प्रलेसं का राष्ट्रीय अधिवेशन 9 सितम्बर से बिलासपुर में
शहर में तीन दिन का साहित्य समारोह ♦
सभी राज्यो से आ रहे साहित्यकार
बिलासपुर। प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए साहित्य जगत में अत्यंत उत्साह का माहौल है। सोलहवे राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारम्भ 9 सितम्बर 2016 को होगा।
तीन दिवसीय इस साहित्य -समारोह में देश के लगभग सभी राज्यों से साहित्यकार आ रहे है। भारत के आधुनिक साहित्य के इतिहास में प्रगतिशील आंदोलन की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आयोजन समिति के संयोजक और प्रगतिशील लेखक संघ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष वेद प्रकाश अग्रवाल व महासचिव नथमल शर्मा ने बताया कि इस तीन दिवसीय अधिवेशन में देश भर से तीन सौ से अधिक साहित्यकार भाग ले रहे है।
त्रिपुरा ,आसाम ,पंजाब ,हरियाणा ,दिल्ली ,राजस्थान,बिहार,झारखण्ड,उत्तरप्रदेश ,प.बंगाल ,मध्यप्रदेश ,महाराष्ट्र,कर्नाटक ,आँध्रप्रदेश,तेलंगाना ,तमिलनाडु व केरल से रचनाकारों ,पत्रकारों के आने की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। इस साहित्य समागम में 8 सितम्बर की शाम से ही साहित्य जगत के मनीषी यहाँ पहुँचाने लगेंगे। देश के प्रसिद्ध उपन्यासकार ,कहानीकार,कवि व आलोचक इसमें आ रहे है।
उद्घाटन 9 सितम्बर को सबेरे 10 बजे गणेश वाटिका,जैन इंटरनेशनल स्कूल के बाजू में होगा। उद्घाटन सत्र में नगर के साहित्यकार व साहित्यप्रेमी उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा साहित्य के अन्य सत्रों में भी जिनकी रूचि हो शामिल होंगे ही। प्रगतिशील आंदोलन की शरुआत महान लेखक प्रेमचंद व सज्जाद ज़ाहिर ने 1936 में की। प्रेमचंद इसके प्रथम अध्यक्ष थे। इसमें कैफ़ी आज़मी ,साहिर लुधियानवी ,भीष्म साहनी ,रामविलास शर्मा ,नागार्जुन ,शमशेर आदि का शुरू से सक्रिय जुड़ाव रहा है।
वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुप्रसिद्ध लेखक श्री पुन्नीलन हैं जो की 8 सितम्बर को यहाँ पहुँच रहे है। 10 व 11 सितम्बर को चार सत्र और होंगे तथा 11 सितम्बर को शाम पांच बजे समापन होगा।
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सीजी वाल से साभार
शहर में तीन दिन का साहित्य समारोह ♦
सभी राज्यो से आ रहे साहित्यकार
बिलासपुर। प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए साहित्य जगत में अत्यंत उत्साह का माहौल है। सोलहवे राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारम्भ 9 सितम्बर 2016 को होगा।
तीन दिवसीय इस साहित्य -समारोह में देश के लगभग सभी राज्यों से साहित्यकार आ रहे है। भारत के आधुनिक साहित्य के इतिहास में प्रगतिशील आंदोलन की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आयोजन समिति के संयोजक और प्रगतिशील लेखक संघ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष वेद प्रकाश अग्रवाल व महासचिव नथमल शर्मा ने बताया कि इस तीन दिवसीय अधिवेशन में देश भर से तीन सौ से अधिक साहित्यकार भाग ले रहे है।
त्रिपुरा ,आसाम ,पंजाब ,हरियाणा ,दिल्ली ,राजस्थान,बिहार,झारखण्ड,उत्तरप्रदेश ,प.बंगाल ,मध्यप्रदेश ,महाराष्ट्र,कर्नाटक ,आँध्रप्रदेश,तेलंगाना ,तमिलनाडु व केरल से रचनाकारों ,पत्रकारों के आने की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। इस साहित्य समागम में 8 सितम्बर की शाम से ही साहित्य जगत के मनीषी यहाँ पहुँचाने लगेंगे। देश के प्रसिद्ध उपन्यासकार ,कहानीकार,कवि व आलोचक इसमें आ रहे है।
उद्घाटन 9 सितम्बर को सबेरे 10 बजे गणेश वाटिका,जैन इंटरनेशनल स्कूल के बाजू में होगा। उद्घाटन सत्र में नगर के साहित्यकार व साहित्यप्रेमी उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा साहित्य के अन्य सत्रों में भी जिनकी रूचि हो शामिल होंगे ही। प्रगतिशील आंदोलन की शरुआत महान लेखक प्रेमचंद व सज्जाद ज़ाहिर ने 1936 में की। प्रेमचंद इसके प्रथम अध्यक्ष थे। इसमें कैफ़ी आज़मी ,साहिर लुधियानवी ,भीष्म साहनी ,रामविलास शर्मा ,नागार्जुन ,शमशेर आदि का शुरू से सक्रिय जुड़ाव रहा है।
वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुप्रसिद्ध लेखक श्री पुन्नीलन हैं जो की 8 सितम्बर को यहाँ पहुँच रहे है। 10 व 11 सितम्बर को चार सत्र और होंगे तथा 11 सितम्बर को शाम पांच बजे समापन होगा।
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सीजी वाल से साभार
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