Thursday, May 7, 2015

रावघाट परियोजना: आदिवासियों के विरोध चलते नहीं मिल रहे मजदुर पेड़ काटने के लिए


रावघाट परियोजना: आदिवासियों के विरोध  चलते नहीं मिल रहे मजदुर पेड़ काटने के लिए 

प्रमोद साहू, रायपुर। पेड़ नहीं काटने देने की माओवादी धमकी और आदिवासियों के विरोध के कारण वन विभाग को पेड़ काटने वाले नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से कांकेर में रावघाट परियोजना का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। वन विभाग ने इसके लिए दोबारा टेंडर जारी किया है। वन अधिकारियों का कहना है कि टेंडर की प्रक्रिया अभी जारी है। अभी कितने लोगों ने टेंडर भरा है, यह नहीं बताया जा सकता।
रावघाट परियोजना के लिए दल्ली राजहरा से लेकर जगदलपुर तक 235 किलोमीटर में 3 लाख पेड़ काटे जाएंगे। केन्द्र सरकार ने पहले चरण के लिए 259 हेक्टेयर वन भूमि की अनुमति भी दे दी है। इसमें कांकेर वन क्षेत्र में 7 हजार पेड़ काटे जाने हैं, लेकिन काटने वाले नहीं मिल रहे हैं। परियोजना का काम दल्ली राजहरा से शुरू हुआ है, जो कांकेर तक पहुंच गया है। बालोद में कुछ दिनों में काम खत्म हो जाएगा।
आदिवासी भी कर रहे विरोध
वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक कांकेर के लोग और आदिवासी पेड़ काटने के विरोध में हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार जंगल उजाड़ने पर तुली है, इससे यहां का प्राकृतिक सौंदर्य खत्म हो जाएगा। आदिवासियों का रहना भी मुश्किल हो जाएगा। वन विभाग ने पेड़ काटने के लिए दिसंबर 2013 में टेंडर जारी किया था, जिस पर किसी ने रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद 7 जुलाई को टेंडर जारी किया गया।
80 जगहों पर होगी 3 लाख पेड़ों की कटाई
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दल्ली राजहरा- रावघाट-जगदलपुर तक 235 किलोमीटर में 80 पेंच वन क्षेत्र हैं। इन्हीं स्थानों में पेड़ काटे जाएंगे। इस योजना में शासकीय भूमि के अलावा कृषि, आवासीय और वन भूमि आ रही है। हालांकि स्थानीय लोग पेड़ कटने के कारण इस योजना का विरोध कर रहे हैं, लेकिन यह योजना बस्तर के विकास को नई दिशा देगी। हालांकि पर्यावरण की दृष्टि से 3 लाख पेड़ काटना बहुत ही नुकसानदायक है। लेकिन योजना के लिए पेड़ काट दिए जाएंगे।
फैक्ट फाइल
- 2028.79 हेक्टेयर भूमि में लौह अयस्क का भंडार
- 51.1 करोड़ टन लौह अयस्क
- 42 गांव होंगे प्रभावित
- 131 हेक्टेयर शासकीय भूमि
- 623 हेक्टेयर निजी भूमि
- 691 हेक्टेयर वन भूमि
- दल्ली राजहरा- रावघाट-जगदलपुर 235 किलोमीटर की परियोजना
- पहले चरण में दल्ली राजहरा-रावघाट 95 किलोमीटर का काम
- द्वितीय चरण में रावघाट-जगदलपुर 140 किलोमीटर का काम
टेंडर की प्रक्रिया जारी
रावघाट परियोजना का काम शुरू करने के लिए भूमि को समतल किया जाएगा। इसके लिए जंगली इलाकों में पेड़ काटने होंगे। पेड़ काटने के लिए 7 जुलाई को टेंडर जारी किया है। आवेदन का समय निकल गया है। अभी बताया नहीं जा सकता कि कितने लोगों ने आवेदन किया है। टेंडर जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
- आरके टम्टा, एपीसीसीएफ
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दल्ली राजहरा से पहले चरण का काम चल रहा है। काम कांकेर जिला तक पहुंच गया है। कांकेर में पेड़ कटाई का काम होना है, जो वन विभाग के जिम्मे है। पेड़ कटाई नहीं होने पर परियोजना का काम आगे नहीं बढ़ पाएगा।
-अजय सिंह, सीईओ, आरवीएनएल

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