इनकार कर दिया। एक घंटा धरने पर बैठने के बाद भी कलक्टर ने जब उन्हें नहीं बुलाया, तो कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल बैरंग लौट गया।
बस्तर/जगदलपुर. नीली शर्ट और काला चश्मा पहनकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद सुर्खियों में आए बस्तर कलक्टर अमित कटरिया एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने सोमवार को कांग्रेस के पांच विधायकों के साथ पहुंचे प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इनकार कर दिया। इससे नाराज विधायक कलक्टर कक्ष के सामने धरने पर बैठ गए। एक घंटा बीतने के बाद भी कलक्टर ने जब उन्हें नहीं बुलाया, तो कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल बैरंग लौट गया। अब कलक्टर के इस व्यवहार से नाराज कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से गुहार लगाई है। इसे विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए वे कलक्टर पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस विधायकों का एक प्रतिनिधि मंडल अगले दो दिनों में मुख्य सचिव से भी मुलाकात कर घटना की जानकारी देगा। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल की मौजूदगी में सोमवार को झीरम काण्डकी दूसरी बरसी के मनाई गई। इस दौरान बस्तर के सभी कांग्रेसी विधायक यहां मौजूद थे। कार्यक्रम के बाद कांग्रेसियों ने विधायकों के नेतृत्व में कलक्टर को बस्तर की समस्याओं से अवगत कराने के लिए 24 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने का फैसला किया। पांच विधायक, महापौर और निगम के लोक निर्माण व पीएचई के सभापति शाम लगभग चार बजे कलेक्टोरेट पहुंचे। वहां पर एसडीएम ने उन्हें बताया कि कलक्टर लंच पर गए हैं। कांग्रेसियों ने कलेक्टोरेट के प्रवेश द्वार के सामने करीब एक घंटे कलक्टर का इंतजार किया। इसके बाद कलक्टर के आने के बाद उनसे एसडीएम ने कहा कि सात से आठ सदस्य कलक्टर से जाकर मिल सकते हैं। इसपर विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि कलक्टर को बता दिया जाए कि वे यहां आकर ज्ञापन स्वीकार करें या फिर ज्ञापन सौंपने के लिए सभी लोगों को बुलाए। इसके बाद करीब आधे घंटे तक कोई जवाब नहीं आया।
ये रहे मौजूद
विधायक लखेश्वर बघेल, संतराम नेताम, शंकर धुर्वा, मोहन मरकाम एवं दीपक बैज, महापौर जतीन जायसवाल, कांग्रेस के ग्रामीण उपाध्यक्ष रेखचंद जैन, निगम के लोक निर्माण सभापति यशवर्धन राव, पीएचई सभापति उदयनाथ जेम्स, स्वच्छता सभापति राजेश चौधरी।
कलक्टर ने बाहर आने से किया इनकार
इसके बाद एएसपी विजय पाण्डेय ने कांग्रेसियों से कहा कि सात से आठ लोग ही अंदर जा सकते हैंं, कलक्टर यहां नहीं आएंगे। इसपर विधायकों ने नाराजगी जताई और मुख्य द्वार के पास ही धरने पर बैठ गए। काफी देर तक जब प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया तो सबसे पहले नाराज बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल वापस लौट गए। इसके बाद सभी विधायक और कांग्र्रेसियों को कलेक्टोरेट से बैरंग ही लौटना पड़ा।
सरकार पर जताई नाराजगी
कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर सौतेलेपन का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार कांग्रेसियों के सुरक्षा को लेकर दोहरा मापदण्ड अपना रही है। इससे पहले भी पोलावरम बांध को लेकर जब बस्तर में कांग्रेसी विधायकों ने विरोध जताया था, तब सरकार ने सुरक्षा को लेकर हाथ खींच लिया था। इसके कारण कांग्रेसी विधायकों को ओडिशा के रास्ते पोलावरम जाना पड़ा था। इस बार भी शहादत दिवस पर शहर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष को आईजी ने सर्किट हाउस में कैद कर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शाम के बाद बाहर जाने पर सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पांच -पांच विधायकों को कलक्टर घंटों इंतजार कराते हैं और उनसे मिलना भी जरूरी नहीं समझते हैं।
विशेषाधिकार हनन
विधायक एवं जिला अध्यक्ष बस्तर कांग्रेस के लखेश्वर बघेल ने कहा कि यह विशेष अधिकार हनन का मामला है। कलक्टर के इस तानाशाही रवैये का कांग्रेस विरोध करेगी। इस मामले की सूचना कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्य सचिव को दी जा रही है।
अशिष्ट व्यवहार
विस नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि विधायकों के प्रति कलक्टर का यह अशिष्ट व्यवहार है। किसी भी लोक सेवक को संवैधानिक जनप्रतिनिधि से मिलने की बाध्यता होती है, लेकिन यहां इसका उल्लंघन किया गया है। इसकी शिकायत मुख्य सचिव को मौखिक रूप से अभी दी� जा रही है, लिखित रूप से उनको कल पूरा मामला भेज दिया जाएगा, जिसमें कलक्टर पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
कलक्टर ने साधी चुप्पी
इस पूरे घटनाक्रम पर कटारिया के मोबाइल पर कॉल करने के साथ ही मैसेज भेजे गए, बंगले के टेलीफोन नम्बर पर भी बात करने का संदेश दिया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
कलक्टर का फैसला परिस्थितिजन्य रहा होगा। जनप्रतिनिधियों से मिलने का नियम है। उन्होंने विधायकों से मिलने से इनकार क्यों किया, इस बारे में उन्हें अपना पक्ष रखना चाहिए।
दिलीप वासनीकर, संभागायुक्त, बस्तर
निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ कलक्टर के व्यवहार ने यह प्रमाणित कर दिया है कि राज्य के अधिकारी बे-लगाम हो चुके हैं। विधायकों के साथ इस आपत्तिजनक व्यवहार की शिकायत, विस अध्यक्ष व सीएस से की जाएगी।
भूपेश बघेल, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस
No comments:
Post a Comment