Saturday, October 24, 2015

पहाड़ी कोरवा की भूख से मौत के बाद मचा बवाल,

पहाड़ी कोरवा की भूख से मौत के बाद मचा बवाल, 


राज्यपाल से मिलने गांठ कांदा लेकर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश

Posted:IST   Updated:ISTraipur: turmoil, Hill Korwa after the death, to meet the governor brought Bhupesh lump Kanda
लंबूराम की मौत के बाद इलाके में अब तक एक तहसीलदार ने दस्तक दी है। पूरा प्रशासन इस बात को नकारने में लगा हुआ है कि लंबूराम की मौत भूख से हुई है।
रायपुर. पहाड़ी कोरवा की मौत के बाद जशपुर के सन्नापाट इलाके से जायजा लेकर राजधानी पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने बुधवार को राज्यपाल से उस गांठ कांदे को लेकर मुलाकात की जिसे खाकर लंबूराम कुछ दिनों तक जिंदा था। बघेल ने राज्यपाल को बताया कि गांव के अधिकांश ग्रामीणों के पास राशनकार्ड नहीं हैं। जिनके पास हैं वे किसी न किसी सूदखोर के पास गिरवी रखे हुए हैं।
बघेल ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि सूखे की स्थिति है ऐसे में गरीब पहाड़ी कोरवाओं की मौत भूख से हो सकती है। बघेल ने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें पूरे मामले की जानकारी लिखित में देने को कहा और आश्वस्त किया है कि इस बार वे जरूरी कार्रवाई करेंगे।
राजभवन के बाहर प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया से चर्चा में कहा कि सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक क्विंटल चावल रखने का निर्णय लिया था, लेकिन सन्नापाट के प्रत्येक टोले में गंभीर स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि गांव के अधिकांश घरों में अनाज मौजूद नहीं है। लंबूराम की मौत के बाद इलाके में अब तक एक तहसीलदार ने दस्तक दी है। पूरा प्रशासन इस बात को नकारने में लगा हुआ है कि लंबूराम की मौत भूख से हुई है।
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र हैं पहाड़ी कोरवा
बघेल ने कहा कि पहाड़ी कोरवा संरक्षित जनजाति है और वे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र हैं। उन्होंने बताया कि जो कांदा वे अपने साथ लेकर आए हैं उसे वे राष्ट्रपति को भी सौपेंगे और यह बताएंगे कि जिस राज्य के मुख्यमंत्री और अफसर राशन वितरण प्रणाली को सर्वश्रेष्ठ बताने में लगे हुए हैं, उसकी हकीकत क्या है? बघेल ने कहा कि जिस प्रदेश में लोगों को भूख मिटाने के लिए कंद-मूल का सहारा लेना पड़ रहा है उस राज्य के बारे में यह सोचा जा सकता है कि वहां किस तरह का सुशासन कायम है।

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