Monday, October 24, 2016

विरोध जताने के लिये पुलिस ने जलाये पुतले -बीबीसी

विरोध जताने के लिये पुलिस ने जलाए पुतले

  • 6 घंटे पहले
पुलिस जवानों ने पुतले जलायेImage copyrightBHOOMKAL SAMACHAR
Image captionसुकमा, बस्तर और दंतेवाड़ा के पुलिस जवानों ने सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पुतले जलाए.
छत्तीसगढ़ के सुकमा, बस्तर और दंतेवाड़ा के पुलिस जवानों ने बस्तर संभाग के कई ज़िला मुख्यालयों पर सामाजिक और राजनीतिक दल के लोगों के पुतले जलाये जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है.
पुलिस के जवानों ने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश, बेला भाटिया, हिमांशु कुमार, मालिनी सुब्रह्मण्यम, बस्तर के पूर्व विधायक और आदिवासी महासभा के महासचिव मनीष कुंजाम, आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका नंदिनी सुंदर के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की और इनके पुतले जलाये.
विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे संवैधानिक व्यवस्था भंग होने की स्थिति का परिचायक बताया है, वहीं सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने इसे पुलिस की भावनाओं से जोड़ा है.
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा, "बस्तर के हितचिंतक सड़क पर आये हैं. हो सकता है कि उसमें कुछ पुलिस वाले भी शामिल हों. बस्तर के जो रहने वाले हैं, उनकी भी भावनाएं हैं."
पुतले जलाते हुए पुलिस जवानImage copyrightBHOOMKAL SAMACHAR
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका नंदिनी सुंदर की एक याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2011 में सुकमा ज़िले के ताड़मेटला, मोरपल्ली और तिम्मापुर में आदिवासियों के 252 घर जला दिए गए थे और यह काम विशेष पुलिस अधिकारियों ने किया था.
बस्तर के आईजी पुलिस शिवराम प्रसाद कल्लूरी ने सीबीआई की इस रिपोर्ट को ग़लत बताते हुये नंदिनी सुंदर और स्वामी अग्निवेश पर माओवादी समर्थक होने का आरोप लगाया. इसके अलावा कल्लूरी ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल का नाम लिये बिना बस्तर में पुलिस कार्रवाई की आलोचना करने वालों को देशद्रोही भी बताया.
शिवराम प्रसाद कल्लुरी के इस बयान की राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने आलोचना की तो सोमवार को पुलिस के जवानों ने एक बार फिर अपना मोर्चा खोला और पुतला दहन का कार्यक्रम किया.
पुतले जलाते हुए पुलिस जवानImage copyrightBHOOMKAL SAMACHAR
कांग्रेस पार्टी ने पुतला जलाने वाले पुलिस जवानों की कड़ी आलोचना करते हुये कहा है कि बस्तर में संवैधानिक व्यवस्था भंग होने की स्थिति पैदा हो गई है.
कांग्रेस पार्टी की नेता किरणमयी नायक ने कहा, "बस्तर में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार अपना पूरा नियंत्रण खो चुकी है. बस्तर के आईजी पुलिस शिवराम प्रसाद कल्लूरी सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई रिपोर्ट के बाद से बौखला गये हैं. हम जल्दी ही उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर करने वाले हैं. "
अपना पुतला जलाये जाने से नाराज़ आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी ने कहा कि बस्तर में पुलिस राजनीतिक दल की भूमिका में आ गई है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि बस्तर में पुलिस की ज्यादतियों का जो भी विरोध करेगा, उसे पुलिस हर तरीक़े से डराएगी.
सोनी सोरीImage copyrightALOK PUTUL
Image captionआम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी
सोनी सोरी ने कहा, "बस्तर के आईजी पुलिस शिवराम प्रसाद कल्लूरी के इशारे पर जो कुछ हो रहा है, उससे यह लगता है कि बस्तर एक अलग राज्य है और कल्लूरी यहां के मुख्यमंत्री हैं. लेकिन इस तरह की हरकतों से मैं डरने वाली नहीं हूं."
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा का कहना था कि पुलिस के जवानों ने कामकाज के समय में, वर्दी पहन कर सामाजिक और राजनीतिक दल के लोगों का पुतला जलाया, यह पूरी तरह से शासकीय सेवा नियमों का उल्लंघन है.
वर्मा ने कहा, "ऐसे पुलिसकर्मियों को तत्काल नौकरी से निलंबित कर उन्हें नौकरी से हमेशा-हमेशा के लिये हटाने की कार्रवाई की जानी चाहिए. किसी भी शासकीय सेवक का इस तरह का कृत्य असंवैधानिक है."
इस संबंध में हमने राज्य के गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा समेत राज्य के आला पुलिस अधिकारियों से कई बार संपर्क किया लेकिन उनका पक्ष हमें नहीं मिल सका.
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