कनहर पर एक और बांध, सरगुजा पर आफत
उत्तर प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर निर्माणाधाीन कनहर बांध का विवाद अभी सुलझा नहीं है। इस बांध के डुबान क्षेत्र में आने वाले बलरामपुर जिले के 32 गांवों में अब भी भविष्य की चिंता और दहशत है।
रायपुर. उत्तर प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर निर्माणाधाीन कनहर बांध का विवाद अभी सुलझा नहीं है। इस बांध के डुबान क्षेत्र में आने वाले बलरामपुर जिले के 32 गांवों में अब भी भविष्य की चिंता और दहशत है। इस बीच झारखंड ने गढ़वा जिले में भी कनहर-2 के निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। इसकी जद में बलरामपुर जिले के अलावा सरगुजा संभाग के अन्य इलाके आएंगे। यदि यह बांध बनता है तो सरगुजा जिले का तबाह होना तय है। झारखंड में प्रस्तावित बांध यूपी में बन रहे बांध से भी विशाल होगा। इसे लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच प्रारंभिक स्तर पर बातचीत भी हो चुकी है।
इन गांवों का मिट जाएगा अस्तित्व
झारखंड सरकार के मुताबिक सरगुजा जिले की रामचंद्र तहसील के अलावा लुर्गी, शिवपुरी, विजयनगर, महावीरगंज, फुलवार, कनकपुर, मीठगांव, चिनिया आदि गांवों के सैकड़ों उपग्राम यानी टोले भी डुबान क्षेत्र में आएंगे। इससे छत्तीसगढ़ में 6480 हेक्टेयर क्षेत्र के 11 हजार 934 राजस्व प्लॉट प्रभावित होंगे।
उप्र के बांध से भी होगा ऊंचा
यह बांध उप्र में बनाए जा रहे बांध से भी बड़ा होगा, जिसमें ३६0 मेगावॉट क्षमता का एक हाइड्रो पावर प्लांट भी लगाया जाएगा। फिलहाल झारखंड सरकार यह निर्णय नहीं ले पाई है कि बांध की ऊंचाई 405 मीटर रखी जाए या 415 मीटर। इस बांध की प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि 405 मीटर की ऊंचाई पर छत्तीसगढ़ की 7 ग्राम पंचायतें डूबेंगी और 415 मीटर की ऊंचाई किए जाने पर छत्तीसगढ़ की 10 ग्राम पंचायतें डूब जाएंगी। झारखंड सरकार का दावा है कि इससे झारखंड में 56 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
छत्तीसगढ़ ने किया है सहयोग का वादा
इस वर्ष जनवरी में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास� से हुई मुलाकात� में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिह ने झारखंड सरकार को इस परियोजना में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ के तकनीकी विशेषज्ञों की
एक टीम ने झारखंड का 7दौरा भी किया।
कोयला खदानों पर भी खतरा
झारखंड सरकार का कहना है कि दोनों ही सरकारें गढ़वा में प्रस्तावित बांध को लेकर सहमत हैं। जबकि इस बांध की जद में छत्तीसगढ़ में कोयलों की कुछ खदानें भी आ सकती हैं। अहम बात है कि झारखंड के कन्हर-2 बांध की जद में आने वाले इलाके उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन कनहर बांध से सटे हुए हैं।
कम से कम डुबान
हम झारखंड के गढ़वा में बन रहे कन्हर बांध-2 से छत्तीसगढ़ में कम से कम डुबान के लिए कृत संकल्पित हैं। सर्वे के लिए झारखंड
को 29 लाख रुपए देने का प्रस्ताव भेजा गया है। इससे डुबान क्षेत्र का सर्वे कराया जाएगा।
एच.आर. कुटारे, प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, छत्तीसगढ़
बैराज का प्रस्ताव
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से हमें गढ़वा में प्रस्तावित कन्हर बांध-2 की जगह पर बैराज बनाने का प्रस्ताव मिला है। बैराज के बनने से एक पूरे बांध की अपेक्षा छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में डुबान क्षेत्र कम हो सकेगा।
अशोक कुमार, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग, झारखंड
-आवेश तिवारी
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