Monday, May 4, 2015

एस्सार फिर सुर्खियों में, जीएम का ई-मेल लीक

एस्सार फिर सुर्खियों में, जीएम का ई-मेल लीक






[ एस्सार  कम्पनी  कैसे  भाजपा ,कांग्रेस और बड़े अख़बार के लोगो को लाभ पहुचने का काम करती रही है ,और आज भी कर रही है ,इसमें ये भी लिखा है की भूमिअधग्रहण आंदोलन के खिलाफ इन्हे लाभ पहुचाया जाना जरुरी हैं ,पढ़िए विस्तार से इनके कारनामे ]



Posted:   Updated: 2015-05-04 19:00:04 ISTBastar : Essar into the spotlight, GM

बस्तर में लौह अयस्क परिवहन का काम भाजपा के स्थानीय नेता के भाई एक दैनिक समाचार पत्र के बस्तर ब्यूरो के प्रमुख को देने के लिए एस्सार के महाप्रबंधक द्वारा किया गया मेल लीक हो गया।
जगदलपुर/बस्तर. सितम्बर 2011 में माओवादियों को बड़ी रकम उपलब्ध कराने के मामले में सुर्खियों में रही बहुराष्ट्रीय कम्पनी एस्सार का मानना है कि बस्तर में काम करने तथा कम्पनी को फायदा पहुंचाने के लिए स्थानीय मीडिया तथा राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों को उपकृत करना आवश्यक है।
इसके लिए कम्पनी के महाप्रबंधक कृष्णमूर्ति ने अपने प्रबंधक को एक मेल भेजकर कहा है कि भाजपा के एक स्थानीय नेता के भाई एक दैनिक समाचारपत्र के बस्तर ब्यूरो के प्रमुख को लौह अयस्क परिवहन काम काम देना कम्पनी हित में होगा। इस पर हंगामा उस समय मचा, जब महाप्रबंधक कृष्णमूर्ति का यह ई-मेल लीक हो गया।
पाइप लाइन और अन्य माध्यमों से बस्तर से बड़ी मात्रा में लौह अयस्क का परिवहन करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी एस्सार एक बार फिर विवादों में है। दक्षिण बस्तर में चल रहे एस्सार के महाप्रबंधक कृष्णमूर्ति ने कम्पनी के उच्च प्रबंधन को एक मेल भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि जिन परिस्थितियों में कंपनी काम कर रही है, इसमें आदिवासी अंचल के प्रभावशाली लोगों के साथ स्थानीय लोगों को लाभ देना आवश्यक है।
कांग्रेस नेता को मिल चुका है काम
कृष्णमूर्ति ने अपने मेल में स्पष्ट उल्लेख किया है कि कांग्रेस नेता को काम देकर संतुष्ट किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि रायपुर के प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख को लौह अयस्क के परिवहन का काम देना कम्पनी के लिए फायदेमंद होगा। मेल में स्पष्ट कहा गया है कि इस समाचारपत्र के ब्यूरो प्रमुख के भाई भाजपा के स्थानीय स्तर पर बड़े नेता हैं, लिहाजा इस स्थिति में भाजपा का भी अघोषित समर्थन कम्पनी को मिलता रहेगा। ऐसा होने से कंपनी को इस माओवादी और आदिवासी बहुल इलाके में काम करने में आसानी होगी।
ई-मेल लीक
एस्सार के उच्च प्रबंधन को भेजा गया महाप्रबंधक यह यह ई-मेल लीक होते ही कम्पनी में हड़कंप मच गया, क्योंकि इस मेल ने यह स्पष्ट किया है कि कंपनी ने माओवादी इलाके और क्षेत्र की परिस्थितियों में भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहे विवाद के चलते कुछ स्थानीय प्रभावशाली लोगों को लाभान्वित करने का एकतरफा निर्णय लिया गया। मेल के माध्यम से कृष्णमूर्ति से कंपनी के आला अधिकारियों और मालिक को अवगत कराना चाह रहे थे, जो लीक हो गया।
विवादों से पुराना नाता
सितम्बर 2011 में माओवादियों को फंडिंग के मामले में यह बहुराष्ट्रीय कम्पनी एस्सार काफी विवाद में रही। उस दौरान एस्सार के लिए काम करने वाले ठेकेदार बीके लाला, सोनी सोढ़ी, लिंगाराम कोडोपी और एक एनजीओ जयजोहार की इस मामले में सहभागिता सामने आई। इस प्रकरण में संहेहास्पद भूमिका के चलते एस्सार के तत्कालीन महाप्रबंधक डीवीसीएस वर्मा को जांच के दौरान सलाखों के पीछे रहना पड़ा।

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