Friday, November 6, 2015

रायपुर की बलात्कार पीड़िता को कोई राहत नहीं

रायपुर की बलात्कार पीड़िता को कोई राहत नहीं

  • 5 नवंबर 2015
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रेप पीड़िताImage copyrightThink Stock
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से कोई 30 किलोमीटर दूर मंदिर हसौद थाने के एक गांव में 13 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और फिर पंचायत के फैसले ने न्याय और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
लगभग डेढ़ साल पहले गांव की 13 साल की बच्ची के साथ शादीशुदा और दो बच्चों के पिता गोवर्धन धीवर ने दुष्कर्म किया.
जब वह बच्ची गर्भवती हो गई तो पंचायत ने बच्ची को आरोपी के साथ ही रहने का फ़रमान सुना दिया.
बलात्कार का आरोपी बच्ची को अपने घर ले गया. वहां उसने और उसकी पत्नी ने बच्ची के साथ दुर्व्यवहार किया.
छत्तीसगढ़Image copyrightTameshwar Sinha
Image captionफ़ाइल फ़ोटो
पीड़िता के पिता के अनुसार, "मेरी बच्ची ने एक बेटी को जन्म दिया तो आरोपी ने उसे मार डालने की कोशिश की. उसे पटक कर उसके पैर तोड़ डाले गए. मेरी बेटी को खाना देना भी बंद कर दिया गया."
जब बात हद से ज़्यादा बढ़ गई तो पीड़िता अपने बेटी और माता-पिता के साथ थाने पहुंची. इस पर पंचायत ने परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया.
छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष शताब्दी सुबोध पांडेय कहती हैं, "हमारे हस्तक्षेप के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया और उसके खिलाफ दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट के तहत कार्रवाई की गई. पीड़िता फिलहाल महिला संरक्षण गृह में है. उसकी बच्ची को अनाथालय में रखा गया है."
गांव की महिला सरपंच ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि पंचायत का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.
रायपुर Image copyrightCG KHABAR
Image captionरायपुर पुलिस आईजी जीपी सिंह का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की है
रायपुर के आईजी, पुलिस जीपी सिंह का कहना है कि इस मामले में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की है और आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है.
उन्होंने कहा, "सामाजिक बहिष्कार की कोई बात सामने नहीं आई है. अगर ऐसा कुछ होगा तो हम उस पर भी ज़रूर कार्रवाई करेंगे."
सामाजिक कार्यकर्ता और परिवार न्यायालय की सदस्य सत्यभामा अवस्थी का कहना है कि इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की कमी के कारण जाति पंचायतें मज़बूत हो रही हैं.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए य

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