Monday, April 20, 2015

सरहद हुई लाल, मुआवजे की खातिर आर-पार की लड़ाई

सरहद हुई लाल, मुआवजे की खातिर आर-पार की लड़ाई




सरहदी गांव सनावल से लगे अमवार में उत्तरप्रदेश सरकार की 22 सौ करोड़ की महत्वाकांक्षी कन्हर डेम परियोजना मूर्त रूप ले रही है।
अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरहदी गांव सनावल से लगे अमवार में उत्तरप्रदेश सरकार की 22 सौ करोड़ की महत्वाकांक्षी कन्हर डेम परियोजना मूर्त रूप ले रही है। इस डेम के बनने से उत्तरप्रदेश के 11 व छत्तीसगढ़ के 18 गांवों के डुबान में आने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। झारखंड के कुछ गांवों के भी प्रभावित होने की चर्चा है। ऐसे में अब सरकार और ग्रामीण आमने-सामने हो गए हैं। डुबान क्षेत्र के प्रभावितों और सरकार के बीच हिंसक मंगलवार को हिंसक झड़प हुई थी।
इसके किनारे पर हजारों प्रभावित पिछले करीब 6 महीने से धरने पर बैठे हैं। प्रभावितों का आरोप है कि उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। \'पत्रिका\' से बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने उन्हें अब तक उचित मुआवजा नहीं दिया है। धरने पर बैठे मो. शादिक व अन्य प्रभावितों का कहना है कि सरकार ने कुल 1810 लोगों को मुआवजा देने के लिए चिन्हांकित किया है, जबकि गांव के करीब 7 हजार से अधिक लोगों की जमीन प्रभावित हो रही है।
छग सरकार नहीं देगी मुआवजा
प्रोजेक्ट में लेटलतीफी का एक बड़ा कारण छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश व झारखंड सरकार का एकराय न हो पाना है। राज्य सरकार ने न्यायालयीन प्रक्रियाओं के बाद इस शर्त पर बांध बनाने की अनुमति दी है कि वह प्रभावितों को मुआवजा नहीं देगी। ऐसे में यूपी सरकार छग के डुबान क्षेत्र में आने वाले प्रभावितों का भी मुआवजा देने के लिए बाध्य है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि छत्तीसगढ़ के प्रभावितों का आरोप है कि छग सरकार भी उनकी कोई मदद नहीं कर रही है।
चल रहा सर्वे
ग्रामीणों ने बताया कि सनावल से लगे गांवों में पिछले दो महीने से फिर से सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे टीम के सदस्यों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के किसी भी गांव के लोगों को डेम से नुकसान नहीं होगा। डेम के निर्माण से केवल वनभूमि प्रभावित होगी।
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