Thursday, November 19, 2015

छत्तीसगढ़ ; दस दिन में पांचवी हत्या ,ये आतंकवाद नहीं तो क्या हैं खेत से पकड़कर भाई को पुलिस ने मार डाला; परिजन और ग्रामीणो का आरोप

 छत्तीसगढ़ ;  दस दिन में पांचवी हत्या ,ये आतंकवाद नहीं तो क्या हैं 
खेत से पकड़कर भाई को पुलिस ने मार डाला; परिजन और ग्रामीणो का आरोप 



जनपद सदस्य ने कहा दिनेश नहीं हो सकता नक्सली


 अगर मारना था पुलिस को तो वो माओवादी को मरती ,मेरे भाई को क्यों मारा ,वो तो सीधा साधा किसान  था और वो सुबह सुबह खेत में काम  करने गया था ,पुलिस उसे वही से पकड़ के यह ले गई और जेल भेजने के बजाय थाने ले जाके  फांसी लगा के मार डाला। 
फांसी लगा के मार  देने वाले दिनेश बामन  के भाई कोसो ने मुख्यालय आके पुलिस पे गंभीर आरोप लगाये ,उन्होंने कहा की पुलिस तीन लोगो को पकड ले गई थी जिनमे से दो लोगो को दूसरे दिन छोड़ दिया।  
अभुझमाड़ ओरझा  कोंडली निवासी पंधरू राम पिछले बुधवार को थाने अपने बेटे को देखने पहुंचे थे ,जहाँ उन्हें एक दिन बैठाये रखा  गया और कहा की उनका बेटा माओवादियों के लिए काम करता है। 
ओरझा जनपद सदस्य राजूराम बैजामि में कहा की में दिनेश को बचपन से जनता हूँ वो कभी गाव से बाहर भी नही गया और न वो कभी माओवादी रहा। 
दिनेश बमन की मौत की सूचना उसके परिवार को भी नहीं दे गई ,ओरझा जनपद सदस्य राजूराम जब बाजार करने नारायणपर पहुंचे तब उन्हें मालूम पड़ा ,  ओरझा जनपद अध्यक्ष सुख राम पोडियम ,पंचायत सचिव  सुखमती सहित गाव के लोग मिलके थाने गए और दिनेश के शव को सौंपने की मांग की। 
 पुलिस  ने उन्हें दिनेश का   शव सौंप दिया। 
[पत्रिका रायपुर 19 नवम्बर 2015 ]

सुरक्षाबलों की अभिरक्षा में आत्महत्या करने वाले कथित माओवादी के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते कहा है कि दिनेश को खेत से पकड़कर ओरछा पुलिस थाने ले गई थी उसके साथ गांव के तीन अन्य युवकों को भी पकड़ा गया था जिसे एक रात थाना में रखने के बाद गांव भेज दिया गया वहीं दिनेश को जेल भेजने की बात कही थी ,मृतक के भाई कोसो उसेंडी और सुखमन उसेंडी ने बताया कि दो सप्ताह पहले गांव में आठ लोगों के साथ मिलकर दिनेश धान काट रहा था उसी दौरान ओरछा से पुलिस वाले आए और चार लोगों को पकड़कर ले गए तीन लोगों को छोड़ दिया गया और दिनेश को जेल भेजने की बात कहते छूटकर आने के बाद शादी करने की सलाह दी थी 
इसके बाद मंगलवार को बताया गया कि पुलिस लाइन में उसने आत्महत्या कर ली है दिनेश के भाईयों का कहना है कि उनका भाई आत्महत्या नहीं कर सकता,
 वहीं इलाके के जनपद सदस्य राजूराम बैजामी ने यह खुलासा किया है कि दिनेश बचपन से ही गांव में रहता था, वह कभी भी गांव छोड़कर बाहर नहीं गया, इसके उलट पुलिस का कहना है कि दिनेश सुकमा जिले में सक्रिय नक्सलियों के दल में शामिल था और बहुत दिनों के बाद गांव आया था उसी दौरान सर्चिग अभियान में पुलिस के हत्थे चढ़कर आत्मसमर्पण करने की फरमाईश कर रहा था। 
बुधवार देर शाम परिजन पिकअप में दिनेश का शव कोडोली ले गए पुलिस डायरी में दिनेश को सेंट्रल रीजनल कमेटी के कंपनी नंबर दो का प्लाटून सदस्य बताया गया है बुधवार दोपहर एसडीएम चंद्रकांत कौशिक और तहसीलदार मुकेश रावटे की मौजूदगी में तीन डाक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम किया इसके बाद शव को अस्पताल के फ्रीजर में सुरक्षित रखवा दिया गया था पीएचक्यू के निर्देश पर पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई है
 मालूम हो कि इन्ट्रोगेशन सेल पुलिस लाइन में सोमवार शाम आत्मसमर्पण करने आए कथित माओवादी दिनेश के आत्महत्या करने के मामले में पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने सेल के एसआई समेत पांच जवानों को लापरवाही बरतने के कारण सस्पेंड कर दिया है 
कथित नक्सली का शव लेने आए भाईपुलिस पर पीड़ित पक्ष के द्वारा आरोप लगाया जाता है बस्तर में हर घटना के बाद पुलिस को बदनाम करने के प्रयास किए जाते हैं परिजनों ने जो आरोप लगाए हैं वह निराधार हैं 
ओमप्रकाश शर्मा , एएसपी नारायणपुर

[नईदुनिया  बस्तर 19 -11 -2015 ]

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