पोलावरम डेम से होंगे हजारों आदिवासी प्रभावित, आवाज दबाने में लगी सरकार
Posted:2015-04-29 11:21:05 IST Updated: 2015-04-29 11:21:05 IST
पोलावरम बांध का विरोध करते रैली निकालने सुकमा जा रहे कांग्रेसियों को सुरक्षा व विश्रामगृह दिलाने पुलिस व प्रशासन ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। कांग्रेसी विधायकों ने इसे भाजपा सरकार की साजिश करार देते कहा कि कांग्रेसी पोलावरम के हजारों प्रभावित आदिवासियों की आवाज उठाने की कोशिश कर हैं, जिसे सरकार दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
जगदलपुर. पोलावरम बांध का विरोध करते मंगलवार को रैली निकालने सुकमा जा रहे कांग्रेसियों को सुरक्षा व� विश्रामगृह दिलाने पुलिस व प्रशासन ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसकी लिखित सूचना कांग्रेसी विधायकों को दे दी गई। कांग्रेसी विधायकों ने इसे भाजपा सरकार की साजिश करार देते कहा कि कांग्रेसी पोलावरम के हजारों प्रभावित आदिवासियों की आवाज उठाने की कोशिश कर हैं, जिसे सरकार दबाने की कोशिश कर रहे हैं।� इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम यथावत रखा जाएगा और इस दौरान उनके साथ कोई हादसा होता है तो इसकी पूरी जवाबदारी सरकार की होगी।
पोलावरम बांध के विरोध में कोंटा में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे कांग्रेस के छह विधायक� सोमवार को कोंटा विधायक कवासी लखमा के नेतृत्व में जगदलपुर पहुंचे थे। यहां पहुंचकर सुरक्षा को लेकर उन्होंने बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी से मुलाकात की।� इस पर कल्लूरी ने मंगलवार को संभागीय मुख्यालय में होने वाले अधिकारियों की बैठक का हवाला देते सुरक्षा देने से इंकार कर दिया।
इसके बाद सभी विधायक स्थानीय फारेस्ट रेस्ट हाउस पहुंचकर पत्रकार वार्ता ली, जहां� कांग्रेस के छह विधायक कवासी लखमा, दीपक बैज, लखेश्वर बघेल, मनोज मण्डावी, संतराम नेताम व शंकर धुरवा मौजूद थे। इस दौरान कांगे्रसी नेता हेमू उपाध्याय, अनवर खान समेत अन्य कांग्रेसी मौजूद थे।
बीस दिन पहले दी थी सूचना
पत्रकारवार्ता में विधायक कवासी लखमा व मनोज मण्डावी ने बताया कि विधायक लखमा व लखेश्वर बघेल ने धरना कार्यक्रम की सूचना करीब बीस दिन पहले ही प्रशासन को दी थी।� सुकमा� एसपी डी श्रवण ने सुरक्षा दिए जाने का आश्वासन दिया था। सत्कार अधिकारी से भी� विधायकों के ठहरने के लिए विश्राम गृह का इंतजाम करने कहा था, जिस पर उन्होंने विश्राम गृह में कमरा दिलाने का आश्वासन भी दिया। इधर अब से चार दिन पहले बस्तर आईजी कल्लूरी से मिलकर धरना व रैली के लिए सुरक्षा की मांग की गई थी, जिसमें उन्होंने सुरक्षा देने की बात कही थी। अब धरने के एक दिन पहले प्रशासन सुरक्षा देने से इंकार कर रहा है।
माओवादियों का शहीदी सप्ताह जारी
इधर माओवादियों ने एक मई तक शहीदी सप्ताह को लेकर भी बंद का आहवान किया है। एेसी स्थिति में बांध के प्रभावितों के पक्ष में सुरक्षा के अभाव में कांग्रेसी विधायकों का जाना और सरकार से सुरक्षा को लेकर पुख्ता जवाब नहीं मिलना कठिन परिस्थितियों को जन्म दे रहा है।
कार्यक्रम में नहीं करेंगे बदलाव
विधायक दल ने पहले से तय नियत कार्यक्रम में बदलाव नहीं करने की बात कही है। विधायकों ने कहा कि सरकार आदिवासियों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। प्रोटोकॉल में विधायक मुख्य सचिव से भी उपर होते हैं पर सरकार के नुमाइंदे उन्हें सुरक्षा देने से इंकार करते पर्याप्त� सुरक्षा बल नहीं होने को बता रहे हैं
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