रिश्वत मामले में बढ़ सकती हैं पीएम मोदी की मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
Created By : नेशनल दस्तक ब्यूरो Date : 2016-11-22Time : 16:05:13 PM
नई दिल्ली। गुजरात के सीएम रहते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सहारा और बिड़ला कंपनियों से घूस लिए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को है। सहारा और बिड़ला ग्रुप की ओर से राजनेताओं को फंड देने के आरोप की याचिका सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट का तैयार हो जाना एक बड़ा घटनाक्रम है। दरअसल इन दो बड़ी कंपनियों पर पड़े छापों में बरामद दस्तावेजों की जांच के लिए गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
एनजीओ का आरोप है कि इन दोनों कंपनियों पर पड़े छापों में कई दस्तावेज बरामद हुए थे, जिनमें देश की अलग-अलग पार्टियों के नेताओं और अधिकारियों को फंडिंग देने का उल्लेख किया गया है। कॉमन कॉज ने नेताओं को दी गई फंडिंग की जांच कराने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने की अपील की थी।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि आदित्य बिड़ला ग्रुप पर अक्टूबर 2013 में छापा मारा गया था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सभी दस्तावेज जब्त किए थे। उस वक्त बिड़ला ग्रुप के ग्रुप एक्जीक्यूटिव शुभेंदू अमिताभ के लैपटॉप और ब्लैकबेरी को चेक किया गया था। इसमें एक एंट्री गुजरात सीएम के नाम 25 करोड़ रुपए की पाई गई है।
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उन्होंने कहा, गुजरात के सीएम के आगे 25 करोड़ और ब्रैकेट में लिखा है 'डन'। गुजरात का सीएम कौन थे उस टाइम, नरेंद्र मोदी जी थे। सहारा पर कई बड़े राजनेताओं को पेमेंट देने का आरोप है। इसमें 2013-14 में गुजरात, दिल्ली, छत्तीगढ़ और मध्य प्रदेश के सीएम को बड़ी राशि देने की एंट्री की गई है।
गौरतलब है कि सु्प्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण देश की प्रमुख आधा दर्जन से अधिक सरकारी जांच एजेंसियों को लिखकर बता चुके थे कि न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ने बल्कि देश के अन्य तीन और मुख्यमंत्रियों ने करोड़ों का कैश उद्योगपतियों से वसूला है। प्रशांत भूषण ने जिन एजेंसियों को डाक्यूमेंट्स भेजे हैं, उनमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा कालेधन को लेकर बनाई गई दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम, निदेशक सीबीआई, निदेशक ईडी, निदेशक सीबीडीटी और निदेशक सीवीसी शामिल हैं।
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