Sunday, November 6, 2016

बिजली कंपनियां निजी हाथों में - छत्तीसगढ़




बिजली कंपनियां निजी हाथों में
Monday, November 7, 2016
सीजी खबर
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रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की बिजली कंपनियां निजी होने जा रही है. इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि विद्युत सुधार अधिनियम 2003 में संशोधन कर साल 2013 में छत्तीसगढ़ विद्युत मर्यादित कंपनी को पब्लिक लिमिटेड कंपनी में परिवर्तित कर दिया गया था. अब 2016 में अधिनियम में संशोधन कर पुन: पब्लिक लिमिटेड कंपनी को प्राइवेट में बदलने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए कंपनी ने मंत्रीमंडल में सुधार की अनुमति मांगी थी. जिसे कैबिनेट में मंजूरी दे दी और ऊर्जा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.

इस आदेश के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड का निजीकरण कर दिया जायेगा.

ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-18 के प्रावधानों के परिपेक्ष्य में राज्य की पॉवर कंपनियों को पब्लिक कंपनी से प्राइवेट कंपनी में परिवर्तन के फलस्वरूप उक्त पांच पॉवर कंपनियों के वर्तमान स्वामित्व, देनदारियों, दायित्वों, ऋणों या अनुबंधों पर किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा.

लेकिन ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव द्वारा जारी आदेश में कर्मचारियों के सेवा शर्तों का उल्लेख नहीं किया गया है. जिसकी वजह से कर्मचारियों में वेतन, पेंशन सहित मिलने वाली अन्य सुविधाओं को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई हैं.

जानकारों का कहना है कि निजीकरण से बिजली कंपनियां कैग तथा सूचना के अधिकार के दायरे से बाहर हो जायेंगी.

बहरहाल, इस आदेश के बाद इन कंपनियों में काम करने वाले 17 हजार कर्मचारी संशय की स्थिति में है. वहीं, कर्मचारी यूनियन इसका विरोध कर रही है.

कर्मचारी नेता बस्तर के नगरनार प्लांट के विनिवेश का उदाहरण देकर कह रहे हैं कि अभी वहां का विनिवेश शुरु भी नहीं हुआ है कि टाटा-अडानी जैसी कंपनियां वहां मंडराने लगी है.
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