Monday, December 26, 2016

हाईकोर्ट वकीलों की गैरकानूनी पूछताछ के नाम पर परेशान करने की कोशिश.

अभी अभी :जगलपुर  पुलिस की कारिस्तानी

26.12.2016  8.25 ,pm

** हाईकोर्ट के आदेश और कमिश्नर जगदलपुर के निर्देश के बाद भी छत्तीसगढ़ पुलिस किसी की सुनने को तैयार नहीं .
* हाईकोर्ट वकीलों की गैरकानूनी पूछताछ के नाम पर परेशान करने की कोशिश.
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अभी दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने  13 साल के बच्चे की लाश को खोदकर दुबारा पोस्टमार्टम के आदेश दिये थे .और जगदलपुर कमिश्नर श्री वासनीकर की देखरेख में पोस्टमार्टम के आदेश दिये थे ,सारी कार्यवाही परिजनों के समक्ष करने के आदेश दिये थे.
आदेश के अनुपालन में याचिकाकर्ता की वकील प्रियंका शुक्ला और निकिता कमिश्नर की सलाह और कहने पर गोयल धर्मशाला में रात को ठहरने गये थे .
गोयल धर्मशाला रूम नं 3, जहा कल ही  हमको कमिश्नर से  रुकने के लिए बात हो गयी थी,इसके बावजूद अभी कुछ देर पहले पुलिस की एक टीम अचानक आई और हमको परेशान करने लगी।हमने सब कुछ बताया इसके बावजूद हमसे  सब इंसपेक्टर अर्चना ने बोला कि हम नही जानते आपको थाने चलना होगा,अपना सामान चेक करवाना होगा आप लोग अवैधानिक तरीके से रुके है।
हमने बताया कि कमिशनर महोदय और sdm जगदलपुर महोदय से हमारी बात हुयी है माननीय कोर्ट के आदेश पर हम यहाँ पोस्टमॉर्टम के लिए आये,हम वकील है पर फिर भी मानने को तैयार ही नही हो रहे थे.
बाद में फिर से हमारी फ़ोटो ली गयी. न ही हमारे कहने के बाद भी  अपने किसी अधिकारी से बात करा  रहे थ

 काफी देर बाद जब कमिशनर साहब को फोन पर लेकर स्पीकर ऑन करके सबके सामने रक्खा तब जाकर मजबूरी में si अर्चना को बात करना पड़ा.
अधिवक्ता निकिता को कमरे के बाहर से बोला "ए लड़की इधर बाहर आओ" बताने के बावजूद कि अधिवक्ता है,बत्तमीजी से ट्रीट किया गया।बाद में जब अधिकारी से स्पीकर पर बात हुयी,चूँकि सब सुन रहे थे इसलिए plz plz करके बात करते हमारी फोटो ली।
पुलिस हम सबको परेशान और डराने आई थी .
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प्रियंका शुक्ला की रिपोर्ट
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