Wednesday, October 28, 2015

हमारी गीता और पाकिस्तानी मसीहा !!



हमारी गीता और पाकिस्तानी मसीहा !!







गीता की भारत वापसी के बाद एक नाम उभर कर सामने आया है, वो है ईधी फाउंडेशन और उसके संस्थापक अब्दुल सत्तार ईधी साहब का, गीता उसका असली नाम नहीं है. ईधी फाउंडेशन के संस्थापक अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलक़ीस ईधी ने ही उनका नाम गीता रखा था !

आपको जानकर हैरानी होगी कि एक 'भारतीय' पाकिस्तान में लोगों के घावों पर मरहम लगाता है। जब भी कहीं आतंकवादी हमला होता है या कोई आपदा आती है, सबसे पहले उसके एम्बुलेंस मौके पर पहुंचकर लोगों की मदद करते हैं। ये हैं 83 वर्षीय अब्दुल सत्तार ईधी।

मौलाना ईधी सन् 1928 में भारत के गुजरात राज्य के बनतवा शहर में पैदा हुए थे। उनके पिता कपड़े के व्यापारी थे। वह जन्मजात लीडर थे और शुरू से ही अपने दोस्तों की छोटे-छोटे काम और खेल-तमाशे करने पर होसला अफ़ज़ाई करते थे। जब अनकी मां उनको स्कूल जाते समय दो पैसे देतीं थी तो वह उन में से एक पैसा खर्च कर लेते थे और एक पैसा किसी अन्य जरूरतमम्द को दे देते थे।

सन् 1947 में भारत विभाजन के बाद उनका परिवार भारत से पाकिस्तान आया और कराची में बस गया। 1951 में आपने अपनी जमा पूंजी से एक छोटी सी दुकान ख़रीदी और उसी दुकान में आपने एक डाक्टर की मदद से छोटी सी डिस्पेंसरी खोली।

ईधी के मानवता के लिए किये गए इस असाधारण योगदान को देखते हुए ही उन्हें 16वीं बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। यह अलग बात है कि उन्हें अब तक पुरस्कार नहीं मिला। लेकिन उन्हें कभी इसका मलाल नहीं रहा।

इस काम में जुटे उनके संगठन 'ईधी फाउंडेशन' की शाखाएं 13 देशों में हैं। जहां तक पाकिस्तान की बात है तो वहां की सरकार ईधी की सेवाओं पर बहुत हद तक निर्भर है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने 28 नवम्बर को उन्हें नोबेलशांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया। प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने उनसे भारत आने और यहां काम करने के लिए कहा था।

ईधी फाउंडेशन इस वक्त 13 देशों में सेवाएं दे रहा है। इनके पास 1,800 एम्बुलेंस हैं और देशभर में 450 केंद्र हैं।

घटनास्थल पर जल्द से जल्द पहुंचने के लिए ईधी फाउंडेशन के पास हवाई सेवा भी है। के पास तीन विमान और हेलीकॉप्टर हैं।

ईधी फाउंडेशन ने अब तक 40,000 नर्सों को प्रशिक्षण दिया है। 20,000 परित्यक्त बच्चों को बचाया गया, जबकि करीब 10 लाख बच्चों का जन्म ईधी के मातृत्व केंद्रों में हुआ।

अब्दुल सत्तार ईधी साहब को मिले सम्मान और पुरस्कार :-
1997 इदी फाउन्डेशन, गिनीज बुक में
1988 लेनिन शान्ति पुरस्कार
1986 रमन मैगसेसे पुरस्कार
1992 पाल हैरिस फेलो रोटरी इन्टरनेशनल फाउन्डेशन (Paul Harris Fellow Rotary International Foundation)
2000 अन्तर्राष्ट्रीय बालजन पुरस्कार (International Balzan Priz
26 मार्च 2005 आजीवन उपलब्धि पुरस्कार (Life Time Achievement Award)

मानवता के इस सच्चे सेवक को सलाम !!
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