Saturday, November 26, 2016

जरा सी देर और हो जाती तो बिक जाते 500 ग्रामीण, हो रही थी बड़ी मानव तस्करी

जरा सी देर और हो जाती तो बिक जाते 500 ग्रामीण, हो रही थी बड़ी मानव तस्करी

2016-11-24 12:21:27


जरा सी देर और हो जाती तो बिक जाते 500 ग्रामीण, हो रही थी बड़ी मानव तस्करी

रायपुर. छत्तीसगढ़ में भोले-भाले मजदूरों को पैसे का लालच देकर उत्तरप्रदेश(UP) के शहरों में मजदूरी के लिए ले जाए जाने के मानव तस्करी(Human trafficking) के खेल का बुधवार को बड़ा खुलासा हुआ। महासमुंद जिले और ओडिशा के गांवों से 1000 से अधिक मजदूरों को परिवार सहित ट्रेनों से भेजने के लिए रायपुर स्टेशन लाया गया था। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

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इनको दुर्ग-नवतनवा एक्सप्रेस और सारनाथ एक्सप्रेस से UP के ईंट-भट्टों पर मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन Patrika की सूचना पर जिला कलक्टर ओपी चौधरी तत्काल हरकत में आए और इनमें से लगभग 500 मजूदरों को स्टेशन पर ही रोक लिया गया। उन्होंने जनरल टिकट काउंटर वाले हॉल और बाहर रहकर पूरी रात बिताई। कलक्टर के अनुसार मजदूरों के ग्रुप लीडरों को उनके खानपान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पलायन मामले में सरायपाली के मजदूरों के ठेकेदार पवन अग्रवाल को Custodyमें लिया गया है।

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दलाल मुकेश और नंदू भाग निकले
कलक्टर ओपी चौधरी के निर्देश पर नायब तहसीलदार, लेबर इंस्पेक्टर और गंज थाना प्रभारी स्टेशन पहुंचे। स्टेशन पर जैसे ही जांच शुरू हुई तो ठेकेदार के दलाल मुकेश और नंदू भाग निकले। उन्हें पुलिस पकड़ नहीं पाई। गंज थाना प्रभारी KRSinha ने बताया, पूछताछ में महासमुंद जिले के सांकरा, बसना, सरायपाली तथा पिथौरा सहित ओडिशा के कई गांवों के भी मजदूर मिले। 

मजदूरों का बड़ा जत्था दो ट्रेनों से निकल गया। यह तथ्य सामने आया कि जिस समय बड़ी संख्या में मजदूर स्टेशन पहुंचे थे, उस दौरान रेलवे पुलिस ने मजदूरों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। जो मजदूर प्लेटफार्म 5 और 6 में नहीं पहुंच पाए थे, उन्हें स्टेशन के मुख्य प्रवेशद्वार के पास रोक दिया गया।

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गुमराह करता रहा दलाल
ठेकेदार पवन अग्रवाल पुलिस और लेबर इंस्पेक्टर को पूछताछ करने के दौरान गुमराह करता रहा। उसके पास आधार कार्ड होने के बावजूद उसे दिखा नहीं रहा था। कड़ाई से पूछताछ के बाद उसने मजदूरों को ले जाने की बात कबूली। मजूदरों के ठेकेदार ने 15-15 मजदूरों पर एक मुखिया बना रखा था, जो गांव-गांव से ग्रामीणों को बरगला कर इकट्ठा करते थे। Policeजांच के दौरान कई मजदूरों के पास Ticket मिले तो कई के पास नहीं।

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बिलासपुर में नहीं रोक पाया प्रशासन
रायपुर में जिला प्रशासन ने जितनी तत्परता दिखाई, उतनी ही ढिलाई बिलासपुर के जिला प्रशासन की सामने आई। रायपुर से सूचना होने के बावजूद बिलासपुर का प्रशासनिक अमला देरी से स्टेशन पहुंचा, तब तक दोनों ही ट्रेन रवाना हो चुकी थीं। बिलासपुर के SDM नूतन कंवर ने यह स्वीकार किया कि रायपुर गंज पुलिस से बिलासपुर रेलवे पुलिस को मजदूरों के जाने की सूचना मिली थी, लेकिन ट्रेन रवाना हो जाने से मजदूरों को नहीं रोका जा सका।

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