Tuesday, November 8, 2016

माकपा राज्य सचिव संजय पराते सहित दिल्ली के बुद्धिजीवियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज किये जाने की तीखी निंदा की है

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
छत्तीसगढ़ राज्य समिति
पार्टी पर हमले का मुंहतोड़ जवाब देगी माकपा
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के छत्तीसगढ़ राज्य सचिवमंडल ने माकपा राज्य सचिव संजय पराते सहित दिल्ली के बुद्धिजीवियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज किये जाने की तीखी निंदा की है तथा इसे संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों, राजनीतिक पार्टियों और आम जनता के बुनियादी अधिकारों पर हमला पर हमला करार दिया है. पार्टी ने भाजपा सरकार से मांग की है कि झूठी एफआईआर खरिज की जाएं तथा दोषी अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही की जाएं.

माकपा राज्य सचिवमंडल द्वारा जारी एक बयान में यह रेखांकित किया गया है कि पार्टी राज्य सचिव संजय पराते को एक ऐसे हत्या के मामले में फंसाना, जिसमें वे घटनास्थल से 400 किमी. दूर थे और जिनका इस हत्या से कोई लेना-देना नहीं, एक राजनैतिक दल के रूप में पार्टी पर किया गया सीधा हमला है और पार्टी इस हमले का राजनैतिक और कानूनी तरीके से मुकाबला करेगी. माकपा ने अपनी सभी ईकाईयों से तत्काल विरोध कार्यवाहियां आयोजित करने और मुख्यमंत्री रमनसिंह को फैक्स/मेल द्वारा विरोध ज्ञापन भेजने का आह्वान किया है. माकपा सचिवमंडल ने इस मामले में तमाम लोकतांत्रिक-धर्मनिरपेक्ष ताकतों, संगठनों और व्यक्तियों को एकजुट कर कड़ा संघर्ष छेड़ने का संकल्प लिया है.

माकपा ने कहा है कि इस देश का संविधान और क़ानून इस देश के राजनैतिक दलों को इस देश के किसी भी हिस्से में जाने, आम जनता को उनकी समस्याओं पर संगठित करने तथा लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन करने का अधिकार देता है. लेकिन रमण-मोदी राज में इस अधिकार पर ही हमला किया जा रहा है और यह झूठी एफआईआर इसी हमले की एक कड़ी है.

माकपा ने कहा है कि पार्टी सचिव सहित उक्त लोगों को मई माह में भी राजनैतिक रूप से प्रताड़ित करने तथा झूठे मुक़दमे बनाकर गिरफ्तार करने की कोशिश की थी. तब माकपा महासचिव सीताराम येचुरी औए भाकपा महासचिव बी. सुधाकर रेड्डी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह तथा गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर मांग की थी कि आम जनता के राजनैतिक गतिविधियों में शामिल होने तथा उनके मानवाधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित किया जाएं.

माकपा सचिवमंडल ने पार्टी पोलित ब्यूरो द्वारा जारी बयान को भी अपनी विज्ञप्ति के साथ जारी करते हुए कहा है कि माकपा बस्तर और आदिवासियों के हितों के मुद्दों को पुरजोर ढंग से उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी और रमन सरकार के ऐसे हमलों को बर्दाश्त भी नहीं करेगी.

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