Friday, May 15, 2015

साजिश के तहत छीनी जा रही है आदिवासियों की जमीन : कुंजाम

साजिश के तहत छीनी जा रही है आदिवासियों की जमीन : कुंजाम






भूमि अधिग्रहण अध्यादेश कानून वापस लेने, बस्तर में स्थापित किए जाने वाले कारखानों, खनिजों बिजली के लिए जमीन के पट्टे, छठवीं अनुसूची और बस्तर की मूल जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांगों को लेकर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा की पदयात्रा का समापन गुरुवार को यहां हुआ। महासभा के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुंजाम व रामा सोढ़ी के नेतृत्व में पदयात्रा दिन में 11 बजे शहर में पहुंची। इसके बाद विभिन्न चौक-चौराहों से गुजरते ग्रामीण कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। जहां प्रधानमंत्री के नाम से एक ज्ञापन दिया गया। जिसे डिप्टी कमिश्नर एसपी नवर| ने लिया। अंत में पदयात्री हाता ग्राउंड पहुंचे। 


इस दौरान पुलिस अफसरों ने सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए हुए थे। काफी संख्या में अधिकारी और जवान यात्रा के साथ चल रहे थे। 

ग्रामीणों की भीड़ को देखते हुए आधा दर्जन से ज्यादा चौराहों पर ट्रेफिक को काफी देर तक रोकना पड़ा। 

जगदलपुर. अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के बैनर तले निकली पदयात्रा गुरुवार को शहर में पहुंची। जिसमें काफी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। डिप्टी कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन। 

विकास के नाम पर बेघर कर रहे आदिवासियों को महासभा के अध्यक्ष और पदयात्रा के संयोजक मनीष कुंजाम ने लोगों को संबोधित करते कहा सरकार जो कुछ कर रही है, उससे आदिवासियों में बेहद नाराजगी है। जिसे हम समझ रहे हैं। इसके पीछे एक नहीं कई कारण है। विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है। इसका उन्हें पता भी नहीं चलने दे रहे। नगरनार में जमीन का अधिग्रहण लगातार हुआ है, वहां कितने लोगों को नौकरी मिली है। लोहांडीगुड़ा में टाटा और डिलमिली में अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट के नाम से लोगों को उजाड़ा जा रहा है। ऐसे विकास की पुरजोर विरोध होगा। इस खराब व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई शुरु हो चुकी है। इसे तेज किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो धरना प्रदर्शन, चक्का जाम और बस्तर बंद भी किया जाएगा। एक चीज साफ है हमारी लड़ाई कारखानों, बांधों, विस्थापन और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ है। सभा को रामा सोढ़ी, बिच्चे पोंदी समेत अन्य ने संबोधित किया। कार्यक्रम में अध्यक्ष टाकरागुड़ा के सरपंच हिड़मो मंडावी, रामूराम मौर्य, आयतू मंडावी, सुकालू मंडावी, नंदाराम सोढ़ी, रुक्मणी कर्मा व अन्य मौजूद थे। 

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