Saturday, October 31, 2015

मौजूदा वक्त में अल्पसंख्यकों के मन में डर समाया हुआ है : नारायण मूर्ति

मौजूदा वक्त में अल्पसंख्यकों के मन में डर समाया हुआ है : नारायण मूर्ति

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मौजूदा वक्त में अल्पसंख्यकों के मन में डर समाया हुआ है : नारायण मूर्ति
इंफ़ोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: इंफ़ोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने NDTV Dialogues कार्यक्रम में कहा कि मौजूदा वक्त में अल्पसंख्यकों के मन में डर समाया हुआ है और देश के आर्थिक विकास के लिए इस डर को खत्म करना बहुत ज़रूरी है।

लग रहा है, यूपीए और एनडीए में कोई फर्क नहीं
देश में लगातार उठ रहे असहनशीलता के सवाल पर ये पहला मौका है, जब किसी दिग्गज बिज़नेस मैन ने अपनी आवाज़ उठाई हो। नारायण मूर्ति ने ये भी कहा कि उनके पास लगातार आ रहे ईमेल्स में लोग अपनी चिंताओं को व्यक्त कर रहे हैं और इस सबसे यही लग रहा है कि यूपीए और एनडीए सरकार में कोई फ़र्क ही नहीं है।

'आर्थिक प्रगति के लिए शांति और सौहार्द का माहौल जरूरी'
नारायण मूर्ति ने कहा, आर्थिक प्रगति के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरत लोगों के बीच शांति और सैहार्द का माहौल बनाने की है। लोगों के बीच भरोसे और उत्साह का माहौल होना ज़रूरी है। मैं नेता नहीं हूं और न ही राजनीति में कोई दिलचस्पी है, लेकिन सच्चाई ये है कि आज अल्पसंख्यकों के मन में डर है। उन लोगों में भी डर है जो अपने मूल प्रदेश को छोड़कर दूसरे प्रदेशों में रह रहे हैं।

जयंत सिन्हा ने दिया जवाब 
नारायण मूर्ति के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने जवाब दिया है। उन्‍होंने कहा, देश में सभी को आज़ादी है कि वे जहां जाना चाहें जाएं, जहां रहना चाहें रहें और अगर कहीं इस संवैधानिक आज़ादी का उल्लंघन होता है तो क़ानून की पूरी शक्ति इसे रोकने पर लगानी चाहिए। अगर एक वर्ग को लगता है कि वो असहनशीलता के माहौल में रह रहे हैं तो वो इसलिए नहीं है कि हम संविधान का पालन नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसलिए है क़ानून-व्यवस्था की स्थिति लोगों को आज़ादी से बोलने नहीं दे रही।

 

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