कवासी कोसा की हत्या के विरोध में थाने का घेराव ,पथराव और लाश रख के प्रदर्शन
सुकमा / मुठभेड़ में मारे गए कवासी कोसा को निर्दोष बताते हुए आदिवासियों ने उसके शव को चिंतागुफा थाने के सामने रखकर गुरुवार की सुबह सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। बताया गया है कि कुछ आक्रोशित ग्रामीणों ने चिंतागुफा थाना व कैंप पर पथराव भी किया।
इससे पहले बुधवार शाम को पोस्टमार्टम के बाद परिजन कवासी कोसा का शव लेकर चिंतागुफा पहुंचे जिसके बाद नाराज परिजन और ग्रामीणों ने पथराव किया। चिंतागुफा में गुरुवार को एक दर्जन गांव के करीब दो हजार ग्रामीण एकजुट हुए थे। उन्होंने एक बड़ी रैली भी निकली ,पुलिस ने लाठी चार्ज करके ग्रामीणो को भगा भी दिया ,जैसा की कल बताया गया था की बुर्कापाल के सरपंच पारा निवासी कवासी कोसा को घर से लेजा के मुठभेड़ में मारा हुआ बताया ,जब की परिवार के लोगो का आरोप है की उसे जंगल में गोली मार दी ओर उसके पास से एक मॅगझिन मेगझीन बरामद बता दिया गया ,जब की उसके पास तो कुछ भी नहीं था ,कुछ ग्रामीणो का ये भी कहना है की कोसा महुआ बिन जंगल गया थ्य ,वह से उस ेपकड़ लिया गया। कवासी कोसा के परिजनों का आरोप है की फोर्स जबरन कोसा को अपने साथ ले गई थी।
इससे पहले बुधवार शाम को पोस्टमार्टम के बाद परिजन कवासी कोसा का शव लेकर चिंतागुफा पहुंचे जिसके बाद नाराज परिजन और ग्रामीणों ने पथराव किया। चिंतागुफा में गुरुवार को एक दर्जन गांव के करीब दो हजार ग्रामीण एकजुट हुए थे। उन्होंने एक बड़ी रैली भी निकली ,पुलिस ने लाठी चार्ज करके ग्रामीणो को भगा भी दिया ,जैसा की कल बताया गया था की बुर्कापाल के सरपंच पारा निवासी कवासी कोसा को घर से लेजा के मुठभेड़ में मारा हुआ बताया ,जब की परिवार के लोगो का आरोप है की उसे जंगल में गोली मार दी ओर उसके पास से एक मॅगझिन मेगझीन बरामद बता दिया गया ,जब की उसके पास तो कुछ भी नहीं था ,कुछ ग्रामीणो का ये भी कहना है की कोसा महुआ बिन जंगल गया थ्य ,वह से उस ेपकड़ लिया गया। कवासी कोसा के परिजनों का आरोप है की फोर्स जबरन कोसा को अपने साथ ले गई थी।
कवासी कोसा की हत्या के विरोध में चिंतागुफा में लगने वाले साप्ताहिक बाजार का बहिष्कार भी किया ,ग्रामीण ने बाजार में आये ब्यपारियो को भगा दिया।
सुबह शव रखकर थाने के सामने प्रदर्शन करने के बाद दोपहर को ग्रामीण रैली निकालते हुए शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। इस दौरान फोर्स के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की। [ भास्कर ,पत्रिका ,4 ,4 ,15 ]
सुबह शव रखकर थाने के सामने प्रदर्शन करने के बाद दोपहर को ग्रामीण रैली निकालते हुए शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। इस दौरान फोर्स के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की। [ भास्कर ,पत्रिका ,4 ,4 ,15 ]
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