डोंगरिया कोंध आदिवासियों ने लगाई सीआरपीएफ कैम्प में आग : कहा नहीं देंगे वेदांता को नियामगिरी पर्वत
( संघर्ष संवाद )
उड़ीसा के रायगढ़ जिले में नियामगिरी पर्वत तक सड़क बनाए जाने का विरोध कर रहे लगभग 100 डोंगरिया कोंध आदिवासियों ने 20 सितंबर 2016 को पैरा-मिलेट्री बल के एक अस्थाई कैम्प में आग लगा दी। ज्ञात रहे कि नियामगिरी सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सिक्का लादो के नेतृत्व में डोंगरिया कोंध आदिवासी नियामगिरी पर्वत तक बन रही सड़क का विरोध कर रहे हैं। जिसके तहत उन्होंने 20 सितंबर को कल्याणसिंहपुर ब्लाक के पारसली में केंद्रीय सुरक्षा पुलिस बल (सीआरपीएफ के एक अस्थाई कैम्प में आग लगा दी।
सिक्का लादो का कहना है कि इस सड़क का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि नियामगिरी पर्वत वेदांता एल्मुनियिम लिमिटेड को खदान के लिए दिया जा सके। नियामगिरी सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ने आगे कहा कि वह बिना हमारी राय के कैम्प कैसे बना सकते हैं? वह पहले अपनी मर्जी से कैम्प लगाएंगे फिर अपनी मर्जी से रोड बनाएंगे और बाद में आदिवासियों को प्रताड़ित करेंगे। यह हमारी सरकार नहीं है। यह कंपनियों की सरकार है। यहां पर कैम्प लगाया जाना एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
बुधवार, सितंबर 21, 2016
****
( संघर्ष संवाद )
उड़ीसा के रायगढ़ जिले में नियामगिरी पर्वत तक सड़क बनाए जाने का विरोध कर रहे लगभग 100 डोंगरिया कोंध आदिवासियों ने 20 सितंबर 2016 को पैरा-मिलेट्री बल के एक अस्थाई कैम्प में आग लगा दी। ज्ञात रहे कि नियामगिरी सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सिक्का लादो के नेतृत्व में डोंगरिया कोंध आदिवासी नियामगिरी पर्वत तक बन रही सड़क का विरोध कर रहे हैं। जिसके तहत उन्होंने 20 सितंबर को कल्याणसिंहपुर ब्लाक के पारसली में केंद्रीय सुरक्षा पुलिस बल (सीआरपीएफ के एक अस्थाई कैम्प में आग लगा दी।
सिक्का लादो का कहना है कि इस सड़क का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि नियामगिरी पर्वत वेदांता एल्मुनियिम लिमिटेड को खदान के लिए दिया जा सके। नियामगिरी सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ने आगे कहा कि वह बिना हमारी राय के कैम्प कैसे बना सकते हैं? वह पहले अपनी मर्जी से कैम्प लगाएंगे फिर अपनी मर्जी से रोड बनाएंगे और बाद में आदिवासियों को प्रताड़ित करेंगे। यह हमारी सरकार नहीं है। यह कंपनियों की सरकार है। यहां पर कैम्प लगाया जाना एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
बुधवार, सितंबर 21, 2016
****
No comments:
Post a Comment