Thursday, October 22, 2015

कोयला खनन कंपनियों को दी गई 3 हजार करोड़ की रियायत जन विरोधी एवं कार्पोरेट परस्त निर्णय हैं



 कोयला खनन कंपनियों को दी गई 3 हजार करोड़ की रियायत जन विरोधी एवं कार्पोरेट परस्त निर्णय हैं 




राज्य सरकार के दुवारा अध्यादेश के माध्यम से कोयला खनन कंपनियों को दी गई 3 हजार करोड़ की रियायत जन विरोधी एवं कार्पोरेट परस्त निर्णय हैं –

राज्य सरकार इस अध्यादेश को तुरंत वापिस ले – छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन


छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के दुवारा 4 बड़ी कोयला कंपनियों बालको, हिंडाल्को, मोनेट, और एसीसी को 3 हजार करोड़ रूपये की स्टाम्प शुल्क में छूट दी गई हैं l राज्य सरकार का यह फेसला ना सिर्फ जन विरोधी बल्कि अमूल्य खनिज सम्पदा को कोड़ियो के दाम पर कार्पोरेट घरानों को सोपने की कोशिश हे, जिसका छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन तीव्र शब्दों में निंदा करते हुए विरोध करता हे l राज्य सरकार के दुवारा भारतीय स्टाम्प (छत्तीसगढ़ संसोधन) अध्यादेश 2015 लाकर मूल अधिनियम की अनुसूची 1 (क) में संसोधन करके खनन पट्टो पर लगने वाली स्टाम्प डयूटी में नीलामी की राशी पर छुट प्रदान की गई हे l


कोल ब्लाकों की नीलामी के 6 महीने के बाद भी कंपनियों के दुवारा उत्खनन शुरू करने की बजाये स्टाम्प ड्यूटी में रियायत के लिए राज्य सरकार पर दवाव बनाया जा रहा था, लेकिन यहाँ सबसे बड़ा सवाल हे, की नीलामी में भाग लेने वाली इन कंपनियों को पहले से ही पता था की नीलामी की राशी से स्टाम्प ड्यूटी के शुल्क में वृधि होगी और इन कंपनियों के दुवारा मुनाफे का आकलन करने के बाद ही नीलामी में भाग लिया गया होगा l फिर आज स्टाम्प ड्यूटी में माफ़ी कई गंभीर सवाल पैदा करता हे l राज्य सरकार के दुवारा यह कहना की महाधिवक्ता से अभिमत लिया गया हे, समझ से परे हैं क्यूंकि प्राकृतिक खनिज संसाधन समाज की संपदा हे l राज्य सरकार ने स्टाम्प शुल्क परिवर्तन से पहले ना तो जनता से कोई राय या परामर्श मांगी और ना ही विधानसभा में चर्चा करवाई गई हे l
भाजपा नीत केंद्र व राज्य सरकार कार्पोरेट घरानों को मुनाफा पहुचाने के लिए नीतियों और कानूनों में लगातार संशोधन कर रही हैं l प्राकृतिक संसाधनों की कार्पोरेट लूट को आसान बनाने में छत्तीसगढ़ सरकार हमेशा आगे रहती हे, स्टाम्प शुल्क में माफ़ी इसका ताजा उधारहण हैं l स्टाम्प शुल्क में माफ़ी मोदी सरकार के उन सभी दावों की भी पोल खोलता हे जिसमे यह कहा जा रहा था की नीलामी से सरकार के खजाने में करोड़ो रूपये जमा होगे l छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन पुनः राज्य सरकार के इस फेसले की निंदा करते हुए भारतीय स्टाम्प संसोधन अधिनियम को वापिस लेनें की मांग करता हैं l

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