आदिवासियों में इकट्ठे होकर बैठकर फैसले लेने की प्रथा है .
आदिवासी बहुत सभ्य हैं .
[himanshu kumar ]
सभ्य शब्द सभा से बना है .
मनुष्य के सभ्य होने का शब्द उसके सभा में बैठकर फैसले लेने की शुरुआत करने पर आया .
उससे पहले मनुष्य लड़कर ताकत के बल पर फैसले करता था .
आदिवासियों में इकट्ठे होकर बैठकर फैसले लेने की प्रथा है .
आदिवासी बहुत सभ्य हैं .
सरकार आदिवासियों के इकट्ठे बैठने से बहुत घबराती है .
छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में पिछले साल परम्परागत तौर पर इकट्ठे बैठ कर बीज बीज पंडूम मनाते समय आदिवासियों पर हमला करके नौ आदिवासियों को पुलिस ने मार डाला था
उससे पिछले साल सारकेगुडा में भी इकट्ठा होकर बीज पंडूम मनाते समय सत्रह आदिवासियों को सीआरपीएफ ने गोली से उड़ा दिया था . इनमे सात छोटे बच्चे- बच्चियां भी थे .
आजकल छत्तीसगढ़ के बस्तर में बीज बीज पंडूम मनाया जा रहा है .
मैं आशंका से भरा हुआ था कि इस साल भी कोई ना कोई बुरी खबर ज़रूर आयेगी .
खबर आयी .
बस्तर ज़िले के मुदेनार गाँव में सत्रह तारीख को गाँव वाले इकट्ठा होकर परम्परागत बीज बीज मना रहे थे .
पुलिस ने हमला किया .
एक आदिवासी भीमा को तीन गोली मारी गयी
पुलिस द्वारा कई आदिवासियों को पीटा गया .
पुलिस तीन आदिवासियों को पकड़ कर ले गयी
गाँव वालों ने घायल आदिवासी को खाट पर डाला और कंधे पर ढो कर थाने के सामने आ गए .
घायल व्यक्ति की तरफ से पुलिस को इस घटना की रिपोर्ट दी गयी
उसके बाद सोनी सोरी और उनकी महिला वकील घायल व्यक्ति को जगदलपुर अस्पताल ले गए
अस्पताल पहुँचते ही पुलिस ने अस्पताल को चारों तरफ से घेर लिया और घायल आदिवासी को अपने कब्ज़े में ले लिया .
घायल आदिवासी को सोनी सोरी और उसके वकील से भी नहीं मिलने दिया जा रहा है
संविधान के अनुसार पुलिस इस तरह एक नागरिक को उसके कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं कर सकती
लेकिन आदिवासियों को हम अपने जैसा नागरिक कहाँ मानते हैं ?
आदिवासियों को डरा धमका कर उनकी ज़मीनों पर तो अमीर कंपनियों का कब्ज़ा करवाना है ना ?
इसलिए विकास के लिए भूखे हम , हमारी सरकार , हमारे कोर्ट सब वैसे ही चुप हैं जैसे अमरीका कैनाडा और आस्ट्रेलिया के आदिवासियों के जनसंहार के समय सब चुप थे
इसके बाद हम फिर से धार्मिक सभ्य और लोकतान्त्रिक होने का ढोंग करने लगेंगे
जैसे आदिवासियों के खून से लिथड़े हुए अमरीका कनाडा और आस्ट्रेलिया खुद को सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक राष्ट्र बताते हैं
उसी तरह हम भी अपने आदिवासियों को मार कर फिर से ढोंग करने लगेंगे .
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