Friday, October 23, 2015

कल्लूरी नें आयता को बुला कर कहा तू नक्सली बन कर मेरे सामने आत्म समर्पण कर


कल्लूरी नें आयता को बुला कर कहा तू नक्सली बन कर मेरे सामने आत्म समर्पण कर



आयता एक आदिवासी युवक है
आयता छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में रहता है
आयता के इलाके में सरकार आदिवासियों की ज़मीनों को छीन कर बड़ी कंपनियों को देने में लगी हुई है
आदिवासी सरकार का विरोध करने की हिम्मत ना करें इसलिए आदिवासियों को डराने के लिए सरकार आदिवासियों पर हमले करती रहती है
पुलिस के बड़े अफसर कल्लूरी नें आयता को बुला कर कहा तू नक्सली बन कर मेरे सामने आत्म समर्पण कर
इससे मुझे इनाम मिलेगा और तुझे कुछ दिनों बाद मैं रिहा कर दूंगा
आयता नें कहा कि साहब क्या मेरे खिलाफ़ पुलिस के पास कोई शिकायत या केस है तो ज़रूर मुझे पकड़ लीजिए
लेकिन आप मुझे फर्ज़ी आत्म समर्पण करने के लिए क्यों कह रहे हैं ?
एक सप्ताह के बाद पुलिस आयता के घर पहुँची
आयता घर पर नहीं था
पुलिस नें आयता की पत्नी का अपहरण कर लिया
विरोध में पन्द्रह हजार आदिवासियों नें थाना घेर लिया
तीन दिन तक आदिवासियों नें थाने को घेर कर रखा
तीन दिन बाद घबरा कर सरकार नें आयता की पत्नी आदिवासियों को को वापिस सौंप दिया
सोनी सोरी ने आयता के साथ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रेस वार्ता करी
सोनी सोरी नें दहाड़ कर कहा यह रहा आयता
पुलिस में दम है तो इसे पकड़ कर दिखाए
इसके बाद आयता सर्वजनिक जीवन में भाग लेता रहा
आदिवासियों की एक बड़ी रैली में भाग लेने के बाद आयता अपने गाँव लौट रहा था
पुलिस नें अपनी पुरानी बेईज्ज़ती का बदला लेने के लिए आयता को पकड़ लिया
पुलिस नें आयता पर नक्सलवादी होने के पांच फर्ज़ी केस बना दिए
जेल में पुलिस अधिकारी कल्लूरी आयता से कहता था
कि सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन ना करने का वादा करो तो तुम्हें छोड़ देंगे
सोनी सोरी नें आयता को छुड़ाने के लिए कानूनी प्रयत्न शुरू कर दिए
आज आयता को सभी मामलों मे ज़मानत मिल गयी है
आयता आज फिर से अपने गाँव के आदिवासियों के बीच काम करने के लिए आज़ाद हो गया है
आदिवासियों का शानदार संघर्ष ज़िन्दाबाद
कारपोरेट और सरकारी लूट- दमन मुर्दाबाद

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