लो करलो बात
आपातकाल के पिता श्री कलेक्टर इंदौर
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इंदौर में नोटबंदी की आलोचना पर सरकारी बैन.
Wednesday, November 23, 2016
Cg khabar
भोपाल | संवाददाता: मध्यप्रदेश के इंदौर में सरकार ने नोटबंदी की आलोचना पर प्रतिबंध लगाते हुये इसे दंडनीय अपराध घोषित कर दिया है.एक सरकारी आदेश में नोटबंदी को लेकर किसी भी तरह की आलोचनात्मक टिप्पणी को गैरकानूनी बताते हुये कहा गया है कि सोशल मीडिया में इस मुद्दे पर टिप्पणी करना दंडनीय अपराध माना जायेगा.
इंदौर ज़िले के कलेक्टर ने अपने आदेश order/2956/RADM/2016, Indore/Date 14/11/2016 under Section 144) banning criticism on social media such as Twitter, Facebook, WhatsApp, etc. के द्वारा सोशल मीडिया पर नोटबंदी से संबंधित किसी भी तरह की आलोचना पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इस आदेश में पुराने नोटों के बारे में किसी भी तरह की टिप्पणी, नोटों के बदले जाने में होने वाली परेशानी तथा सरकार की आलोचना को दंडनीय अपराध बताया गया है.
सरकार के इस आदेश को लेकर आलोचना भी शुरु हो गई है. मध्यप्रदेश माकपा के सचिव और माकपा के केन्द्रीय समिति सदस्य बादल सरोज ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके इसकी कड़ी आलोचना की है. उन्होंने इस निर्णय को नौकरशाहाना बेहूदगी और संविधान की नासमझी का असाधारण उदाहरण करार दिया है. माकपा ने इस प्रतिबंध के विरुद्ध मुहिम छेड़ने के लिए फ्री सॉफ्टवेयर मूवमेंट ऑफ़ इंडिया के प्रति एकजुटता व्यक्त किया है.
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आपातकाल के पिता श्री कलेक्टर इंदौर
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इंदौर में नोटबंदी की आलोचना पर सरकारी बैन.
Wednesday, November 23, 2016
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भोपाल | संवाददाता: मध्यप्रदेश के इंदौर में सरकार ने नोटबंदी की आलोचना पर प्रतिबंध लगाते हुये इसे दंडनीय अपराध घोषित कर दिया है.एक सरकारी आदेश में नोटबंदी को लेकर किसी भी तरह की आलोचनात्मक टिप्पणी को गैरकानूनी बताते हुये कहा गया है कि सोशल मीडिया में इस मुद्दे पर टिप्पणी करना दंडनीय अपराध माना जायेगा.
इंदौर ज़िले के कलेक्टर ने अपने आदेश order/2956/RADM/2016, Indore/Date 14/11/2016 under Section 144) banning criticism on social media such as Twitter, Facebook, WhatsApp, etc. के द्वारा सोशल मीडिया पर नोटबंदी से संबंधित किसी भी तरह की आलोचना पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इस आदेश में पुराने नोटों के बारे में किसी भी तरह की टिप्पणी, नोटों के बदले जाने में होने वाली परेशानी तथा सरकार की आलोचना को दंडनीय अपराध बताया गया है.
सरकार के इस आदेश को लेकर आलोचना भी शुरु हो गई है. मध्यप्रदेश माकपा के सचिव और माकपा के केन्द्रीय समिति सदस्य बादल सरोज ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके इसकी कड़ी आलोचना की है. उन्होंने इस निर्णय को नौकरशाहाना बेहूदगी और संविधान की नासमझी का असाधारण उदाहरण करार दिया है. माकपा ने इस प्रतिबंध के विरुद्ध मुहिम छेड़ने के लिए फ्री सॉफ्टवेयर मूवमेंट ऑफ़ इंडिया के प्रति एकजुटता व्यक्त किया है.
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