छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
प्रेस विज्ञप्ति
* छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने राज्यपाल और डीजीपी नक्सद आपरेशन को दिया ज्ञापन, उसमें मांग की गई कि :-
* पुलिस महानिरीक्षक श्री एस.आर.पी. कल्लूरी को आदिवासियों की गयी निर्मम हत्या के लिये सेवा से बर्खास्त करते हुए कानूनी कार्यवाही किया जाए.
* पुलिस ने मासे एवं परिजनों से मारपीट कर बच्चों को घसीटते हुए नही किनारें, जो कि बुरगुम थाना से महज डेढ किलोमीटर की दूरी पर ही दोनो बालकों को गोली से मार दिया गया, जिसकी आवाज पूरे गांव वालों ने सूनी .
* मिच्चीपारा निवासी श्री कवासी हांदा, पिता श्री मुका एवं श्री मुचाकी हिडमा, पिता श्री सोमा को पुलिसबल द्वारा दोनों के घर से उठाकर फुलबगडी थाना से महज दो किलोमीटर की दूरी पर ही माओवादी बताकर फर्जी मुठभेड करते हुए मार दिया गया.
* जब से श्री एस.आर.पी. कल्लूरी की पदस्थापना हुई है, तब से वहां के आदिवासी नक्सली/माओवाद से कम पुलिस प्रशासन से ज्यादा प्रभावित है .
* क्षेत्र के व्यापारिक, सामाजिक, राजनैतिक व जनसामान्य पुलिसिया आतंक व श्री कल्लूरी के दहशत से डरे हुए हैं कि, कब किसको फर्जी मुठभेड के बहाने से मौत के घाट उतार दिया जायेगा .
* पुलिस महकमे के अधीनस्थ अधिकारी अपनी पदोन्नती तथा नगदी ईनाम राषि पाने की आस में इस प्रकार की घटना को अंजाम दे रहे हैं, जिसकी सूक्ष्म एवं निश्पक्ष न्यायिक जांच की आवष्यकता है.
* फर्जी मुठभेड में निर्दोश आदिवासी मारे जा रहे हैं साथ ही, नाबालिक युवतियों/महिलाओं के साथ सामुहिक बलात्कार/दुश्कर्म की घटना आये-दिन देखने को मिल रही है .
* श्री कल्लूरी आंध्रप्रदेष के मूलनिवासी है और आंध्रप्रदेष के माओवादियों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण प्रदान कर रहें हैं.
* सभी प्रकरण के पीड़ित परिवार को 20-20 लाख रूपये आर्थिक सहयोग तथा परिवार के एक-एक सदस्यों को षासकीय नौकरी प्रदान की जाये.
* प्रतिनिधिमंडल में प्रदेष अध्यक्ष भूपेष बघेल के साथ पूर्व मंत्री सत्यनारायण षर्मा, पूर्व मंत्री मो. अकबर, राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा, गंगा पोटाई, देवती कर्मा, कवासी लखमा, दीपक कर्मा, दीपक बैज, पीड़ित परिवार के सदस्य गण बालसाय, मासे, जुगली, लक्ष्मण, रूपधर, महामंत्री गिरीष देवांगन, मलकीत सिंह गैंदू, सचिव सत्तार अली, विमलचंद सुराना, शिशुपाल सोरी, पी.आर. खुंटे, शोभा राम बघेल, रमेश वल्र्यानी, मीडिया विभाग के चेयरमेन ज्ञानेश शर्मा, किरणमयी नायक, प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा, मीडिया सचिव सुशील आनंद शुक्ला, घनश्याम राजू तिवारी, शिवसिंह ठाकुर, अजय साहू, हरदीप बेनीपाल, विजय बघेल, निवेदिता चटर्जी, एजाज ढेबर, प्रमोद चैबे, विकास उपाध्याय, इंदरचंद धाड़ीवाल, चंद्रशेखर शुक्ला, अमरजीत चांवला, सुंदर जोगी, विमल गुप्ता, सुशील ओझा, आयशा सिद्दीकी, राधेश्याम विभार, गिरीश दुबे, विकास तिवारी, अखिलेश जोशी, सोमेन चटर्जी, सुनीता शर्मा, धनंजय ठाकुर, सोमन लाल ठाकुर, भोजकुमारी यदु, नीना युसूफ, साक्षी सिरमौर, मो. अमजद, तैयब खान, अशफाक अहमद, पुरूषोत्तम चंद्राकर, अनिल यादव, नितिन ठाकुर, सोनू साहू, सद्दाम सोलंकी, आमोद सिन्हा, लोकेश यादव, राजेश यदु, मो. साहिल, विपिन साहू अनेक कांग्रेसजन शामिल थे.
******
रायपुर/30 सितंबर 2016
बस्तर संभाग में आदिवासियों पर हो रही अमानवीय पुलिसिया अत्याचार व माओवादी के नाम पर की जा रही फर्जी मुठभेड के संबंध में विरोध प्रकट करने के लिये प्रदेष कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेष अध्यक्ष भूपेष बघेल के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल के नाम राज्यपाल के सचिव को और विषेश पुलिस महानिदेषक नक्सल आपरेषन डीएम अवस्थी से मिलकर ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेष कांग्रेस कमेटी इस ज्ञापन के माध्यम से बस्तर संभाग में आदिवासियों के साथ लगातार हो रही पुलिसिया अत्याचार व माओवादी के नाम पर फर्जी मुठभेड की घटना की ओर आपका ध्यान आकृश्ट कराना चाहते हैं। ?
विगत दिनों बस्तर संभाग के दंतेवाडा विधानसभा क्षेत्र के बारसूर परिक्षेत्र के ग्रामपंचायत-भटपाल के आश्रित ग्राम-गड्दा निवासी एक बालिग व एक नाबालिग-सोनकू, पिता श्री पायकू उम्र-16 वर्श, तथा बिजलू, पिता श्री नडगू, को नक्सली गतिविधियों में संलग्न व माओवादी बताते हुए पुलिस द्वारा फर्जी मुडभेड कर मार दिया गया, जिसमें से सोनकू, पिता श्री पायकू पोटा केबीन हितामेटा में अध्ययनरत था जबकि दूसरा बालक बिजलू, पिता-नडगू घरेलू कार्यो में संलग्न था ।
मृतक दोनो बालक अपने रिष्तेदारी के एक बच्ची की मौत की षोक-संदेष लेकर 23 सितम्बर 2016 को बुरगुम थानाअंतर्गत ग्राम-सांगवेल निवासी अपनी बुआ मासे के घर गये थे, सांगवेल में रात होने की वजह से वे दोनो अपनी बुआ के घर रात्रि विश्राम कर रहे थे, जहां से पुलिस द्वारा मासे के घर का घेराव कर दोनो लडकों से मारपीट कर बुरगुम थाना ले जाने की बात पर मासे एवं परिजनो ने विरोध किया, जिस पर पुलिस ने मासे एवं परिजनों से मारपीट कर बच्चों को घसीटते हुए नही किनारें, जो कि बुरगुम थाना से महज डेढ किलोमीटर की दूरी पर ही दोनो बालकों को गाली से मार दिया गया, जिसकी आवाज पूरे गांव वालों ने सूनी ।
इस घटना से पूरे आदिवासी समाज एवं जनमानस में रोश व्याप्त है और क्षे़त्र लोगों ने उचित न्याय की मांग की है ।
दूसरा फर्जी मुठभेड सुकमा जिले के फुलबगडी थानाक्षेत्र में हुआ है, जिसमें फुलबगडी के मिच्चीपारा निवासी श्री कवासी हांदा, पिता श्री मुका एवं श्री मुचाकी हिडमा, पिता श्री सोमा को पुलिसबल द्वारा दोनों के घर से उठाकर फुलबगडी थाना से महज दो किलोमीटर की दूरी पर ही माओवादी बताकर फर्जी मुठभेड करते हुए मार दिया गया।
बस्तर संभाग में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर जब से श्री एस.आर.पी. कल्लूरी की पदस्थापना हुई है, तब से वहां के आदिवासी नक्सली/माओवाद से कम पुलिस प्रषासन के आतंक से ज्यादा डरे/सहमे व प्रभावित हो रहे है, साथ ही क्षेत्र के व्यापारिक, सामाजिक, राजनैतिक व जनसामान्य पुलिसिया आतंक व श्री कल्लूरी के दहषत से डरे हुए हैं कि, कब किसको फर्जी मुठभेड के बहाने से मौत के घाट उतार दिया जायेगा ।
राज्य सरकार पुलिस महानिरीक्षक के माध्यम से सोची-समझी रणनीति के तहत आदिवासियों की जनसंख्या कम व खत्म करने की दृश्टि से प्रायोजित फर्जी मुठभेड करा रही है। पुलिस महकमे के अधीनस्थ अधिकारी अपनी पदोन्नती तथा नगदी ईनाम राषि पाने की आस में इस प्रकार की घटना को अंजाम दे रहे हैं, जिसकी सूक्ष्म एवं निश्पक्ष न्यायिक जांच की आवष्यकता है।
श्री कल्लूरी के कार्यकाल में बस्तर संभाग में घटित विभिन्न नक्सली/माओवादी एवं पुलिस अत्याचार की घटनाएं:-
1. नवम्बर 2015 सुकमा जिले के हर्रेमपल्ली में तीन नाबालिक लडकों को माओवादी बताकर फर्जी मुडभेड कर मार दिया गया।
2. बीजापुर जिले के बासागुडा थानाक्षेत्र में मवेषी चरा रही 15 वर्शीय नाबालिक युवती एवं 4 अन्य ग्रामीण महिलाओं के साथ जवानों द्वारा की गयी सामुहिक बलात्कार घटना।
3. नारायणपुर जिला मुख्यालय में आत्मसर्पण करने वाले माओवादी द्वारा की गई आत्महत्या की घटना।
4 .जून 2016 सुकमा जिले के गोमपाड में आदिवासी युवती के साथ सुरक्षा बल के जवानों द्वारा की गयी सामुहिक बलात्कार की घटना।
इसी प्रकार की कई फर्जी मुठभेड में निर्दोश आदिवासी मारे जा रहे हैं साथ ही, नाबालिक युवतियों/महिलाओं के साथ सामुहिक बलात्कार/दुश्कर्म की घटना आये-दिन देखने को मिल रहा है, जिसे कांग्रेस पार्टी समय-समय पर सरकार के संज्ञान में लाया गया है।
क्षेत्र में नक्सल गतिविधियां प्रमुख रूप से अन्य राज्यों के माओवादी नेताओं के माध्यम से संचालित हो रहा है, किन्तु आत्मसमर्पण एवं मुडभेड की घटना में आंध्रप्रदेष के कोई माओवादी नेता न ही, मारा जाता है और न ही, आत्मसमर्पण करता है।
चूंकि श्री कल्लूरी आंध्रप्रदेष के मूलनिवासी है और आंध्रप्रदेष के माओवादियों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण प्रदान कर रहें हैं। आत्मसमर्पण/ मुडभेड में बस्तर के स्थानीय आदिवासी ही प्रभावित हो रहे हैं, जबकि इनका नाम किसी भी प्रकार के ईनामी सूची में षामिल नही होने के बावजूद भी इन्हे बड़ा ईनामी नक्सली बताया जाता है।
बस्तर संभाग में फर्जी मुठभेड, सुरक्षा बल व नक्सली/माओवादी के बीच पिस रहे निर्दोश आदिवासी अपनी सुरक्षा व षांति को लेकर भयभीत हैं, जिससे उनका जीना भी दुभर हो गया है। श्री कल्लूरी के कार्यकाल में पुलिस प्रषासन का आतंक माओवाद से ज्यादा बढ़ जाने से प्रभावित विभिन्न जिलों के लगभग 10 हजार आदिवासी परिवार (पूरे गांव का गांव खाली कर) अपने घर-द्वार छोडकर आंध्रप्रदेष, तेलंगाना एवं अन्य प्रदेषों में पलायन कर चुके है, जिसकी सर्वे करायी जा सकती है ।
बस्तर संभाग के आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिये फर्जी नक्सली मुठभेड/ आत्मसमर्पण तथा पुलिसिया अत्याचार का उच्चस्तरीय निश्पक्ष जांच कराया जाना आवष्यक है, जो श्री कल्लूरी के बस्तर संभाग में पदस्थापना से निश्पक्ष जांच संभव नही है।
कांग्रेस पार्टी इस ज्ञापन के माध्यम से आपसे मांग करती है कि, उक्त सभी प्रकरणों की सी.बी.आई./माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृति न्यायाधीष के नेतृत्व में न्यायिक जांच कराया जाए तथा बस्तर, पुलिस महानिरीक्षक श्री एस.आर.पी. कल्लूरी को आदिवासियों की गयी निर्मम हत्या के लिये सेवा से बर्खास्त करते हुए कानूनी कार्यवाही किया जाए। साथ ही, उक्त सभी प्रकरण के पीड़ित परिवार को 20-20 लाख रूपये आर्थिक सहयोग तथा परिवार के एक-एक सदस्यों को षासकीय नौकरी प्रदान की जाये।
आदिवासियों की हितों की रक्षा के लिए आपका दायित्व अभिभावक के रूप में सर्वोपरि है और प्रदेष के आदिवासी वर्ग अपने हितों की अपेक्षा रखती है ।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेष अध्यक्ष भूपेष बघेल के साथ पूर्व मंत्री सत्यनारायण षर्मा, पूर्व मंत्री मो. अकबर, राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा, गंगा पोटाई, देवती कर्मा, कवासी लखमा, दीपक कर्मा, दीपक बैज, पीड़ित परिवार के सदस्य गण बालसाय, मासे, जुगली, लक्ष्मण, रूपधर, महामंत्री गिरीष देवांगन, मलकीत सिंह गैंदू, सचिव सत्तार अली, विमलचंद सुराना, शिशुपाल सोरी, पी.आर. खुंटे, शोभा राम बघेल, रमेश वल्र्यानी, मीडिया विभाग के चेयरमेन ज्ञानेश शर्मा, किरणमयी नायक, प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा, मीडिया सचिव सुशील आनंद शुक्ला, घनश्याम राजू तिवारी, शिवसिंह ठाकुर, अजय साहू, हरदीप बेनीपाल, विजय बघेल, निवेदिता चटर्जी, एजाज ढेबर, प्रमोद चैबे, विकास उपाध्याय, इंदरचंद धाड़ीवाल, चंद्रशेखर शुक्ला, अमरजीत चांवला, सुंदर जोगी, विमल गुप्ता, सुशील ओझा, आयशा सिद्दीकी, राधेश्याम विभार, गिरीश दुबे, विकास तिवारी, अखिलेश जोशी, सोमेन चटर्जी, सुनीता शर्मा, धनंजय ठाकुर, सोमन लाल ठाकुर, भोजकुमारी यदु, नीना युसूफ, साक्षी सिरमौर, मो. अमजद, तैयब खान, अशफाक अहमद, पुरूषोत्तम चंद्राकर, अनिल यादव, नितिन ठाकुर, सोनू साहू, सद्दाम सोलंकी, आमोद सिन्हा, लोकेश यादव, राजेश यदु, मो. साहिल, विपिन साहू अनेक कांग्रेसजन शामिल थे.
घनश्याम राजू तिवारी
प्रवक्ता
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
प्रेस विज्ञप्ति
* छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने राज्यपाल और डीजीपी नक्सद आपरेशन को दिया ज्ञापन, उसमें मांग की गई कि :-
* पुलिस महानिरीक्षक श्री एस.आर.पी. कल्लूरी को आदिवासियों की गयी निर्मम हत्या के लिये सेवा से बर्खास्त करते हुए कानूनी कार्यवाही किया जाए.
* पुलिस ने मासे एवं परिजनों से मारपीट कर बच्चों को घसीटते हुए नही किनारें, जो कि बुरगुम थाना से महज डेढ किलोमीटर की दूरी पर ही दोनो बालकों को गोली से मार दिया गया, जिसकी आवाज पूरे गांव वालों ने सूनी .
* मिच्चीपारा निवासी श्री कवासी हांदा, पिता श्री मुका एवं श्री मुचाकी हिडमा, पिता श्री सोमा को पुलिसबल द्वारा दोनों के घर से उठाकर फुलबगडी थाना से महज दो किलोमीटर की दूरी पर ही माओवादी बताकर फर्जी मुठभेड करते हुए मार दिया गया.
* जब से श्री एस.आर.पी. कल्लूरी की पदस्थापना हुई है, तब से वहां के आदिवासी नक्सली/माओवाद से कम पुलिस प्रशासन से ज्यादा प्रभावित है .
* क्षेत्र के व्यापारिक, सामाजिक, राजनैतिक व जनसामान्य पुलिसिया आतंक व श्री कल्लूरी के दहशत से डरे हुए हैं कि, कब किसको फर्जी मुठभेड के बहाने से मौत के घाट उतार दिया जायेगा .
* पुलिस महकमे के अधीनस्थ अधिकारी अपनी पदोन्नती तथा नगदी ईनाम राषि पाने की आस में इस प्रकार की घटना को अंजाम दे रहे हैं, जिसकी सूक्ष्म एवं निश्पक्ष न्यायिक जांच की आवष्यकता है.
* फर्जी मुठभेड में निर्दोश आदिवासी मारे जा रहे हैं साथ ही, नाबालिक युवतियों/महिलाओं के साथ सामुहिक बलात्कार/दुश्कर्म की घटना आये-दिन देखने को मिल रही है .
* श्री कल्लूरी आंध्रप्रदेष के मूलनिवासी है और आंध्रप्रदेष के माओवादियों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण प्रदान कर रहें हैं.
* सभी प्रकरण के पीड़ित परिवार को 20-20 लाख रूपये आर्थिक सहयोग तथा परिवार के एक-एक सदस्यों को षासकीय नौकरी प्रदान की जाये.
* प्रतिनिधिमंडल में प्रदेष अध्यक्ष भूपेष बघेल के साथ पूर्व मंत्री सत्यनारायण षर्मा, पूर्व मंत्री मो. अकबर, राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा, गंगा पोटाई, देवती कर्मा, कवासी लखमा, दीपक कर्मा, दीपक बैज, पीड़ित परिवार के सदस्य गण बालसाय, मासे, जुगली, लक्ष्मण, रूपधर, महामंत्री गिरीष देवांगन, मलकीत सिंह गैंदू, सचिव सत्तार अली, विमलचंद सुराना, शिशुपाल सोरी, पी.आर. खुंटे, शोभा राम बघेल, रमेश वल्र्यानी, मीडिया विभाग के चेयरमेन ज्ञानेश शर्मा, किरणमयी नायक, प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा, मीडिया सचिव सुशील आनंद शुक्ला, घनश्याम राजू तिवारी, शिवसिंह ठाकुर, अजय साहू, हरदीप बेनीपाल, विजय बघेल, निवेदिता चटर्जी, एजाज ढेबर, प्रमोद चैबे, विकास उपाध्याय, इंदरचंद धाड़ीवाल, चंद्रशेखर शुक्ला, अमरजीत चांवला, सुंदर जोगी, विमल गुप्ता, सुशील ओझा, आयशा सिद्दीकी, राधेश्याम विभार, गिरीश दुबे, विकास तिवारी, अखिलेश जोशी, सोमेन चटर्जी, सुनीता शर्मा, धनंजय ठाकुर, सोमन लाल ठाकुर, भोजकुमारी यदु, नीना युसूफ, साक्षी सिरमौर, मो. अमजद, तैयब खान, अशफाक अहमद, पुरूषोत्तम चंद्राकर, अनिल यादव, नितिन ठाकुर, सोनू साहू, सद्दाम सोलंकी, आमोद सिन्हा, लोकेश यादव, राजेश यदु, मो. साहिल, विपिन साहू अनेक कांग्रेसजन शामिल थे.
******
रायपुर/30 सितंबर 2016
बस्तर संभाग में आदिवासियों पर हो रही अमानवीय पुलिसिया अत्याचार व माओवादी के नाम पर की जा रही फर्जी मुठभेड के संबंध में विरोध प्रकट करने के लिये प्रदेष कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेष अध्यक्ष भूपेष बघेल के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल के नाम राज्यपाल के सचिव को और विषेश पुलिस महानिदेषक नक्सल आपरेषन डीएम अवस्थी से मिलकर ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेष कांग्रेस कमेटी इस ज्ञापन के माध्यम से बस्तर संभाग में आदिवासियों के साथ लगातार हो रही पुलिसिया अत्याचार व माओवादी के नाम पर फर्जी मुठभेड की घटना की ओर आपका ध्यान आकृश्ट कराना चाहते हैं। ?
विगत दिनों बस्तर संभाग के दंतेवाडा विधानसभा क्षेत्र के बारसूर परिक्षेत्र के ग्रामपंचायत-भटपाल के आश्रित ग्राम-गड्दा निवासी एक बालिग व एक नाबालिग-सोनकू, पिता श्री पायकू उम्र-16 वर्श, तथा बिजलू, पिता श्री नडगू, को नक्सली गतिविधियों में संलग्न व माओवादी बताते हुए पुलिस द्वारा फर्जी मुडभेड कर मार दिया गया, जिसमें से सोनकू, पिता श्री पायकू पोटा केबीन हितामेटा में अध्ययनरत था जबकि दूसरा बालक बिजलू, पिता-नडगू घरेलू कार्यो में संलग्न था ।
मृतक दोनो बालक अपने रिष्तेदारी के एक बच्ची की मौत की षोक-संदेष लेकर 23 सितम्बर 2016 को बुरगुम थानाअंतर्गत ग्राम-सांगवेल निवासी अपनी बुआ मासे के घर गये थे, सांगवेल में रात होने की वजह से वे दोनो अपनी बुआ के घर रात्रि विश्राम कर रहे थे, जहां से पुलिस द्वारा मासे के घर का घेराव कर दोनो लडकों से मारपीट कर बुरगुम थाना ले जाने की बात पर मासे एवं परिजनो ने विरोध किया, जिस पर पुलिस ने मासे एवं परिजनों से मारपीट कर बच्चों को घसीटते हुए नही किनारें, जो कि बुरगुम थाना से महज डेढ किलोमीटर की दूरी पर ही दोनो बालकों को गाली से मार दिया गया, जिसकी आवाज पूरे गांव वालों ने सूनी ।
इस घटना से पूरे आदिवासी समाज एवं जनमानस में रोश व्याप्त है और क्षे़त्र लोगों ने उचित न्याय की मांग की है ।
दूसरा फर्जी मुठभेड सुकमा जिले के फुलबगडी थानाक्षेत्र में हुआ है, जिसमें फुलबगडी के मिच्चीपारा निवासी श्री कवासी हांदा, पिता श्री मुका एवं श्री मुचाकी हिडमा, पिता श्री सोमा को पुलिसबल द्वारा दोनों के घर से उठाकर फुलबगडी थाना से महज दो किलोमीटर की दूरी पर ही माओवादी बताकर फर्जी मुठभेड करते हुए मार दिया गया।
बस्तर संभाग में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर जब से श्री एस.आर.पी. कल्लूरी की पदस्थापना हुई है, तब से वहां के आदिवासी नक्सली/माओवाद से कम पुलिस प्रषासन के आतंक से ज्यादा डरे/सहमे व प्रभावित हो रहे है, साथ ही क्षेत्र के व्यापारिक, सामाजिक, राजनैतिक व जनसामान्य पुलिसिया आतंक व श्री कल्लूरी के दहषत से डरे हुए हैं कि, कब किसको फर्जी मुठभेड के बहाने से मौत के घाट उतार दिया जायेगा ।
राज्य सरकार पुलिस महानिरीक्षक के माध्यम से सोची-समझी रणनीति के तहत आदिवासियों की जनसंख्या कम व खत्म करने की दृश्टि से प्रायोजित फर्जी मुठभेड करा रही है। पुलिस महकमे के अधीनस्थ अधिकारी अपनी पदोन्नती तथा नगदी ईनाम राषि पाने की आस में इस प्रकार की घटना को अंजाम दे रहे हैं, जिसकी सूक्ष्म एवं निश्पक्ष न्यायिक जांच की आवष्यकता है।
श्री कल्लूरी के कार्यकाल में बस्तर संभाग में घटित विभिन्न नक्सली/माओवादी एवं पुलिस अत्याचार की घटनाएं:-
1. नवम्बर 2015 सुकमा जिले के हर्रेमपल्ली में तीन नाबालिक लडकों को माओवादी बताकर फर्जी मुडभेड कर मार दिया गया।
2. बीजापुर जिले के बासागुडा थानाक्षेत्र में मवेषी चरा रही 15 वर्शीय नाबालिक युवती एवं 4 अन्य ग्रामीण महिलाओं के साथ जवानों द्वारा की गयी सामुहिक बलात्कार घटना।
3. नारायणपुर जिला मुख्यालय में आत्मसर्पण करने वाले माओवादी द्वारा की गई आत्महत्या की घटना।
4 .जून 2016 सुकमा जिले के गोमपाड में आदिवासी युवती के साथ सुरक्षा बल के जवानों द्वारा की गयी सामुहिक बलात्कार की घटना।
इसी प्रकार की कई फर्जी मुठभेड में निर्दोश आदिवासी मारे जा रहे हैं साथ ही, नाबालिक युवतियों/महिलाओं के साथ सामुहिक बलात्कार/दुश्कर्म की घटना आये-दिन देखने को मिल रहा है, जिसे कांग्रेस पार्टी समय-समय पर सरकार के संज्ञान में लाया गया है।
क्षेत्र में नक्सल गतिविधियां प्रमुख रूप से अन्य राज्यों के माओवादी नेताओं के माध्यम से संचालित हो रहा है, किन्तु आत्मसमर्पण एवं मुडभेड की घटना में आंध्रप्रदेष के कोई माओवादी नेता न ही, मारा जाता है और न ही, आत्मसमर्पण करता है।
चूंकि श्री कल्लूरी आंध्रप्रदेष के मूलनिवासी है और आंध्रप्रदेष के माओवादियों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण प्रदान कर रहें हैं। आत्मसमर्पण/ मुडभेड में बस्तर के स्थानीय आदिवासी ही प्रभावित हो रहे हैं, जबकि इनका नाम किसी भी प्रकार के ईनामी सूची में षामिल नही होने के बावजूद भी इन्हे बड़ा ईनामी नक्सली बताया जाता है।
बस्तर संभाग में फर्जी मुठभेड, सुरक्षा बल व नक्सली/माओवादी के बीच पिस रहे निर्दोश आदिवासी अपनी सुरक्षा व षांति को लेकर भयभीत हैं, जिससे उनका जीना भी दुभर हो गया है। श्री कल्लूरी के कार्यकाल में पुलिस प्रषासन का आतंक माओवाद से ज्यादा बढ़ जाने से प्रभावित विभिन्न जिलों के लगभग 10 हजार आदिवासी परिवार (पूरे गांव का गांव खाली कर) अपने घर-द्वार छोडकर आंध्रप्रदेष, तेलंगाना एवं अन्य प्रदेषों में पलायन कर चुके है, जिसकी सर्वे करायी जा सकती है ।
बस्तर संभाग के आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिये फर्जी नक्सली मुठभेड/ आत्मसमर्पण तथा पुलिसिया अत्याचार का उच्चस्तरीय निश्पक्ष जांच कराया जाना आवष्यक है, जो श्री कल्लूरी के बस्तर संभाग में पदस्थापना से निश्पक्ष जांच संभव नही है।
कांग्रेस पार्टी इस ज्ञापन के माध्यम से आपसे मांग करती है कि, उक्त सभी प्रकरणों की सी.बी.आई./माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृति न्यायाधीष के नेतृत्व में न्यायिक जांच कराया जाए तथा बस्तर, पुलिस महानिरीक्षक श्री एस.आर.पी. कल्लूरी को आदिवासियों की गयी निर्मम हत्या के लिये सेवा से बर्खास्त करते हुए कानूनी कार्यवाही किया जाए। साथ ही, उक्त सभी प्रकरण के पीड़ित परिवार को 20-20 लाख रूपये आर्थिक सहयोग तथा परिवार के एक-एक सदस्यों को षासकीय नौकरी प्रदान की जाये।
आदिवासियों की हितों की रक्षा के लिए आपका दायित्व अभिभावक के रूप में सर्वोपरि है और प्रदेष के आदिवासी वर्ग अपने हितों की अपेक्षा रखती है ।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेष अध्यक्ष भूपेष बघेल के साथ पूर्व मंत्री सत्यनारायण षर्मा, पूर्व मंत्री मो. अकबर, राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा, गंगा पोटाई, देवती कर्मा, कवासी लखमा, दीपक कर्मा, दीपक बैज, पीड़ित परिवार के सदस्य गण बालसाय, मासे, जुगली, लक्ष्मण, रूपधर, महामंत्री गिरीष देवांगन, मलकीत सिंह गैंदू, सचिव सत्तार अली, विमलचंद सुराना, शिशुपाल सोरी, पी.आर. खुंटे, शोभा राम बघेल, रमेश वल्र्यानी, मीडिया विभाग के चेयरमेन ज्ञानेश शर्मा, किरणमयी नायक, प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा, मीडिया सचिव सुशील आनंद शुक्ला, घनश्याम राजू तिवारी, शिवसिंह ठाकुर, अजय साहू, हरदीप बेनीपाल, विजय बघेल, निवेदिता चटर्जी, एजाज ढेबर, प्रमोद चैबे, विकास उपाध्याय, इंदरचंद धाड़ीवाल, चंद्रशेखर शुक्ला, अमरजीत चांवला, सुंदर जोगी, विमल गुप्ता, सुशील ओझा, आयशा सिद्दीकी, राधेश्याम विभार, गिरीश दुबे, विकास तिवारी, अखिलेश जोशी, सोमेन चटर्जी, सुनीता शर्मा, धनंजय ठाकुर, सोमन लाल ठाकुर, भोजकुमारी यदु, नीना युसूफ, साक्षी सिरमौर, मो. अमजद, तैयब खान, अशफाक अहमद, पुरूषोत्तम चंद्राकर, अनिल यादव, नितिन ठाकुर, सोनू साहू, सद्दाम सोलंकी, आमोद सिन्हा, लोकेश यादव, राजेश यदु, मो. साहिल, विपिन साहू अनेक कांग्रेसजन शामिल थे.
घनश्याम राजू तिवारी
प्रवक्ता
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
No comments:
Post a Comment