Tuesday, May 5, 2015

बस्तर संभाग और आदिवासियों के लिए ९ मई का दिन काले अक्षरों में लिखा जाएगा


बस्तर संभाग और आदिवासियों के लिए ९ मई का दिन काले अक्षरों में लिखा जाएगा |इस दिन मोदी विकास के नाम पर फिर भारी संख्या में आदिवासियों के विस्थापन और जल जंगल और पहाड़ बेचने की घोषणा करने वाले हैं | कांग्रेस और भाजपा से जुड़े , और केवल लुटने के लिए बस्तर आये गैर आदिवासी काफी खुश हैं , उनका चौमुखी विकास होने वाला है | पहले ही सलवा जुडूम की आड़ में दो लाख से ज्यादा आदिवासी बस्तर के उन क्षेत्रों से भगाए जा चुके हैं जहाँ एस्सार , टाटा , निको आदि बड़े घरानों के उपक्रम शुरू होने हैं | इसके बाद के कई सालों तक रावघाट सहित उन सभी इलाकों के निर्दोष ग्रामीणों को फर्जी मुठभेड़ , फर्जी गिरफ्तारी और फर्जी आत्मसमर्पण के खेल में फंसाकर शिकार किया जा चुका है | उपर से निर्लज्ज कल्लूरी ने प्रेस वार्ताकर निर्दोष आदिवासियों की मदद कर रहे " जगदलपुर लीगल ग्रुप " को नक्सली सहयोगी बता आदिवासियों को पूरी तरह अनाथ बनाने की कोशिश की है | पिछले दो सालों से जगदलपुर लीगल ग्रुप ने संभाग के विभिन्न न्यायालयों में पुलिस और पूरे प्रदेश सरकार के आदिवासी अत्याचार की पोल खोली है , और सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों पर बिना सबूत बनाए गए मामलों की धज्जी उड़ाई है | अब चूँकि मोदी के जाने के बाद बड़े प्रोजेक्ट के लिए बड़ा काम होना है तो सारे आदिवासी नेताओं को डराकर , धमकाकर और प्रलोभन देकर अपने ही आदिवासी भाई बहनों की सामूहिक हत्याकांड की साजिश फिर रची जा रही है | इन्होने इसके पहले पिछले पंद्रह साल के अपने बंदूक और डंडे की नीति से पहले ही नक्सलवाद को पचासों गुना बढ़ा दिया है | देश और जनता की रक्षा के नाम पर सेवा में आये लाखों जवानों को बड़े कारपोरेट घरानों के उपक्रमों और उनकी सुरक्षा में लगा उन्हें जनता के साथ ही युद्ध में उलझा दिया है | अब भी अगर आदिवासी नेता और युवा अपने निहित स्वार्थ में उलझे रहेंगे तो इतिहास उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा | फिर से सलवा जुडूम -२ चलाने की योजना आगे होने वाली प्राकृतिक संपदा की लुट और बस्तर में फिर से आदिवासियों का रक्त बहाने की योजना का हिस्सा है |

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