Monday, December 26, 2016

मूर्खों की ज़मात है छत्तीसगढ़ पुलिस ,कहानी भी ऐसी गढी की बच्चा भी भरोसा न करे.





मूर्खों की ज़मात है छत्तीसगढ़ पुलिस ,कहानी भी ऐसी गढी की बच्चा भी भरोसा न करे.
*   सात वरिष्ठ वकील ,जाने माने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता मिलकर एक लाख रूपये बदलवाने आये थे वो भी नक्सलियों का .
पुलिस की कारगुजारियों को सामने लाना कबसे हो गया गैरकानूनी काम.
* एस आरपी कल्लुरी ने आते ही दिखाया अपना बदरंग चेहरा .
* बस्तर में लगातार हो रही फर्जी भुठभेड ,हत्यायें और बलात्कार  को छिपाने के लिये की गई गिरफ्तारी.
* सारे देश में छत्तीसगढ़ सरकार  की हो रही है आलोचना ,कल्लूरी ऐसे ही सरकार को डालते रहे है
 संकट में .असंवैधानिक ,अनैतिक और अलोकतांत्रिक गिरफ्तारी के खिलाफ मानवाधिकार संगठनों ने की रिहाई की मांग.
* छत्तीसगढ़ जनसुरक्षा अधिनियम का दुरपयोग .
*कल्लूरी ने इन्हें सफेदपोश माओवादी बताया .
* कारपोरेट घरानों को लाभ पहुचाने कि लिये शिवराम कल्लूरी ने पूरे क्षेत्र को युद्ध के क्षेत्र में बदल दिया है. जो लोग बस्तर का सच बाहर लाना चाहते है उन्हें यह झूठे मामले में फंसा रहा हैं.
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अभी दो महीना भी नहीं बीता जब बस्तर पुलिस ने ठीक एसे ही दिल्ली के दो प्रोफेसर और छत्तीसगढ़ के राजनैतिक नेता पर हत्या का केस रजिस्टर किया था ,और सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार की फजीहत कराकर अपने ही आरोपों से मुकर जाने वाली पुलिस फिर एक बार नई मूर्खतापूर्ण कहानी लेके सामने आई है.
और अब कहानी रची है
तेलंगाना से सात लोग जिनमें हाईकोर्ट के दो वरिष्ठ एडवोकेट,एक जाने माने पत्रकार दो मानवाधिकार संगठन के सदस्य और दो काँलेज के छात्र एक लाख रूपये (पुराने नोट ) बदलवाने के लिये ,नक्सली साहित्य अपने बेग में रखकर छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ भडकाने के लिये बस्तर में आ रहे थे ,तो उन्हें छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम में गिरफ्तार कर लिया गया .
पत्रिका लिखता है
 नक्सलियों के नोट बदलने ग्रामीणों पर दबाव बनाने के आरोप में सुकमा पुलिस ने किस्टाराम थाने के धर्मापेंटा से अधिवक्ता, पत्रकार, छात्रों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। सुकमा एएसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया, तेलांगाना राज्य के यह लोग लगातार छत्तीसगढ़ में घुसकर ग्रामीणों पर नोट बदली का दबाव बना रहे थे। ग्रामीणों से मिली शिकायत के बाद तेलांगाना पुलिस की मदद से घेराबंदी कर इन्हें गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से एक लाख रुपए के 500 व हजार रुपए के पुराने नोट मिले है। साथ ही नक्सली साहित्य भी बरामद किया गया है।

गिरफ्तार सभी सात लोग में हाईकोर्ट अधिवक्ता आंध्र व तेलंगाना के बाला रविन्द्रनाथ पिता बी सोमैय्या, अधिवक्ता सीएच प्रभाकर पिता रामैया, डी प्रभाकर पिता त्रिपालु, हैदराबाद के पत्रकार बी दुर्गाप्रसाद पिता एल्लैयाह, तेलंगाना विद्यार्थी वेदिका संस्था से जुड़े राजेंद्र प्रसाद पिता के.य्या, नजीर पिता मो.याकुब और रामानंदा लक्ष्मय पिता आर सितैय्या शामिल हैं। पुलिस ने इन पर राज्य जनसुरक्षा अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज कर सोमवार को सुकमा कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

 * आईजी ने कहा सफेदपोश नक्सली
दिल के ऑपरेशन के बाद बस्तर पहुंचे आईजी एसआरपी कल्लूरी ने इस गिरफ्तारी के बाद सभी को सफेदपोश नक्सली बताया है। उन्होंने कहा, ये लोग नक्सलियों के नोट बदलवाने लंबे समय से ग्रामीणों पर दबाव बना रहे थे। तेलांगाना पुलिस से मिली पुख्ता सूचना के बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया है।

गिफ्तारी के विरोध में स्वर हुए तेज
इधर गिरफ्तारी को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। कम्युनिस्ट नेता संजय पराते ने जारी बयान में कहा, ये सातों तेलंगाना डेमोके्रटिक फोरम(टीडीएफ) से जुड़े हुए हैं। ये राज्य में हो रहे फर्जी मुठभेड़ों की फैक्ट फाइंडिंग करने यहां पहुंचे थे। ये लोग काले कानून की भेंट चढ़ा दिए गए हैं। इससे पहले विनायक सेन की गिरफ्तारी हुई भी इसी अधिनियम के तहत की गई थी। लंबे समय के बाद यह दूसरा मामला बताया जा रहा है।

पीयूसीएल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष लाखन सिंह ने घटना को अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने आरोप लगाया, बस्तर में लगातार हो रहे फर्जी मुठभेड़ की जांच करने आ रहे दल को खम्मम में गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंपा गया। इन सभी को तुरंत रिहा किया जाए।

झूठे आरोप में फंसाने का आरोप ;

आन्ध्र और तेलंगाना के मानवाधिकार कार्यकर्ता मदन स्वामी का आरोप है कि बस्तर पुलिस और सुरक्षा बल के लोग निर्दोश आदिवासियों की हत्या कर रहे है ,उनके घरों को उजाड़ और महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे है .स्वामी का कहना है कि गिरफ्तार लोग समाज के प्रतिष्ठित वकील पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता है .
तेलंगाना पुलिस ने इसलिए झाडा पल्ला .

तेलंगाना डेमोक्रेटिक फोरम के संयोजक प्रोफेसर विश्वेश्वरैया ने कहा कि  फोरम के सदस्य 25 दिसंबर को सुबह  हैदराबाद के लिये
कार से रवाना हुये थे ,वे करीब नौ बजे  तेलंगाना के खम्मम  इलाके मे पहुचे तो दुगुडम पुलिस ने इनसे कडी पूछताछ की ,सबके पास अपने अपने पहचान पत्र, आधार कार्ड चैक किये
इसके बाबजूद इन सबको माओवादी गतिविधि में संलग्न बताकर छत्तीसगढ़ की सुकमा पुलिस के  धरमपेटा पुलिस को सोंप दिया .
इसकी सूचना मिलते ही तेलंगाना के कार्यकर्ता हैदराबाद  में डीजीपी अनुराग शर्मा से मिलने  गये .लेकिन उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड लिया कि उनकी गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ पुलिस ने की है.

विश्वेश्वरैया का आरोप है कि चूंकि तेलंगना के विधानसभा का सत्र चल रहा है ,इसलिए किसी बबंडर से बचने के लिये एसा कहके अपनी जिम्मेदारी से बचाव किया है.
लोकस्वातंत्र संगठन पीयूसीएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि किरण जैन और महासचिव व्ही सुरेश ने इस गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक और गैरकानूनी बताया है.
उन्होंने कहा कि कारपोरेट घरानों को लाभ पहुचाने कि लिये शिवराम कल्लूरी ने पूरे क्षेत्र को युद्ध के क्षेत्र में बदल दिया है. जो लोग बस्तर का सच बाहर लाना चाहते है उन्हें यह झूठे मामले में फंसा रहा हैं.
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