आदिवासीयों की हत्या की एकसी कहानी : फिर दोहरा दी पुलिस ने.
वंजाम नंदा की फर्जी मुठभेड़ में हत्या , परिवार वालोँ का आरोप .
बस्तर में हत्या का यही पेटर्न बन गया है .
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दोरनापाल /बस्तर
कल रात को दोरनापाल के गांव अमरापल्ली में रात बारह बजे से एक बजे के बीच पुलिस वंजाम नंदा के घर पहुची और उसे सोते से उठाया और बुरी तरह मारपीट करने लगी . गांव के कुछ लोग और उसकी पत्नी ने इसका विरोध किया ,पुछा इसने किया क्या है .
पुलिस नंदा को घसीटते हुये जंगल में ले गई.
सुबह चार बजे गोलियों की आवाज़ आई और दो घंटे बाद यह कहा गया कि मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया.
हत्या की एक सी कहानी फिर दोहरा दी गई ,बस्तर में आदिवासियों की निर्मम हत्या का यही पेटर्न बन गया है .
पुलिस ने यह भी कहा कि नंदा के पास नक्सली साहित्य बरामद हुआ है ,मानो नंदा साहित्य लेके ही घरमें सो रहा था और पुलिस मय साहित्य के पकड ले गई थी.
पुलिस ने दावा किया कि उसे मेडवाही इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया है . पुलिस ने दावा किया कि दोरनापाल में डीआरजी एवं एवं पुलिस बल ने जनमिलिशिया कमांडर वंजाम नंदा को मुठभेड़ में मार गिराया है. नंदा पर 12 वारंट जारी किये गये गये थे.
ग्रामीणों ने इस पूरी कहानी को फर्जी बताया है और नंदा के शव को पोलमपल्ली लाने की मांग की है .
सोमवार को अरलपल्ली में बड़ी संख्या में ग्रामीण वंजाम नंदा के घर इकट्ठे हो गये. उन ग्रामीणों ने घटना की निंदा करते हुये पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये.
ग्रमीणों और परिजनों का आरोप है कि वंजाम नंदा का नक्सलियों से कोई लेना देना नहीं है ,वह सामान्य ग्रमीण था और अपनी खेतीबाड़ी करता था .पुलिस गांव के कई लोगों के खिलाफ वारंट जारी करती रहती है जिसका पता हमें किसी को मालुम नहीं होता ,घटना के बाद मालुम पडता है कि पुलिस ने वारंट जारी किया है .
एसे बहुत से गाँव है जिनमें सभी नौजवानों के खिलाफ वारंट जारी किये गये है ,लेकिन वे अपने गांव में सामान्य जीवन बसर कर रहे है . जब चाहें पुलिस उन्हें अपना कोटा पूरा करने या ईनाम कि लालच में या तो पकड लेती है या मुठभेड़ बता कर मार देती है .
गांव में भारी रोष और निराशा है .
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15.11.2016
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