Thursday, November 10, 2016

मोदी जी रास्ते से हटो या इंसाफ दो कहकर निकले जिग्नेश मेवाणी का सत्याग्रह आंदोलन को समर्थन



मोदी जी रास्ते से हटो या इंसाफ दो कहकर निकले जिग्नेश मेवाणी का सत्याग्रह आंदोलन को समर्थन

November 8, 2016

बीते दिनों भोपाल जेल से कथित तौर पर भागे आठ सिमी कार्यकर्ताओं के एनकाउंटर की विश्वसनीयता पर देश भर में उठते सवालों के बीच दिल्ली के जंतर-मंतर पर सत्याग्रह आन्दोलन की शुरुआत होने जा रही है।

सत्याग्रह का रास्ता अपनाकर सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच की मांग को लेकर इस आंदोलन को गुजरात के ऊऩा दलित आंदोलन की तर्ज पर खड़ा किया जाएगा।

दिल्ली में 13 तारीख से शुरू होने वाले इस आन्दोलन में ऊना आन्दोलन का नेतृत्व करने वाले युवा नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी हिस्सा और अपना समर्थन देने की घोषणा की है।

बोलता हिन्दुस्तान से बात करते हुए सत्याग्रहियों ने कहा है कि रमा शंकर यादव की हत्या एक साजिश के तहत की गई है और इस एनकाउंटर में 8 नहीं बल्कि 9 लोग मारे गए हैं। इन दिनों मुल्क के हालात इस कदर बदतर हो चले हैं कि अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ खड़े किए गए आन्दोलन की तर्ज पर आज फिर से एक नया ‘सत्याग्रह’ छेड़ने की ज़रूरत है। और हमें खुशी है कि हमारे इस आंदोलन को जिग्नेश का समर्थन मिलेगा।

हमलोग सभी से आगे आऩे की अपील करते है। यह लड़ाई हमारी नहीं बल्कि हमसब की है क्योंकि इसमें न्याय सभी को मिलना चाहिए वह भी निष्पक्ष।

जिग्नेश मेवाणी का सत्याग्राहियों को दिया समर्थन पत्र

अपने फेसबुक वॉल पर इसका समर्थन करते हुए जिग्नेश ने लिखा है, “जिस तरह आप साथियों ने भोपाल फर्जी एनकाउंटर और कॉन्स्टेबल रमाशंकर यादव की हत्या पर दिल्ली में *सत्याग्रह* आंदोलन खड़ा किया है इस आंदोलन को उना दलित अत्याचार लडत समिति और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की तरफ से समर्थन जाहिर करता हूँ। इस आंदोलन को फासीवादी ताकतों के खिलाफ देश भर में ले जाने के लिए आप साथियों के साथ हूँ।”

उन्होंने आगे कहा, ‘जैसा कि मैं जन संघर्ष मंच के साथी एडवोकेट डॉ मुकुल सिन्हा और एडवोकेट शमशाद पठान के साथ सादिक जमाल, जावेद, इशरत, तुलसी प्रजापति और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर* पर नजदीकी से काम करने पर यह मै ज्यादा मजबूत तरीके से कह सकता हूं कि देश में भारतीय मुसलमानों को जिस तरह से आतंकवादी बता कर भाजपा शासित राज्यों में मारा जा रहा है वह सिर्फ और सिर्फ अपनी राजनीति को चमकाने के लिए मारा जा रहा है। क्योंकि गुजरात में जिस तरह से फर्जी एनकाउंटरो के बल पर नरेंद्र मोदी फासीवाद ताकतों के सबसे प्यारे नेता बन गए।”

जिग्नेश ने आगे लिखा, इसलिए शिवराज सिंह चौहान जैसे मुख्यमंत्रियों को भी यह लगने लगा कि नरेंद्र मोदी तीन बार राज्य के चुनाव जीत कर अगर प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो फिर वो क्यो नहीं प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं। शिवराज सिंह चौहान को अब यह महसूस हुआ होगा कि उनकी छवि कट्टर नहीं होने की वजह से प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं तो वो नरेंद्र मोदी और संघ के बताए हुए रास्ते पर चल पड़े और एक साथ आठ लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मार गिरवाया।

लेकिन मैं अपने राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की तरफ से इस तरह के फासीवाद की जमकर भर्त्सना करता हूँ और आप साथियों की माँग को भी दोहराता हूँ कि इस फर्जी मुठभेड़ की जांच निष्पक्ष तरीके से हो इसके लिए जरूरी है कि इस पूरी घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में एक हाई लेवल जांच टीम बनाकर कराई जाए और इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक एफआईआर दर्ज की जाए।

अंत में सत्याग्रह आंदोलन और फासीवाद के खिलाफ हो रहे हर आंदोलन को हमारा संपूर्ण समर्थन है।

जिगनेश मेवाणी कनवीनर राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच

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