Tuesday, September 27, 2016

दलित युवक सतीश नोरंगे की पुलिस अभिरक्षा में मौत की पीयूसीएल छत्तीसगढ़ एवं अन्य संगठन की तथ्यपरक रिपोर्ट .



दलित युवक सतीश नोरंगे की पुलिस अभिरक्षा में मौत की पीयूसीएल छत्तीसगढ़ एवं अन्य संगठन की तथ्यपरक रिपोर्ट .



दिनांक 24 सितम्बर 2016

***

नरियरा के  दलित युवक सतीश नोरंगे की हत्या  दुर्घटना अथवा उत्तेजना में नहीं, वरन् जातीय घृणा और निजिकरण के कारण उपजे वैमनस्य का नतीजा है.

**

परिपेक्ष्य ;

नरियरा के युवक सतीश नोरंगे की मृत्य दुर्घटना अथवा उत्तेजना में नहीं, वरन् जातीय घृणा और निजिकरण के कारण उपजे वैमनस्य का नतीजा है। सतीश के परिवार, पड़ोसियों, घटनास्थलों से मिले साक्ष्य एक सोची समझी हत्या की ओर संकेत करते हैं। सतीश के नौवीं पढ़ रहे बड़े पुत्र के सामने ही टीआई राजपूत ने उसे मारा और जब वह खून की उल्टी किया तो उसके बेटे से धुलवाया और जब सतीश ने अपने बेटे से अस्पताल ले चलने की बात किया तो दरोगा ने गाली देकर नाटक करता है कह पेट में लात मारा जिसके बाद सतीश मरणासन्न हो गया।


परंतु इस सारे विवाद की जड़ में जो घटना है वह है विजली वितरण को ठेके पर दिया जाना।यह छत्तीसगढ़ के तमाम गाँव में देखा जा रहा है कि दलित बस्तियों में बिजली कई दिनों नहीं रहती, जबकि संपन्न और सवर्णों के मुहल्लों में स्थित वैसी नहीं रहती।

नरियरा में भी वही हुआ, सागर पारा जहां  सतीश का घर है में 4दिन से बिजली नहीं था। बिजली ठेकेदार का कर्मी रोज  टालमटोल करता था 17तारीख को जब सतीश और उसके चार  पांच मित्र बिजली कर्मी के पास ट्रांसपोर्ट का इंतजाम करने पैसे लेकर गए तो वहां पर फिर टालमटोल करने पर आक्रोश में आकर इन नवजवानों ने पूरे गांव की बिजली बंद करवा दिया। इससे गांव के ही ठाकुर जमींदार के बेटे के पेट्रोल पंप बंद हो गया और उसने बिजली आफिस के बड़े बाबू लवसिंह ठाकुर को बुलवा भेजा जिसने सबस्टेशन पहुंच, सतीश के मित्रों को ट्रांसफार्मर लोड करने के लिए और आदमी लाने भेज दिया और अकेले सतीश की ठेका कर्मचारी के साथ मिलकर पिटाई शुरू कर दिया और पुलिस बुलवाकर  सतीश को थाने में भिजवा दिया।

   छत्तीसगढ़ में बिजली विभाग रमनसिंह के पास है और वह इसे निजी हांथों सौंपना चाहते हैं इसलिए तमाम काम ठेकेदारों को दे रखा है। और जांजगीर चांपा जिले के ठेकेदारों की दबंगई प्रसिद्ध है, खासकर मीटर शिफ्टिंग घोटाले में इंजीनियर तक जेल गए परंतु दोषी ठेकेदारों का कुछ नहीं बिगड़ा।

   नरियरा में भी यही दिख रहा, एक  समझदार नेतृत्वकारी दलित युवा को ठाकुरों के जातीय घृणा और बिजली विभाग के ठेका प्रथा ने मार डाला।

**

घटना क्रम

16 और 17 सितम्बर 2016

**

सतीष नोरगे के परिजनों से हुई बातचित से पता चला कि उनके मुहल्ले ( दलित बस्ती )का ट्रांसफार्मर ख़राब होने के कारण लगभग हफ्ते भर से लाईट नहीं थी।

चूँकि सतीष जागरूक लड़का था इसलिए उसने अपने मोहल्ले का नेतृत्व करते हुए इसकी शिकायत बिजली कार्यालय नरियरा में किया हुआ था ,किन्तु कोई सुनवाई नहीं हो रही थी ,जब कि दूसरी बस्ती में सामान्यत: बिजली बनी रहती है .

मोहल्ले वालों ने ट्रांसफार्मर लाने के लिए वाहन किराया के लिए चंदा के द्वारा लगभग 15 सौ रूपये इकठ्ठा किये जिसे सतीष ने 16 सितंबर को बिजली कार्यालय नरियरा में जमा किया.

17 सितंबर को घटना के दिन सतीष मोहल्ले के तीन लोगों के साथ बिजली कार्यालय नरियरा पहुंचा और ट्रांसफार्मर के लिए बात किया किन्तु ट्रांसफार्मर फिर भी उपलब्ध नहीं हुआ, तब सतीष ने बिजली कार्यालय वालों पर दबाव बनाया की सभी जगह की बिजली गुल करो तभी ट्रांसफार्मर जल्दी आएगा और अपने साथ आये तीन लोगों से कहा कि आप लोग मोहल्ले वापस जाओ और वहाँ से और आदमी लेकर आओ, ट्रांसफार्मर को गाड़ी में चढ़ाने के लिए जरुरत पड़ेगी फिर सतीष की बात सुनकर वे लोग वापस चले गए. सतीष वहाँ अकेले रहा और बिजली ठेकेदार के आदमी  देवेन्द्र साहू जो वहाँ ड्यूटी पर था उससे कहा कि हमारे ही मोहल्ले की बिजली बार बार क्यों गुल होती है और हमारा ट्रासफार्मर ही क्यों खराब होता है ,जब कि बांकी सारे मोहल्ले में हमेशा बिजली बनी रहती है .


यदि एसा ही है तो  सभी जग़ह की लाइट गुल करो,तब ठेकेदार के आदमी   देवेंद्र साहू डीओ गिरा दिया जिससे सभी जगह की लाईट चली गई.

जिससे गाँव के गौटिया नन्हे सिंह ठाकुर का पेट्रोल पंप भी प्रभावित हुआ, नन्हे सिंह ठाकुर ने बिजली कार्यालय में बड़े बाबू के पद पर पदस्थ अपने बड़े बेटे लव सिंह को कॉल करके पूछा की बिजली क्यों गुल किये तो उसने बताया कि सतीष  ने दबाव बनाकर लाईट गुल करवाया है, फिर नन्हें सिंह ने अपने रिश्तेदार मुलमुला थाना प्रभारी राजपूत को कॉल कर के सतीष की ख़बर लेने को कहा,फिर थाना प्रभारी राजपूत दलबल के साथ बिजली कार्यालय पहुँचा और सतीष के दोनों हाथों को बांध कर ठेकेदार के कर्मचारी और अपने पुलिस बल के साथ उसके पिटाई करने लगे


जिसे बग़ल में संचालित स्कुल में पढ़ रही सतीष की भतीजी ने देखा और अपने शिक्षक से छुट्टी माँगने गयी की मेरे चाचा को मार रहे है मुझे जाना है किंतु शिक्षक ने उसे डाँट कर कहा कि क्या तुम्हारे जाने से उसे मार नही पड़ेगी.

बिजली आँफिस जो दस कदम दूर है और,17 सितंबर को सैकेण्ड सटरडे के कारण बंद था ,फिर भी इस कार्यालय में पदस्थ लवसिंह वहाँ पहुंच गया और पेट्रोल पम्प के मालिक नन्हे सिंह के रिश्तेदार होने के करण सतीश को मारने पीटने में शामिल हो गया.

यहीँ सतीश को हाथ बांध कर बुरी तरह पीटा गया जिसे पचास कदम  सामने कन्या शाला की बच्चीयों ने देखा जिसमें सतीश की भतीजी भी शामिल थी.


 स्कूल के छुट्टी के बाद विद्यार्थी जब रास्ते से लौट रहे थे तो रास्ते में सतीष के चाचा को बताया  की सतीष को मार रहे है , और उन्हें थाने ले गये है .मिठाई लाल  उनके चाचा थाने पहुँचे,सतीष को थानाप्रभारी राजपूत थाना ले आया था और अपने आरक्षकों के साथ मिलकर उसकी फिर पिटाई किये.


सतीष का 10-12 साल का बेटा प्रकाश थाना पहुँच चूका था,सतीष अपने बेटे से दर्द में तड़पते हुए बोला की मुझे चार पाँच पुलिस वाले बहुत मारे है मुझे अस्पताल ले चलो। इसी बीच फिर थाना प्रभारी राजपूत ने सतीष को  घृणा पूर्वक बोला साले नाटक करते हो कहकर उसके बेटे के सामने डंडे से तीन बार मारा फिर लात से उसके पेट को मारा। फिर सतिष खून की उल्टी किया जिसे थाना प्रभारी ने सतीष के बेटे से साफ करवाया और सतीष को दूसरे कमरे में रखवाया सतीष दूसरे कमरे में भी उल्टी किया, जिसे थाना प्रभारी राजपूत ने फिर से सतीष के बेटे से साफ करवाया और सतीष को बहार बरामदे में फिकवा दिया।

तब तक सतीष के चाचा मिठाई लाल भी वहाँ पहुँच गये थे उनके सामने थाना प्रभारी ने शराब का बोतल से शराब सतीष के मुँह को जबरदस्ती खोलते हुए डाल दिया।

सतीष के चाचा ने बताया कि सतीष का दम उखड़ने लगा था आँखे ऊपर की तरफ़ चढ़ गई थी, सतीष का शरीर मिट्टी हो चूका था, फिर थाना प्रभारी ने सतीष को छूकर देखा और तुरंत उसे अपनी गाड़ी में डाला,सतीष का लड़का बस गाड़ी में बैठ पाया था कि वो गाड़ी लेकर पामगढ़ निकल गया। सतीष का चाचा किसी के साथ मोटरसायकल से पामगढ़ अस्पताल पहुंचा.


तो वहाँ थाना प्रभारी राजपूत  डॉक्टर को दबाव बना रहा था कि वो सतीष को बिलासपुर रिफ़र करें, किन्तु सतीष तो थाने में ही मर चुका था,और डॉक्टर मृत शरीर को रैफर  नहीं किया.

फ़िर थाना प्रभारी अस्पताल में किसी दूसरे डॉक्टर को लेकर आया उस डॉक्टर ने सतीष को चेक करने की कोशिश किया तो सतीष के चाचा ने कहा कि इसे क्या चेक कर रहे हो ये तो मर गया है।

इतने में पामगढ़ थाना प्रभारी आया और सतीष के चाचा को अपने बातों में उलझते हुए कहा कि मैं रिपोर्ट लिख कर तुम्हें पावती देता हूँ और इसी बीच में मुलमुला थाना प्रभारी राजपूत को फ़रार करा दिया गया।

इस समय तक गांव और पामगढ़ से बहुत से लोग थाने पहुंच गये थे और पत्रकार भी बडी संख्या में आ गये थे.

ग्रामवासियों ने सतीश के शव को लेकर सडक जाम भी किया .

घटना के बाद बैकफुट पर आई सरकार ने एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन की घोषणा की थी। साथ ही दंडाधिकारी जांच भी की जा रही है. मामले में चौतरफा बवाल होने के बाद 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। रविवार को मुलमुला के तत्कालीन थानेदार जितेन्द्र सिंह राजपूत, आरक्षक दिलहरण मिरी, सुनील ध्रुव एवं नगर सैनिक राजेष दाउद को पहले निलंबित किया फिर जनदबाव के कारण उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.

बिजली विभाग के चार कर्मचारी भी निलम्बित किये गये।

चौबीस सितम्बर को पीयूसीएल और अन्य संगठनों का 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल पुलिस अधिकारियों से मिला और दबाव बनाया कि 302 के पुलिस के अपराधियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है तब अगले दिन 25 सितंबर को चारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

***

प्रमुख गठजोड़

 इस हत्या में निश्चित ही जातिगत घृणा है जो वर्षों से उच्च जातियों में दलितों के प्रति बनी हुई है जो गाहेबगाहे सामने आती रहती है .

यह घटना तो बहुत मामूली थी ,

इस घटना क्रम में एक है गांव के गोटिया नवीन सिंह एक   नन्हे सिंह  जो पेट्रोल पम्प के मालिक  भी है और उनका बेट लवसिंह है तो बिजली विभाग में बडा बाबू लेकिन  कहा यही जाता है कि वहीं असली अधिकारी है और फिर उनके ही रिश्तेदार थाना प्रभारी है  जीतेंद्र सिंह राजपूत .

इन सब ने और उनके साथियों ने सतीश की नृशंस हत्या कर दी .

**

पुलिस ने बिजली विभाग से  रिपोर्ट लिखवाई  सतीश के ही खिलाफ ही.

मुलमुला थाने ने बिजली के ठेकेदार की शिकायत दर्ज की है कि सतीश ने जोर जबरदस्ती से बिजली गुल करवाई जिससे जन आक्रोश होने की संभावना पैदा है गई इसलिए प्रताबंधित कानून की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया.

पोस्ट मार्टम रिपोर्ट भी परिवार को प्राप्त हुई जिसमें चोट से मोत की पुष्टि की गई है (संलग्न)

**

कुछ प्रमुख बयान

( 1.) राजकुमार नोरंगे सतीश के छोटे चाचा


17  सितंबर को दोपहर तीन बजे जब में बाज़ार में था तो लोगों ने बताया कि झगड़ा करके सतीश को मुलमुला थाने ले गये है .वही बुलाया है, यह भी कहा कि जमीन का पट्टा और रूपया लेके बुलाया है .

मोटर स्टेंड पर नवीन सिंह मिले तो उन्होंने कहा कि उसके पेट्रोल पंप जो भतीजा बैठा है अमित से फोन कराओ ,में वहाँ गया तो नवनीत फोन करने बगल में चला गया हमारे सामने फोन नहीं  किया ,बाद में आके बताया कि थाने जाने की जरूरत नहीं है उसकी तबीयत ठीक नहीं है ,उसका इलाज कराकर घर भेज दिया जायेगा.

जब हम वापस घर आ रहे थे तो रास्ते में नवीन के रिश्तेदार ने कहा कि सतीश  को पामगढ़ ले गये है तब में भागा भागा पामगढ पहुचा तब देखा की थाने के बाहर स्ट्रेचर पर मूंह पर कपड़ा ढंका था ,हमने मूंह से कपड़ा हटा कर देखा तब तक उनकी मौत हो चुकी थी .

गांव वाले इकट्ठा हो रहे थे तब ही पामगढ़ के थानेदार ने मुलमुला के थानेदार राजपूत को वहाँ से भगा दिया.

हम लोगों ने अस्पताल के सामने ही शाम सात बजे से शव को लेके सडक जाम किया .

उन्होंने कहा कि सतीश मजदूरी का काम करते थे .और छोटा मोटा काम बिजली सुधारने का भी करते थे गांव में. एक सप्ताह से हमारे मोहल्ले का ट्रासफार्मर खराब था ,इसके कारण पीने और खेत में पानी का संकट हो गया था .वह गांव में समस्याओं को लेके नेतृत्व भी करता था.

गांव वालों ने ट्रासफार्मर लाने के लिये गाड़ी की व्यवस्था के लिये चंदा करके  1500  रूपये सतीश को दिया .

सतीश तीन चार लोगों के साथ संजय नगर  स्थित बिजली आँफिस पहुचा था ,वह अकेला रूक गया ओर साथी से कहा कि ट्रासफार्मर लाने के लिये गाँव से और लोगों को लेके आ जायें. बिजली आफिस में लवसिह के साथ तू तू मेमे हुआ, सतीश ने कहा कि हमारे सागर मोहल्ला में  एक सप्ताह से बिजली नहीं है जबकि और सब जगह बिजली जल रही है .

बिजली आफिस के एकदम पास में कन्या स्कूल है यही सतीश की भतीजी विनीता ने देखा कि चाचा को हाथ पीछे  बांधकर बिजली आफिस और पुलिस वाले बुरी तरह मार रहे है .विनीता ने शिक्षिका से कहा भी कि उसे जाने दें लेकिन उसे बाहर नहीं जाने दिया. उसने देखा कि लवसिंह ,गोटिया नन्हे सिंह ओर पुलिस के लोग मार रहे थे.

**

 ( 2 .) सतीश (मृतक) का बेटा प्रकाश नोरगे  14 साल


में अपने पिता के साथ थाने में था ,मेनू उन्हें पानी पिलाया मेरे साथ चाचा रविन्द्र भी थे ,पापा ने मुझे कहा कि पुलिस वाले बहुत मारे है मुझे किसी डाक्टर के पास ले चलो, यह सुनकर थानेदार राजपूत ने जोर से लात मारा और कहा साले नाटक करता है.

मेरे पिता को खून की उल्टी हुई  ,हमारे सामने बहुत बुरी तरह से मारा .

पुलिस के लोग ने कहा कि तू खुन की उल्टी की सफाई कर तब में ने पानी से उल्टी साफ किया इसके बाद फिर मेरे पिता को लात और डंडे से मारा तो उन्हें फिर खून की उल्टी हुई तो फिर हम लोगों ने खून साफ किया .

उन्होंने मेरे पापा को थाने के बाहर मैदान में पटक दिया .

मेरे पापा थाने में ही मर चुके थे ,उन्होंने हाथ लगातार देखा तो उन्हें भी लगा कि वो मर चुके है तो जल्दी जल्दी में अपनी गाड़ी में लादकर पामगढ ले गये.

**

( 3 .)मिठाई लाल नोरगे (बड़े चाचा )


मिठाई लाल जी घर में सबसे बड़े है ,उन्होंने बताया कि

में दोपहर तीन बजे  मुलमुला पहुचा तब ही स्कूल के बच्चे जो स्कूल से छुट्टी करके आ रहे थे उन्होंने कहा कि सतीश को बिजली आफिस में मार रहे थे अभ थाने ले गये है तब  में थाने पहुचा तो देखा कि थाने में पुलिस के लोग निर्ममता से मिलकर पीट रहे थे तो दो बार खून की उल्टी हूई तो नाती को कहा कि चल गंदगी साफ कर ,उसने करी अगरबत्ती लगवाई और फिनायल से धुलवाया भी.और थाना के बाहर पुलिस के लोगों ने सतीश को फेक भी दिया. उसका  गाल फूल गया था, पसली टूट गई थी जांघ फूल गई थी.

में ने कहा भी की में बंगाली डाक्टर को बुला लेता हूं तो वो वोला कि हम इलाज करवा देते  है ,तुम चिंता नहीं करो.

इतने में एक पुलिस के आदमी ने थाने में से एक शराब की शीसी लाकर सतीश के  मू़ह में शराब उडेल दिया जै बाहर तक फैल गया.

सतीश यही मर चुका था ,इसे अपनी गाडी में मर के पामगढ सरकारी अस्पताल लेकर चले गये। हम लोग भी पीछे पीछे चले गये.

**

थाना प्रभारी राजपूत ने मुझसे चिल्ला कर कहा कि हां

हमने सतीश को मारा है ,जो करना है कर लो .

**

कलेक्टर और एसपी 18  सितंबर को घर आये और पच्चीस हज़ार रूपिया दिया अंतिम संस्कार के लिये

और कहा कि लाश को जल्दी जला दो ,लेकिन हम लोगों ने लाश को दफनाया .

24 तारीख तक परिवार को एफआईआर और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई ,यधपि 26 सितंबर को दोनों रिपोर्ट मिल गई .

20 सितंबर को मजिस्ट्रेट के सामने परिवार के राजकुमार ,मिठाई लाल,प्रकाश, राजेन्द्र कुमार ,रविन्द्र कुमार ,गोलू पाटले और विनीत का बयान लिया गया है लेकिन उन्हें बयान की प्रति नहीं दी गई है उन्हें यह भी आशंका है कि जो बोला है वही लिखा है कि नहीं .


नौकरी का प्रस्ताव दिया गया


आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी परिवार से मिले थे ,उनका प्रस्ताव छात्रावास में अस्थायी रूप से नियमित रसोइया के पद पर दिया है .

अभी घरके लोग निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है ,उन्होंने कहा है कि वे तुरंत सोच कर निर्णय करेंगे.

**

बिजली विभाग के अधिकारियों से मिला प्रतिनिधि मंडल .


नरियरा में बिजली विभाग में सहायक यंत्री सौरभ विश्वकर्मा से चर्चा की ,वे अभी अभी घटना के बाद पदस्थ हुये है ,जैसा कि होता है घटना के दिन का सारा स्टाफ ट्रांसफर कर दिया अब वहाँ एसा कोई नहीं था जो घटना बता पायें.

वे बहुत कुछ बताना नहीं चाह रहे थे ।

उन्होंने कहा कि घटना के दिन यहाँ आदित्य सक्सैना पदस्थ थे ,अब उनका और अन्य चार का स्थानान्तरण हो गया है.

घटना स्थल बीस कदम दूर सब स्टेशन  है ,उस दिन सैकेण्ड सटरडे था इसलिए अवकाश था यह कार्यालय बंद था यहाँ कोई नहीं था.

सब स्टेशन में आपरेटर देवेन्द्र साहू जो ठेकेदार का आदमी है उसने पुलिस और जेई को सूचना दिया कि सतीश ने फीडर बंद कर दिया है .

सब स्टेशन ठेके पर चलता है जिसका ठेका हरसिद्धि कंपनी को दिया गया है,उसके मालिक का नाम मालुम नहीं है . सामान्यत: सात दिन में ट्रासफार्मर सुधर जाता है, 14 सितंबर को शिकायत आया था

घटना के बारे में मुझे कुछ नहीं मालुम ,वो यह बोले कि घटना के तुरंत बाद जूनियर इंजीनियर अदित्य सक्सैना ,बडा बाबू लव सिंह ,विजेन्द्र चेलकर लाइनमैन और अमृत लाल मन्नेवार लाईन मैन का ट्रांसफर कर दिया गया .

मेरी जानकारी में मेरे विभाग ने ग्रमीणों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की .

बिजली विभाग और घटना स्थल एक ही परिसर में है

**

मूलमुला थाना में चर्चा



मुलमुला थाने में नये थाना प्रभारी विजय चौथरी से बात हुई उनहोंने बताया कि उनकी नियुक्ति 18..9.16

को घटना के दूसरे दिन हुई है .

अपराध क्रमांक 128/16 दिनांक 18.9.16 को कायम हुई है .पूर्व थाना प्रभारी राजपूत और दो सिपाही एक होमगार्ड सिपाही को निलंबित किया गया और उनके खिलाफ धारा  302( 34) sc

/st  3(1)(5) के तहत जुर्म दर्ज हुआ है ,मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये गये है ,.

जिला जज़ ने दो सदस्यीय कमेटी बनाई है जिसमें श्री खाखरा और जायसवाल साहब को जांच सोंपी गई है।

पामगढ में मर्ग  कायम किया गया है ,पुलिस इंक्वायरी डीएसपी जेपी अनंत कर रहे है .

थाना प्रभारी ने पूछने पर यह भी कहा कि गांव वालों या अन्य किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है ,क्योंकि कि उन्होंने एसा कुछ किया नहीं है

****

निष्कर्ष और प्रशासन से मांग

**

नरियरा गांव मुलमुला से अकलतरा जाने वाले मुख्य मार्ग पर है यहाँ शुरू से ठाकुरों का दबदबा रहा है,यहाँ से जनप्रतिनिधि भी एक जैसे परिवार से चुनें जाते रहे है .

दलितों के साथ पहले भी अपमानजनक घटनाएँ होती रही है .यह घटना सामान्य सी दिखने वाली है जो लगभग सभी जगह होती रहती है ,लेकिन उच्च जाति का दलितों के प्रति जातिगत घृणा और भेदभावपूर्ण व्यवहार के परिणामस्वरूप एक ही परिवार और जाति के लोगों ने पुलिस (वह भी उनमें से एक) ने मिलकर एक दलित नौजवान की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी .

राज्य सरकार ने बिजली की पूरी  व्यवस्था ठेकेदारों के हाथ में सोंप दी है ,इस गांव में भी विधुत उप केन्द्र ठेकेदार के हाथ में है, हो सकता है कि ठेकेदार भी उसी ठाकुर परिवार का हो.

जातीय दबंगई ,पुलिस, प्रशासन और ठेकेदारी ने मिलकर नौजवान की हत्या कर दी ।

हमारी मांग है कि ;

1 विधुत उप केन्द्र पर हत्याकांड के समय उपस्थित लव सिंह और उसके साथ अन्य  दो जिन्हें बाद में विभाग ने ट्रा़ंसफर किया  गया  विजेन्द्र चेलकर लाइनमैन और अमृत लाल मन्नेवार लाईन मैन उन पर भी हत्या का केस दर्ज किया  जायें,क्योंकि इन सबने मिलकर ही सतीश को मारा पीटा गया है .

2 पेट्रोल पंप के मालिक नन्हे सिंह ओर उनके साथी जिन्होंने सतीश की हत्या में उत्प्रेरक की भूमिका की उनके खिलाफ भी  हत्या कि केस दर्ज किया जायें.

3 सतीश के परिवार को दबंगों से संभावित हमले और दबाव से सुरक्षा प्रदान की जावे.

4  सतीश की पत्नी को सम्मान और गरिमा युक्त सरकारी नोकरी दी जाये.

5 सतीश के दोनों बच्चों की मुफ्त पढाई की व्यवस्था की जायें.

6 सतीश की पत्नी को दस लाख का मुआवजा तत्काल प्रदान किया जाये.

**-*

जांच दल में शामिल रहे :-

 1 नंद कुमार कश्यप ,डिग्री प्रसाद चौहान ,रिनचिन और डा. लाखन सिंह ( छत्तीसगढ़ पीयूसीएल)

2 दीपांशु कश्यप और विजय शंकर पात्रे (छात्र युवा संघर्ष समिति cyss)

3 विभीषण पात्रे ,उमेश प्रधान ,सुभद्रा दिनकर,     अनुसुईया कश्यप (दलित अधिकार अभियान )

4 शिप्रा देवी ( छत्तीसगढ़ महिला मंच शक्ति)

5  लखन महेश्वरी (निवेदिता फाउंडेशन डभरा  )












                      *****************-

No comments:

Post a Comment