Friday, October 7, 2016

छत्तीसगढ़ के IAS ने दीनदयाल उपाध्याय की हैसियत पर उठा डाला सवाल

** छत्तीसगढ़ के IAS ने दीनदयाल उपाध्याय की हैसियत पर उठा डाला सवाल
**कहा- कोई तो बताये मुझे…उपाध्याय की उपलब्धि क्या रही
** तायल ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि उपध्याय का लेखक या विचारक के रूप में एक भी ऐसा काम नहीं है जिससे उनकी विचारधारा समझी जा सकें। वेबसाइटों में ढूंढने पर एकात्म मानवतावाद पर उनके सिर्फ चार लेक्चर मिलते हैं।
** न कोई चुनाव लड़ा और ना ही उनकी अपनी कोई विचारधारा
** आईएएस जैसे प्रश्न तो कभी मायावती ने भी नहीं पूछा
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रायपुर, 7 अक्टूबर 2016 / एक युवा आईएएस ने फेसबुक पर पं0 उपध्याय की हैसियत पर सवाल खड़े कर सरकार को सकते में डाल दिया है। इस कामरेड आईएएस का नाम है शिव अनंत तायल।

 कांकेर जिला पंचायत के सीईओ 2012 के आईए है ,तायल की फेसबुक पोस्ट आज सुर्खियो में है। इसलिए, क्योंकि उन्होंने कोई छोटे-मोटे आदमी पर सवाल नहीं उठाया है। सीधे आरएसएस के पितृ पुरुष पं0 उपध्याय की बखिया उधेड़ दी है। पं0 उपध्याय बीजेपी नेताओं के लिए न केवल प्रातः स्मरणीय हैं बल्कि भारत सरकार से लेकर छत्तीसगढ़ समेत आधा दर्जन से अधिक राज्य सरकारें उनकी आइडियोलॉजी पर चलती है।
 25 सितंबर को केरल के कोझीकोड में बीजेपी ने जन्मशती समारोह आयोजित किया तो उसमें प्रधानमंत्री से लेकर पार्टी के तमात दिग्गज नेता मौजूद थे। तायल जिस सरकार के अधीन नौकरी कर रहे हैं, उसके मुखिया डा0 रमन सिंह भी वहां थे। छत्तीसगढ़ सरकार ने वहां एक किताब का विमोचन कराया। जिसमें ब्यौरा है कि सरकार ने पं0 उपध्याय की नीतियो को आत्मसात कर कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है।

तायल ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि उपध्याय का लेखक या विचारक के रूप में एक भी ऐसा काम नहीं है जिससे उनकी विचारधारा समझी जा सकें। वेबसाइटों में ढूंढने पर एकात्म मानवतावाद पर उनके सिर्फ चार लेक्चर मिलते हैं। वो भी वह पहले से स्थापित आइडियाज थे। उपध्याय ने कोई चुनाव भी नहीं लड़ा।

इतिहासकार रामचंद गुहा की पुस्तक मेकर्स ऑफ मार्डन इंडिया में आरएसएस के तमाम बड़े लोगों का जिक्र है। मगर उसमें उपध्याय की कोई चर्चा नहीं है।न्यूपावरगेमडाटकॉम।।
तायल डायरेक्ट आईएएस हैं। इसलिए, बड़ी चतुराई के साथ पोस्ट की एंडिंग की है। उपर की पंक्तियों में पं0 उपध्याय की हैसियत बताने वाले तायल अचानक जिज्ञासु विद्यार्थी बन गए हैं। उन्होंने पूछा है कि मेरे अकादमिक जानकारी के लिए कोई तो पं0 उपध्याय के जीवन पर प्रकाश डाले। मतलब यह कि सरकार पूछे तो बचाव में यह तर्क रहे कि मैं पं0 उपध्याय के योगदान के बारे में अनभिज्ञ था। मुझे कुछ पता नहीं। इसलिए, मैं जानना चाहता था। जैसे कि अलेक्स पाल मेनन ने न्यायपालिका को कटघरे में यह कहकर खड़ा कर दिया था कि 90 फीसदी से अधिक अल्पसंख्यकों एवं अनुसूचित जाति को फांसी की सजा होती है। और, सरकार की नोटिस के बाद यह कहकर माफी मांग ली कि मैं तो मित्रों के साथ चेट कर रहा था।

सुबह नौ बजे तायल ने यह पोस्ट किया और दोपहर में इसे हटा दिया। उसकी स्क्रीन शॉट इसकी चुगली कर रही हैन्यूपावरगेमडाटकॉम।।?

सरकार की कमजोरी

तायल द्वारा पं0 उपध्याय की हैसियत पर सवाल उठाने को बीजेपी ने सरकार की कमजोरी करार दिया है। एक शीर्ष नेता ने नाम न लिखने की शर्त पर कहा कि अक्षम्य अपराध के बाद भी सरकार ने अलेक्स को माफी देकर छोड़ दिया। तायल को अगर पं0 उपध्याय के बारे में जानना ही था तो हाल में सरकार द्वारा प्रकाशित अमल को पढ़ लेते। फेसबुक पर सवाल पूछने की क्या जरूरत थी। भाजपा नेता ने कहा कि सोशल मीडिया में सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिए तायल ने यह पोस्ट किया है। आईएएस ने पं0 उपध्याय के बारे में जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वैसा कभी मायावती ने भी नहीं किया। बाकी पार्टियां भी पं0 उपध्याय के योगदान का सम्मान करती

 हैन्यूपावरगेमडाटकॉम।।

(संजय दीक्षित की वाल से)

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