किसान समृद्धि योजना : अधिकारी, ठेकेदार ने डाला किसानों के रुपयों पर डाका
Posted:2015-05-25 11:29:25 IST Updated: 2015-05-25 11:29:25 IST
कांकेर जिले के करीब 100 किसानों के नाम पर किसान समृद्धि योजना से अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर पैसे तो निकाल लिए, लेकिन किसानों को एक रुपए तक नहीं दिया।
जगदलपुर/ कांकेर. किसान समृद्धि योजना से किसानों को तो कोई लाभ नहीं हुआ लेकिन विभागीय अधिकारी से लेकर ठेकेदार तक समृद्ध हो गए। जिले के करीब 100 किसानों के नाम पर अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर पैसे तो निकाल लिए लेकिन किसानों को एक रुपए तक नहीं दिया।
प्रशासन द्वारा इस योजना के तहत एक किसान को 43000 रुपए (25000 पंप और 18000 खुदाई) देने का प्रावधान है। किसानों ने इस योजना के तहत पैसों के लिए फार्म डाला था। उनके नाम से पैसे भी निकल गए, लेकिन उन्हें एक कौड़ी भी नहीं मिली।
किसानों को इस बात की जानकारी न लगे इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों ने कुछ गांव के किसानों के नाम बदल दिए, जैसे नरहरपुर में डूमरपानी के स्थान पर इमरपानी लिखा गया है। डूमरपानी में केजूराम ने योजना के तहत फार्म डाला था लेकिन आज तक पैसे नहीं मिले।
वहीं कृषि विभाग के अनुमोदन क्रमांक 13146001020182 में 31 मई 2015 को सफल पंप दिखाया गया है और भारतीय स्टेट बैंक� के माध्यम से भुगतान भी कर दिया गया है जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। किसानों को जब इस बात की जानकारी लगी तो वह हैरान रह गए।
खुदाई दिखा निकाले पैसे
डूमरपानी के ही राजेंद्र पुत्र कोंदा के नाम पर भी सफल खुदाई दिखाकर पैसा निकाला गया है। इस बावत चर्चा करने पर राजेंद्र ने हैरानी जताते हुए बताया कि कुछ दिन पहले यहां एक आदमी कागज पर दस्तखत कराकर ले गया है। उससे पूछने पर उसने कुछ नहीं बताया। राजेंद्र ने बताया कि उसने खुद ट्यूबवेल लगवा लिया लेकिन विभाग का कुछ पता नहीं चला।
नहीं दी जाती रसीद
किसानों को पंप प्रदान करने या खुदाई कराने वाली संस्थाएं पैसे के लेन-देन की पर्ची नहीं देती।� ठेकेदार से जब पर्ची मांगी जाती है तो वह धमकी पर उतर आते हैं।
हितग्राहियों से वसूले पैसे
महेशपुर के बरसन पुत्र रामभरोसे ने तो इस योजना का लाभ लेने के लिए एजेंट को 35000 रुपए भी दिए लेकिन आज तक उनको कुछ नही मिला और उनके नाम से एचडीएफसी बैंक के खाते से पैसा भी निकल गया।� यही हाल राम प्रसाद पिता जयराम का है। नरहरपुर के मारवाड़ी गांव में करीब 20 किसानों का समृद्धि योजना के तहत ट्यूबवेल लगा है। वहां लोगों ने बताया कि गांव में खुदाई का पैसा तो किसी को नहीं मिला है। पंप सप्लाई भी किसानों से पैसा लेकर किया गया है।
डुप्लीकेट कंपनी का दिया पंप
मारवाड़ी के अनुसूचित जन जाति वर्ग के सतऊ राम का कहना है कि ठेकेदार 58 हजार लेकर चला गया। इसके बाद उसने तीन एचपी का पंप दिया और वह भी डुप्लीकेट कम्पनी का। वहीं के अन्य किसानों हिंछाराम पुत्र दुकालूराम ने बताया कि उसके नाम से पैसा निकाला गया है लेकिन उसे सिर्फ दस हजार का पंप दिया गया। बादल गांव के नाम विश्राम पुत्र जग्गो को बजट दिया गया है। वहां जाने पर पता चला कि वह यहां का रहने वाला ही नहीं है। उसकी खेती यहां होती है लेकिन वह धमतरी का निवासी है।
- बजट कम आता है। ऐसे में ठेकेदार क्या कर लेगा। किसानों से कुछ पैसा तो लेना ही पड़ेगा।
चिरंजीव सरकार, उप संचालक, कृषि विभाग
- कल ही इस मुद्दे को दिखवाती हूँ। इस पर जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
शम्मी आबिदी, कलक्टर, कांकेर
- उपेंद्र नाथ राय
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