Thursday, May 14, 2015

रायगढ़ एनटीपीसी करोडो का जमीन घोटाला ,फर्जी रजिस्ट्री ,11 गवाह 1172 रक्जिस्ट्री ,किसानो से धोखाघड़ी


रायगढ़ एनटीपीसी करोडो का  जमीन घोटाला ,फर्जी रजिस्ट्री ,11 गवाह 1172 रक्जिस्ट्री ,किसानो से धोखाघड़ी 




रायगढ़ (निप्र)। एनटीपीसी लारा में अवैध नामांतरण के तहत अन्य जिले के सीरियल क्रमांक से पट्टा जारी कर दिया गया था। जांच में खुलासा होने के बाद इसे निरस्त करने की कार्रवाई की गई, लेकिन अब तक पट्टेदार के सामने नहीं आने से प्रक्रिया अधूरी है। हालांकि इस मामले में अब तक करीब 12 फर्जी पट्टे को जब्त कर लिया गया है।
पुसौर ब्लॉक के लारा गांव में निर्माणाधीन एनटीपीसी में करोड़ों का जमीन घोटाला सामने आ चुका है। उत्पादन शुरू होने से पहले गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद भी सरकार व कंपनी को लाखों की चपत लग चुकी है। खास बात यह है कि इसमें मुआवजे के नाम पर अवैध तरीके से सैकड़ों एकड़ जमीन का नामांतरण कर दिया गया था। जांच में खुलासा होने के बाद ऐसे अवैध नामांतरण को निरस्त कर दिया गया था।
हालांकि निरस्त किए गए फर्जी पट्टे को अब तक जब्त नहीं किया गया है। इसमें आश्चर्य की बात यह है कि अवैध तरीके से नामांतरण को अमलीजामा पहनाने के नाम पर दिगर जिले के सीरियल क्रमांक से करीब 6 सौ पट्टा जारी किया गया था। इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ शासन की ओर से कार्रवाई तो की जा चुकी है, लेकिन अब तक फर्जी पट्टे जब्त नहीं हुआ है।
करीब 6 सौ पट्टे जारी किए गए थे। इसमें से पूर्व में 4 व हाल ही में 12 पट्टे जब्त किया गया है। इन पट्टेधारियों का नाम व पता तो पुसौर ब्लॉक के लारा व झिलगीटार का लिखा है, लेकिन पट्टे का सीरियल क्रमांक दिगर जिले का है। इस जिले के सीरियल से नहीं मिलने के कारण ही शक हुआ था। इसके बाद जांच की गई थी।
गरियाबंद जिले का सीरियल क्र मांक
मुआवजे की राशि हड़पने के लिए जारी किए गए फर्जी पट्टे का सीरियल गरियाबंद जिले का है। पट्टा जारी करने के लिए इस जिले को शासन की ओर से जो सीरियल एलॉट किया गया था। उसी क्र मांक को अधिकारियों द्वारा उपयोग कर लिया गया था। अब ऐसे पट्टों की खोजबीन भी की जा रही है, लेकिन अब तक इसका पता नहीं चल सका है।
नहीं ले पाए थे लाभ
एनटीपीसी से प्रभावित नौ गांव के लोगों के नाम पर पट्टा जारी किए गए थे। इसमें सबसे अधिक पट्टा झिलगीटार के लोगों के नाम पर जारी किया गया था। इन पट्टेधारियों ने अब तक मुआवजे की राशि लेने नहीं आए है। 12 पट्टेधारी आए थे, लेकिन मुआवजे के बदले जब्ती बना लिया गया है। बताया जाता है कि गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद अवैधानिक पट्टेधारियों ने मुआवजे लेने की हिम्मत नहीं की। इससे शासन को लाखों की चपत लगने से बच गई है।
इन पट्टों को किया गया है जब्त
पट्टेधारी व पिता का नाम सीरियल
पंकजनी / देवार्चन 1765217
संजय /देवार्चन 1765218
सुशील /संतोष 1765245
लेकरू/बुधू 1763249
दीपिका/ हीरालाल 1766090
पार्वती /महादेव 1766085
सतरूपा /हीरालाल 1766088
अनील /संन्यासी 1765233
कंचन /संन्यासी 1763332
मालती /सहदेव 1766086
सुशील /संन्यासी 1763331
रजनी / पुर्णो 1763323
इनका कहना है
अब तक करीब 12 फर्जी पट्टों को जब्त किया जा चुका है। इन पट्टों को जारी करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी को पत्र लिखा गया है। कलेक्टर की अनुशंसा के बाद संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
-केएस मंडावी, एसडीएम
एनटीपीसी जमीन घोटाले मामले में नया प्रकरण सामने आया है। भू माफियाओं ने जबरदस्त गड़बड़ी की और फर्जी गवाहों को पेश कर दिया। ऐसे ही एक मामले में 13 गवाहों ने 1172 रजिस्ट्री कर दी। अब इन सभी पर केस दर्ज किया जा रहा है। एनटीपीसी के लिए अधिग्रहित भूमि के अभिलेखों की जांच -प़ डताल के दौरान यह पाया गया है कि एक ही दिन में एक ही विक्रेता द्वारा कई व्यक्तियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में भूमि बेची गई है। कुछ प्रकरणों में विक्रेता रायगढ़ जिले के बाहर के निवासी है, जिनके द्वारा पंजीकृत बायनामा निष्पादित किया गया है तथा उन रजिस्ट्रियों में गवाह के रूप में एक ही व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किया गया है, जो प्रथम दृष्टया जमीन दलालों व गवाहों की मिलीभगत का मामला प्रतीत होता है। कृषि भूमि का छोटे-छोटे टुक़ डों में विक्र य कराने में दलालों व गवाहों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जमीन रजिस्ट्री के कुछ मामलों में क्रेता अन्य प्रदेशों के भी है, जिनसे स्थानीय गवाहों का परिचित होना भी संदेह के दायरे में हैं। रजिस्ट्री के कुछ मामलों में फर्जी हस्ताक्षर की भी शिकायत प्रशासन को मिली है।
हद है फर्जीवाड़े की
कलेक्टर श्री बंसल ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच-पड़ताल में जमीन की खरीदी-बिक्री के दौरान गवाही देने के मामले में जो ग़ड़बड़ी सामने आयी है, उसमें रायगढ़ के आनंद शर्मा ने तो 158 रजिस्ट्री में गवाह के तौर पर अपना हस्ताक्षर कर दिया है। रायगढ़ के नटवर लाल अग्रवाल ने 149, कांदाग़ढ़ के गोविंद राम साव ने 133 तथा रायगढ़ के मुकुन्द गुप्ता ने 101 रजिस्ट्री में बतौर गवाह अपने हस्ताक्षर किए है। इसी तरह रैबार के अभयराम ने 75, नेतनागर के मंगलसाव ने 74, रायग़ढ़ के श्रीनाथ सोनपारा ने 73, झलमला के प्रीतम सिंह ने 72, मनोज जायसवाल ने 59, रायग़ ढ के राजकुमार प्रजापति ने 49, ठण्डाराम ने 46, रायग़ढ़ के राजकुमार ने 44, पडि़ गांव के लक्ष्मी प्रसाद एवं रायगढ़ के मनोज ने 38-38, कांदागढ़ के सहदेव ने 34 तथा लारा के प्रमोद गुप्ता ने 29 रजिस्ट्री पत्र बतौर गवाह अपने हस्ताक्षर किए है।
मामला पुलिस के पास
दूसरे प्रदेश के रहने वाले लोगों द्वारा लारा सहित आसपास के गांवों में जमीन टुक़ड़ों में खरीदी गई है, जिसमें स्थानीय लोगों एवं भूमि के दलालों ने गवाही दी है। रजिस्ट्री के इन मामलों को सरसरी तौर पर देखने पर ही ग़ड़बड़ी प्रतीत होती है। इस मामले की गहन जांच-पड़ताल तथा अवैधानिक तरीके से भूमि की खरीदी-बिक्री में लिप्त लोगों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए मामला पुलिस अधीक्षक के जिम्मे दिया गया है। उप पंजीयक रायग़ढ़ को इस मामले में पुलिस अधीक्षक को आवश्यक जानकारी व दस्तावेज उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए है।
9 गांवों की 924.334 हेक्टेयर जमीन
अपर कलेक्टर श्याम धावड़े ने बताया कि पुसौर ब्लाक के ग्राम लारा में एनटीपीसी द्वारा ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना की जानी है। जिसके लिए सीएसआईडीसी के माध्यम से पुसौर तहसील के कुल 9 ग्रामों लारा, झिलगीटार, देवलसुर्रा, आरमु़ डा, बोडाझरिया, कांदाग़ ढ, छपोरा, महलोई एवं रियापाली में लगभग 924.334 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जा रहा है। अब तक उक्त गांवों में 780.869 हेक्टेयर भूमि अर्जित की जा चुकी है। इन गांव में भू-अर्जन का लाभ लेने के लिए छोटे-छोटे टुक़ड़ों में भूमि की ब़ड़े पैमाने पर खरीदी-बिक्री की शिकायत कलेक्टर को मिली थी।
जांच में गड़बड़ी
जांच में गड़बड़ी पाई गई है। कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं सभी पर कार्रवाई के लिए मामला पुलिस को सौंप दिया गया है। जांच आगे भी जारी रहेगी।
मुकेश बंसल कलेक्टर

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