कांकेर पुलिस :रवि श्रीवास्तव हत्याकांड के अपराधी अब और हत्याओं के लिए छुट जायेंगे : पैसाखोर पुलिस और न्यायालय की वजह से
कांकेर पुलिस के साथ ही न्यायालय में भी भ्रष्ट्राचार व्याप्त है | न्यायालय की अवमानना होती हो तो हो ,पर सच यही है कि इस वजह से अब यहाँ किसी को भी न्याय की उम्मीद नहीं रही | कांकेर के जनप्रिय नेता व नगरपालिका अध्यक्ष रवि श्रीवास्तव की वर्ष २००४ में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी | इस मामले में कांकेर के तत्कालीन कांग्रेस और अब भाजपा नेता और सबसे बड़े ठेकेदार गुलाम भाई के पुत्र जावेद खान के खिलाफ पुलिस ने पर्याप्त सबूत और साक्ष्य पेश किये थे | जिसमे भिलाई के एक बड़े शूटर गैंग के सदस्यों को दिये गए सुपारी के नोटों के नंबर और मोबाईल से हुई बात तक ट्रेस कर लिए गए थे | पर कुछ साल पहले स्थानीय पुलिस थाना के माल खाने से सारा सबूत और नोट तक गायब हो गए थे , जिससे मामला काफी कमजोर हो गया था | फिर भी जिला एवं सत्र न्यायालय से इन्हें आजीवन कारावास की सजा हुई थी | सजा होने के बाद इस मामले के मुख्य आरोपी को जितनी बार पेरोल पर छोड़ा गया वह भी एक रिकार्ड है | इन दस सालों के भीतर मुख्य आरोपी को ५० से अधिक बार पेरोल पर छोड़ा गया | इस तरह उसे आसानी से पेरोल मिलना भी जिला जेलों के अधीक्षकों के अलावा अब तक के सभी डीएम को कटघरे में खड़ा करता हैं जिन्होंने इसकी अनुशंसा की | दूसरी तरफ कर कई जरुरत मंद गरीब बंदी और कैदियों को उनके नजदीकी रिश्तेदारों के अंत्येष्टि संस्कार और वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए भी पेरोल नहीं देने के कई मामले हैं | पता चला है कि अपनी जेल यात्रा के दौरान हर महीने दो महीने में जेल से बाहर आकर उसने दो - दो बच्चे तक पैदा कर डाले | सुनने में आता है कि हत्यारा जावेद का ओहदा जगदलपुरजेल में जेल अधीक्षक से भी ऊपर है | ( गायकवाड जी क्षमा करें , पर सच्चाई मुझे अच्छी तरह से पता है , मेरे कुछ साथी भी अन्दर - बाहर होते रहते हैं ) मेरे भी कुछ मित्रों ने अपने नजदीकी बंदी के लिए स्पेशल सुविधा की बात की , तब पता चला कि जगदलपुर जेल में मो जावेद का एकतरफा राज चलता है | रवि श्रीवास्तव के तब के नजदीकी साथी भी अब पाला बदल चुके हैं | जिनमे से कई का राजनीतिक अस्तित्व स्व रवि श्रीवास्तव ने बनाया था | कांकेर में तब कांग्रेस को खड़ा करने में इनका बड़ा हाथ रहा है , पर इस पुरे प्रकरण से कांग्रेसियों की चुप्पी बड़ा संदेह उत्पन्न करती है ध्यान रहे कि कांग्रेस के समय भी सबसे बड़े ठेकेदार इन्ही का परिवार था अब भाजपा के समय भी इन्ही का परिवार सबसे बड़ा ठेकेदार है | अब एक तरफ तो इन आरोपियों का जमानत आवेदन सर्वोच्च न्यायालय में लगा हुआ है | , जिसकी सुनवाई से पहले जगदलपुर के जिला और सत्र न्यायालय के चोरों ने पता नहीं क्या ले देकर फ़ाइल भी गायब कर दिया है ,| इसका पूरा फायदा इन अपराधियों को ना केवल जमानत मिलने में बल्कि बाईज्जत बारी होने में भी मिल सकता है | इस तरह अन्य अपराधों के फाईल गायब करवाने का रेट क्या चल रहा है , माननीय न्यायाधीशों ??? अगर यह समाचार सही है तो | ध्यान रहे कि आरोपियों की मांग पर ही इस मामले की सुनवाई जिला सत्र न्यायालय जगदलपुर में हुई थी |
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