Tuesday, December 20, 2016

अंतागढ़ में करोड़ों की वन भूमि घोटाला, सत्तापक्ष के नेताओं व पूंजीपतियों पर आरोप

अंतागढ़ में करोड़ों की वन भूमि घोटाला, सत्तापक्ष के नेताओं व पूंजीपतियों पर आरोप
19 Dec 2016

जिले के अंतागढ़ में वनभूमि अधिकार पट्टों के नाम पर करोड़ों रुपए की भूमि के बंदरबाट का मामला आया है। रसूखदार भाजपा नेताओं, सरकारी अधिकारी व पूंजीपतियों ने कूट दस्तावेज के सहारे कई एकड़ जमीन अपने-अपने नाम करा शासकीय जमीन से लाखों रुपए की आवक भी वसूल रहे हैं।
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राजेश शुक्ला,कांकेर
नई दुनिया
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जिले के अंतागढ़ में वनभूमि अधिकार पट्टों के नाम पर करोड़ों रुपए की भूमि के बंदरबाट का मामला आया है। रसूखदार भाजपा नेताओं, सरकारी अधिकारी व पूंजीपतियों ने कूट दस्तावेज के सहारे कई एकड़ जमीन अपने-अपने नाम करा शासकीय जमीन से लाखों रुपए की आवक भी वसूल रहे हैं। मामले की शिकायत जिला प्रशासन से जनदर्शन में सेमरापारा निवासी संतूराम धु्रव ने जनवरी 2013 में तत्कालीन कलेक्टर अलरमेल मंगई डी से की थी। जांच रिपोर्ट में अनियमितता और फर्जी तरीके से जमीन हथियाने का खुलासा भी हुआ था। मगर सत्ता से जुड़े भू-माफियाओं का कब्जा होने से प्रशासन मामले को दबाए बैठी है।

नगर के महाविद्यालय के पास लगे करोड़ों की वन भूमि हथियाने के लिए कई सरकारी अधिकारी व भाजपा नेताओं ने नियम विरुद्ध कूट दस्तावेज का सहारा लिया। जिनमें से एक बोदेश्वर पटेल ने तो बाकायदा 4.5 एकड़ जमीन डामर प्लांट फैक्ट्री को लीज में देकर लाखों रुपए वसूल रहा है। इतना ही नहीं एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने भी कई एकड़ जमीन का पट्टा अपनी मां के नाम बनवा लिया तो, वहीं इनके सगे भाई कांग्रेसी नेता ने पिता के नाम पट्टा बनवाकर करोड़ों की जमीन दबा ली है।

अुनशंसा 32 की, पट्टा जारी हुआ 62 को

तत्कालीन पंचायत सचिव थानसिंह रघुवंशी का कहना है कि वन भूमि अधिकार पट्टा के लिए ग्रामसभा का प्रस्ताव जरूरी होता है। जो प्रस्ताव ग्रामसभा में पारित हुआ था, उसमें सिर्फ 32 लोगों को जमीन का पट्टा देने के लिए अनुशंसा की गई थी। लेकिन बाद में 62 लोगों को पट्टा जारी हुआ। उन्होंने कहा कि जब हमने अनुशंसा नहीं की थी तो बाकी के 30 लोगों को जमीन का पट्टा कैसे जारी हो गया। अन्य लोगों के नाम फर्जी हस्ताक्षर और सील लगाकर बनाए गए प्रस्ताव की जांच होने पर ऐसे लोग निश्चित तौर पर जेल जाएंगे।

शहीद के पिता का भी नाम

अंतागढ़ की शान कहे जाने वाले शहीद एसडीओपी राजेश पवार गरियाबंद में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हो गए। फर्जी सूची में उनके पिता अंकालू राम पवार का नाम होने से यह संदेह होता है कि कूट रचना करने वाली समिति के बारे में उन्हें पूरी जानकारी है। इतना ही नहीं तहसील कार्यालय के तत्कालीन चपरासी मनोरंजन जोरदार की भूमिका भी संदेहास्पद बताई जा रही है। सन 2008-09 में वितरित वन भूमि अधिकार पट्टे में संदेहास्पद सूची में दो ऐसे नाम हैं जो पहले से ही जेल में निरूद्घ है।

पूर्व मुख्यमंत्री जोगी ने लिखा पत्र

अंतागढ़ में करोड़ों रुपए की जमीन घोटाले में जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पत्र लिखते हुए भूमि आवंटन के तरीके और संदिग्ध लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र में अंकालूराम पवार, चंदा बाई चंदेल, प्रभूलाल साहू, बोदेश्वर पटेल, मनोरंजन जोरदार आदि के नामों का उल्लेख करते हुए जोगी ने कहा है कि अपात्रों को भी जमीन दी गई। जिसके लिए कूट रचना भी हुई। पूरे मामले की जांच इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि सत्ताधारी लोगों का दबाव है।

कोई भी नेता हो कार्रवाई होगी : हलधर

कांकेर जिले में भाजपा नेताओं द्वारा करोड़ों रुपए की जमीन हथियाने के मामले में राजनीति तेज हो गई है। चारामा स्थित नेशनल हाइवे की जमीन पर महामंत्री आलोक ठाकुर की करोड़ों रुपए कीमत की जमीन को लेकर आदिवासी समाज ने प्रदर्शन किया था। मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंच चुका है। बताया जा रहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने भी नाराजगी दिखाई। इसी तरह अंतागढ़ में भी वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा जमीन पर कब्जा करने से पार्टी की छवि खराब हो रही है। इन मामलों पर भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष हलधर साहू ने कहा कि किसी भी घोटाले का आरोप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि जांच में किसी भी नेता के खिलाफ तथ्य मिलते हैं तो कार्रवाई जरूर होगी।

दोषियों पर होगी कार्रवाई : एसडीएम

इस मामले में अंतागढ़ एसडीएम भारती चंद्राकर ने कहा कि उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं। जांच में जो भी दोषी होगा उन पर कार्रवाई की जाएगी।

दोषियों पर होगी कार्रवाई-कलेक्टर

पूरे मामले के बारे में पूछे जाने पर कलेक्टर शम्मी आबिदी ने बताया चूंकि मामला कुछ समय पहले का है, पूरी जानकारी जुटाई जा रही। और यदि जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई जाती है तो निश्चित तौर पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।

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