Thursday, October 8, 2015

भीमा मण्डावी को गोली मार दी अब उसकी लाश सबूत नष्ट करने के लिए पुलिस जला रही है -छत्तीसगढ़


भीमा मण्डावी को  गोली मार दी अब उसकी लाश सबूत नष्ट करने के लिए पुलिस जला रही है ; छत्तीसगढ़ 














जब आप यह लेख पढ़ रहे होंगे
ठीक उसी समय
सबूत नष्ट करने के लिए एक लाश जलाई जा रही होगी
सबूत नष्ट करने का काम पुलिस कर रही है
लाश है एक आदिवासी की 
पुलिस ने परसों इनकी हत्या करी थी

छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा जिले के नीलावाया गाँव का
आदिवासी भीमा माडवी अपने खेत पर जा रहा था
भीमा माडवी की उम्र पचास साल है
पुलिस वालों ने पूरे गाँव के आदिवासियों को डराने के लिए
भीमा को गोली मार दी
गोली मारने के बाद लाश को वहीं छोड़ कर
पुलिस वाले चले गए
भीमा का राशन कार्ड भी है
आधार कार्ड भी है

आदिवासियों ने सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी को बुलाया
सोनी और लिंगा कल उस गाँव में गए
सोनी और लिंगा ने पुलिस को सूचित किया कि आज हम मीडिया को लेकर दुबारा उस गाँव में जायेंगे
घबरा कर आज पुलिस सुबह सुबह नीलावाया गाँव में पहुँच गयी
पुलिस नें भीमा के परिवार वालों को धमकाया कि खबरदार अगर मीडिया के सामने लाश दिखाई
पुलिस ने मारे गए भीमा के परिवार से कहा कि चलो अभी लाश को जलाओ
परिवार वालों ने फोन पर सूचित किया कि हम डरे हुए हैं और
पुलिस के दबाव में लाश को जला रहे हैं
आप देख सकते हैं
यह सीधा सीधा सबूत नष्ट करने का मामला है
सबूत पुलिस नें नष्ट करवाए हैं
क्योंकि हत्या भी पुलिस नें करी थी
दादरी के अखलाक और छत्तीसगढ़ भीमा की हत्या एक ही उद्देश्य से करी गयी हैं
अख़लाक़ की हत्या क्यों करी गयी ?
ताकि हिन्दुओं की भावनाएं भड़का कर सत्ता अपने हाथ में ली जा सके
और सत्ता क्यों चाहिए ?
ताकि संसाधनों पर कब्ज़ा किया जा सके
ताकि सारी अमीरी अपने घर में भरी जा सके
ताकि अम्बानी और अदानी टाटा और जिंदल
की तिजोरियां भेरी जा सकें
ठीक इसी मकसद से दंतेवाड़ा के भीमा को मारा गया है
अखलाक और भीमा पर हमला एक ही मकसद से किया गया
है
दादरी और दंतेवाड़ा की लड़ाई एक ही है
देखो गरीबों तुम्हारा दुश्मन भी एक ही है
अलग अलग लड़ रहे हो इसलिए दुश्मन जीत रहा है
मिलकर लड़ोगे तो दुश्मन भाग खड़ा होगा
- हिमांशु कुमार
08/ 10 / 2015
11:09 AMa

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