Thursday, September 22, 2016

उठाकर ले जाते है मारकर बताते है नक्सली ,हाई कोर्ट में लगाई जनहित याचिका दो आदिवासी लडकिउठाकर ले जाते है मारकर बताते है नक्सली यो़ ने .

* उठाकर ले जाते है मारकर बताते है नक्सली
* बस्तर के सुदूर गांव से आई दो लडकियों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगाई गुहार.






* नौ साल के बच्चे का अभी तक कोई अता पता नहीं
* आत्मसमर्पण करने वाले नक्सल मचा रहे है आतंक
* पति पत्नी को बना दिया 6 लाख का ईनामी नक्सली
* याचिका में पांच घटनाओं को बनाया गया आधार .
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बस्तर में नक्सली उन्मूलन के नामपर  की जा रही कार्यवाही की बीजापुर से आईं दिया लडकियों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका डाल के पोल खोल दी है .

याचिका कर्ता युवतीयों ने खूलासा किया है कि पुलिस के लोग गांव से लोगों को उठा कर ले जाते है और जंगल में मार के उन्हें नक्सली घोषित कर देते है . याचिका में नवंम्बर 2015  से दिसंबर 2016  तक की घटनाओं को आधार बनाया गया है .तथा मांग की है कि इनकी हाईपावर कमेटी से जांच की जाये.
सुनीता पोट्टो और मुन्नी पोट्टो ने याचिका में अपने वकील के जरिये बस्तर में फर्जी मुठभेड़ और लगातार हो रही हत्याओं ओर दुराचार पर गंभीर प्रश्न उठाये है .कहा गया है कि बीजापुर और बस्तर के अंदरूनी  क्षेत्रों में आदिवासी  पुलिस और सुरक्षा बलों की कार्यवाही से भय खाने लगे है ,उन्हें हमेशा भय रहता है कि पता नहीं कब पुलिस गाँव में आकर लोगों को उठाले और जंगल मि जाकर गोली  मार के उन्हें नक्सली साबित कर देगी .
याचिका में फर्जी मुडभेड की घटनाओं के दस्तावेज़ प्रस्तुत किये गये है .
नवंम्बर 2015 से 16 जुलाई 2016 तक की चार घटनाओं को याचिका में आधार बनाया गया है .
इनमें छ; नक्सलीयों  को मारने का दावा किया गया है जिनमें ईनामी नक्सली भी बताये गये है .याचिका में नक्सली के नामपर पुलिस कार्यवाही के नामपर आदिवासियों को मारने की बात की गई है .इसमें सर्चिंग के नामपर पुलिस के आतंक का जिक्र है .

छापामार कार्रवाही के दौरान पुलिस के जवान ग्रामीणों के साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार करते है .किसी के भी घर में बिना बताये घुस जाते है और उनके साथ मारपीट करते है .

**  नौ साल के मासूम का अबतक कोई पता नहीं पड़ा.

याचिका में कहा गया है कि ग्राम झंड्री
निवासी नौ साल का तोडी सन्नो नाम का बच्चा अपने पिता के साथ खेत में गया था ,उसका पिता पास के ही खेत में काम कर रह थे  कि इतने में पिता और एक ग्रामीण ने गोली चलने की आवाज़ सुनी ,ग्रामीण और पिता दौडते हुये खेत में पहुचे तो बच्चा वहाँ नहीं था. 6 महीने से बाप अपने बच्चे को खोज रहा है लेकिन आज तक कोई खबर नहीं मिली.
कुछ दिनों बाद उसके पिता को किसी ग्रामीण ने कहा था कि उसके बेटे की लाश पडी दिखाई दी थी लेकिन कभी उसकी पुष्टि नहीं हुई.

** आत्मसमर्पण किये नक्सली भी मचा रहे है आतंक.

याचिका में खुलासा किया गया है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलीयों को पुलिस ने एन्टी नक्सल आपरेशन में शामिल कर लिया है ,यह लोग गाँव में आके लोगों को सताने का काम करते है .
क्योंकि जब यही नक्सली थे और देशविरोधी काम कर रहे थे तो यह ग्रामीण इनकी गतिविधियों की जानकारी पुलिस को देते थे ,यह लोग इसी का बदला लेने गाँव आते है ,इन्हें अब पुलिस अपने साथ लेके आती है .सरेण्डर करके यही लोग  आब उस वक्त के मुखबिर को टारगेट बना रहे है .
**  याचिका  में दावा
पति पत्नी को बना दिया 6 लाख का ईनामी

ग्राम कडेनार में मनोज हक्का और उसकी पत्नी ताती को घर से उठा कर ले गई ,और दूसरे दिन उन दौनो की लाश मिली जो वर्दी में फोटो में दिखी .और दोनों को इनामी नक्सली बता दिया ,पति को पांच लाख और पत्नी को एक लाख का ईनामी कह दिया गया .जबकि दोनो गांव में रहकर रोजीरोटी कमाकर अपना पेट पालते थे .
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ग्राम पलनार की सीक हेमला पांच जुलाई को अपने खेत में हल चला रही थी ,पुलिस खेत से उसे उठा ले गई और दो घंटे बाद उसकी लाश पडी मिली ,पुलिस ने उसकी मुठभेड़ में मरना बता दिया .
** ग्राम झंड्री निवासी  दंडा को ड्रामी के घर में विवाह का समारोह चल रहा था वह शादी में खाना खाने के लिये पत्ता तोडने गया था  वहीं से उसे  उठा कर लेगये और गोली मार दी बाद में उसे नक्सली बता दिया .
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ग्राम कोरचोली निवासी सुबरू कुंजाम को ग्रामीणों के बीच से उठा ले गये और जंगल मे जाके गोली मार दी और नक्सली बता दिया गया .
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  ( नई दुनियां की रिपोर्ट दिनांक 21 सितम्बर के आधार पर )






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